किसान जमीं पर तेरे अरमान
पश्चिमी विक्षोभ के कारण बेमौसम बारिश ने किसान के अरमानों को जमीन पर बिछा दिया है। सीधे पैदावार के तौर पर नुकसान होगा। वहीं सरसों और सब्जी की फसल में भी भारी नुकसान की आशंका है।
जागरण संवाददाता, समालखा : बारिश ने किसान के अरमानों को जमीन पर बिछा दिया है। सीधे पैदावार के तौर पर नुकसान होगा। वहीं सरसों और सब्जी की फसल में भी भारी नुकसान की आशंका है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान खेत के निचले इलाके में जमा पानी को बाहर निकालें।
किसान फसल को देख अच्छी पैदावार की उम्मीद लगाए हुए थे, लेकिन बारिश ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। शनिवार को भी दिन भर आसमान में बादल छाए रहे। जिले में 85 हजार में गेहूं और 1 हेक्टेयर में सरसों की बिजाई हो रखी है। कृषि उपनिदेशक डॉ. वीरेंद्र देव आर्य का कहना है कि बारिश के साथ तेज हवा के कारण करीब 20 प्रतिशत फसल जमीन पर गिरी है। फसल जमीन के गिरने से पैदावार में थोड़ा बहुत असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने बीमा कराया है, यदि उन्हें फसल में नुकसान लगता है तो 72 घंटे के अंदर कंपनी को सूचना दें, ताकि सर्वे करा नुकसान का आंकलन लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि अभी सरकार की तरफ से नुकसान की गिरदावरी या सर्वे को लेकर उनके पास कोई आदेश नहीं आया है। नुकसान की भरपाई करे सरकार
भाकियू के जिलाध्यक्ष कुलदीप बलाना ने कहा कि बारिश के कारण किसान की गेहूं की फसल में नुकसान हुआ है। सरकार सर्वे करा मुआवजा देकर भरपाई करे। सर्वे केवल बड़े नहीं, बल्कि छोटे किसान के खेत तक का किया जाए, ताकि उसे भी राहत मिले। यदि अधिकारियों व कर्मचारियों को सर्वे में सहयोग चाहिए तो भाकियू इसके लिए तैयार है। फिर बिगड़ सकता है मौसम
किसान की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि तीन दिन तक मौसम का मिजाज बिगड़ा रहा। शनिवार से मौसम साफ होगा। 10 मार्च को फिर से पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है। इस कारण कई जगहों पर बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है।