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दलबीर बीएसएफ के 'पदक वीर'

मॉडल टाउन के शांति नगर के हवलदार दलबीर सिंह ढांडा बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) में एनएसआइ कोर्स पास पहले वुशू कोच नियुक्त हुए और चार महीने में खिलाड़ियों को तराशा। उन्होंने भाग मिल्खा भाग फिल्म में कोच द्वारा चयन करने की प्रक्रिया अपनाई और शारीरिक रूप से मजबूत जवानों का चयन किया। इनका प्रतिदिन सुबह दोपहर और शाम को कड़ा अभ्यास कराया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 08:55 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 08:55 AM (IST)
दलबीर बीएसएफ के 'पदक वीर'
दलबीर बीएसएफ के 'पदक वीर'

दलबीर बीएसएफ के 'पदक वीर'

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विजय गाहल्याण, पानीपत: सोचते रहने से तो कभी मंजिल नहीं मिलती, चलते जाओ रास्ते से रास्ता मिल जाएगा, बाकी अहमदपुरी की ये पंक्तियां मानों हवलदार दलबीर सिंह ढांडा के लिए ही लिखी गई हों।

मॉडल टाउन के शांति नगर के हवलदार दलबीर सिंह ढांडा एनएसआइ कोर्स पास कर बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) के पहले वुशू कोच बने हैं। उन्होंने कुश्ती से खेल की शुरुआत की। कोच का तबादला होने के बाद कुश्ती से नाता टूट गया। इसके बाद उन्होंने बॉक्सिंग को अपनाया और नेशनल में पांच गोल्ड जीते।

बीएसएफ में रहते उन्होंने भाग मिल्खा भाग फिल्म में कोच की तर्ज पर चयन करने की प्रक्रिया अपनाई और शारीरिक रूप से मजबूत जवानों का चयन किया। इन्हें प्रतिदिन सुबह, दोपहर और शाम को कड़ा अभ्यास कराया। छह खिलाड़ियों ने 3 से 7 जनवरी को दिल्ली के आइजी स्टेडियम में हुई चौथी आल इंडिया पुलिस गेम्स में वूशू में पदक जीतक अंक तालिका में चौथा स्थान हासिल किया है। इसमें बबोचा ने रजत, शमशेर, इरजोत, रामनिवास, अजय और प्रशांत के कांस्य पदक शामिल हैं। पहले बीएसएफ के खिलाड़ी दो पदक ही जीत पाते थे। वुशू में पदक जीतने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं दलबीर

दलबीर सिंह बताते हैं बीएसएफ में एनएसआइ कोर्स पास वुशू कोच नहीं था। जूडो कोच ही वुशू के खिलाड़ियों का अभ्यास कराते थे। वह सीनियर नेशनल वुशू चैंपियनशिप में रजत और कांस्य पदक जीत चुके थे। इस खेल में इतने पदक जीतने वाले वे इकलौते खिलाड़ी हैं। इसलिए खेल विभाग ने वुशू कोच के कोर्स करने की अनुमति दी। कोर्स पास करने के बाद उसे दिल्ली के छावला कैंप में कोच नियुक्त किया गया। खुशी हैं कि उनके खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर पदक जीते हैं। कोच न होने पर छोड़ी कुश्ती, बॉक्सिंग में विश्व चैंपियन

मूल रूप से हिसार के मिर्चपुर गांव के दलबीर सिंह ने बताया कि फुफेरे भाई शांति नगर के सुरेश कुमार कुंडू ने उन्हें शिवाजी स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय कुश्ती कोच प्रेम सिंह आंतिल के पास कुश्ती का अभ्यास करने के लिए भेजा था। कोच आंतिल का सोनीपत तबादला हो गया। इसके बाद कुश्ती छोड़ बॉक्सिंग शुरू की और नेशनल में पांच स्वर्ण और व‌र्ल्ड पुलिस गेम्स में बॉक्सिंग में स्वर्ण पदक जीता। बीएसएफ में वुशू कोच नहीं थे इसी वजह से वुशू में पदक जीते और कोच का कोर्स भी पास किया। वुशू खेल कुश्ती, बॉक्सिंग और ताईक्वांडो खेल का मिश्रण है।


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