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Weather update: बेमौसमी बारिश से फसल खराब, दुख भी नहीं बांट सकते

शुक्रवार को बारिश और शनिवार को कोहरे की वजह से किसान अपनी फसल को बेबसी और लाचारी की नजरों से फसल बर्बाद होते देख रहा है। कोरोना के साथ मौसम की मार ने उसे परेशान कर दिया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 09:25 AM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 09:25 AM (IST)
Weather update: बेमौसमी बारिश से फसल खराब, दुख भी नहीं बांट सकते
Weather update: बेमौसमी बारिश से फसल खराब, दुख भी नहीं बांट सकते

पानीपत/करनाल, [प्रदीप शर्मा]। यह किसानों की लाचारी और बेबसी ही है कि वह बरसात के मौसम में चाहकर भी अपनी फसल के हाल नहीं जान सकता। क्योंकि उन्हें बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। किसानों ने जिस फसल को पसीने से सींचकर तैयार किया आज वह लावारिस है। इस समय जो स्थिति बनी हुई है किसान दो राहे पर खड़ा हो गया है। शुक्रवार को बारिश और शनिवार सुबह कोहरे की चादर ने किसानों की धड़कनें बढ़ा दी। किसान घर की छत पर ही आसमान की तरफ टकटकी लगाकर मौसम साफ होने का इंतजार करते रहे।

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शुक्रवार को अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.5 डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 17.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह के समय बूंदाबांदी हुई। दिनभर आसमान में बादल छाये रहे। हवा 3.7 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार ससे चली। सुबह के समय की मात्र 3.8 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। सुबह के समय नमी की मात्र 80 फीसदी दर्ज की गई जो शाम को घटकर 72 फीसद रह गई। आने वाले 24 घंटे में मौसम साफ रहेगा। राहत की खबर यह है कि 31 मार्च को केवल आंशिक बादल छा सकते हैं और तेज हवा चल सकती है।

यह कहते हैं किसान

बल्ला गांव के किसान धीरज शर्मा ने कहा कि पिछले दिनों क्षेत्र में हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। अब फिर से बरसात का माहौल बना हुआ है, यदि अब बरसात हुई तो बड़ा नुकसान किसानों को ङोलना पड़ सकता है। क्योंकि फसल पूरी तरह से पककर तैयार हो चुकी है।

फसलों की निगरानी के लिए दी जाए अनुमति

कलवेहड़ी गांव के प्रगतिशील किसान हरप्रीत सिंह ने कहा कि सब्जी की फसलें लगाई हुई हैं। जब खेत में सब्जियां ही खराब हो जाएंगी तो लोगों तक सप्लाई कैसे पहुंचेगी। जिला प्रशासन को इस मामले के प्रति गंभीरता दिखाते हुए कम से कम सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों को छूट देनी चाहिए। कृषि एवं कल्याण विभाग के एसडीओ डॉ. सुनील बजाड़ ने कहा कि इस समय फसल पक रही है। यदि बरसात होती है तो यह बहुत बड़ा नुकसान होगा। बरसात से ना केवल उत्पादन कम होगा बल्कि गेहूं के दाने की क्वालिटी पर भी इसका असर पड़ सकता है।

असंध में तेज बारिश से गेहूं व सरसों को नुकसान

गेहूं की फसल लगभग पककर तैयार हो चुकी है, लेकिन बार-बार हो रही बरसात से गेहूं और सरसों की फसल बर्बाद हो चुकी है। किसानों की छह महीने की कमाई तेज हवा और बेमौसमी बरसात के कारण मिट्टी में मिल जा रही है। किसान राजबीर, जगबीर, सोनू, राहुल, मुनीम, कृष्ण, रोकी, जॉनी, रवि, बृजु ने बताया कि पिछले दिनों क्षेत्र में बरसात और ओलावृष्टि से किसान बर्बाद हो चुके हैं। बारिश ने किसानों की थोड़ी बहुत बची हुई फसल को बर्बाद कर रख दिया है।

बिछ गई फसल

तेज हवा के साथ झमाझम बारिश से खेतों में गेहूं की फसलें बिछ गई। पानीपत में 15 एमएम बारिश दर्ज की गई। सुबह से ही बादल छाए हुए थे। सुबह 7 बजे बूंदाबांदी हुई, लेकिन देर शाम छह बजे झमाझम बारिश हुई। हवा इतनी अधिक तेज थी कि सिवाह में पेड़ भी गिर गए। बृहस्पतिवार के तुलना में 5 अंक अधिकतम तापमान में गिरावट रही। अधिकतम तापमान 28 से गिरकर 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

रिफाइनरी क्षेत्र में नुकसान

बेमौसम बरसात के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। किसान हरभजन, महेंद्र सिंह, राजपाल, इश्वर पाल, घनश्याम पाल, सुरेंद्र, कुलदीप, सत्यनारायण ने बताया कि लगभग 15 दिन पहले हुई ओलावृष्टि से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई थी।

फसल के नुकसानदायक है

ऊझा कृषि केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि यह बारिश गेहूं की फसल के नुकसानदायक है। इन दिनों फसल पक रही है। मंडियों में आने की तैयारी है।


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