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डरावने सपनों से सुलझी हत्‍या की गुत्‍थी, डरकर हत्‍यारा जुर्म कबूलने पहुंचा थाने Panipat News

एक युवक ने रिश्‍ते में लगती दादी की हत्‍या कर दी थी। इसके बाद हत्‍यारे के साथ कुछ ऐसा हुआ कि उसने डरावने सपनों से बचने के लिए जुर्म कबूल लिया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 03:56 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 04:46 PM (IST)
डरावने सपनों से सुलझी हत्‍या की गुत्‍थी, डरकर हत्‍यारा जुर्म कबूलने पहुंचा थाने Panipat News

पानीपत, जेएनएन। एक युवक ने दादी से छेड़छाड़ की। जब उन्‍होंने रिश्‍तों की दुहाई देकर विरोध किया तो उसने गला घोंटकर मार डाला। लेकिन डरावने सपनों की वजह से हत्‍या के राज का पर्दाफाश हो गया । हत्‍यारा खुद जुर्म कबूलने थाने पहुंच गया। इसराना के गांव बिजावा वासी युवक अंकित ने रिश्ते में दादी लगने वाली वीरमति की हत्या कर दी थी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रशेखर ने दोषी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। उस पर एक लाख पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।

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एडवोकेट रामनरेश त्यागी ने बताया कि वीरमति हत्‍यारे अंकित की रिश्‍ते में दादी लगती थी। 7 अक्टूबर 2016 को वीरमति टहलने के लिए खेतों की ओर गई थी। अन्य दिन किसी महिला के साथ जाती थी, उस दिन अकेली थी। अंकित बाइक से गांव की ओर लौट रहा था। उसने घर छोड़ने की बात कहकर वीरमति को बैठा लिया। कुछ दूरी पर उसने बाइक रोक दी और ईख के खेत में खड़े पेड़ से अमरूद तोड़कर खिलाने का झांसा देकर ले गया। वहां पहुंचकर उसने छेड़छाड़ शुरू कर दी। 

रिश्‍ते की दुहाई दी तो मार डाला 

वीरमति ने रिश्ते की दुहाई देकर विरोध किया। नहीं माना तो चिल्लाने लगी और घर शिकायत करने की धमकी दी। करतूत का खुलासा न हो जाए, इस डर से उसने चुनरी से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। महिला घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने इसराना थाना में शिकायत दी थी। ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने आठ अक्टूबर को गन्‍ने के खेत को खंगाला तो शव मिल गया।

सोने का लॉकेट भी निकाल लिया था

अंकित ने महिला के गले से सोने का लॉकेट भी निकाल लिया था, जिससे पुलिस जांच को गलत दिशा में मोड सके। कोर्ट ने 17 सितंबर को अंकित को दोषी करार दिया। जुर्माना रकम में से एक लाख रुपये मृतका के परिजनों को मिलेंगे। जर्माना नहीं देने पर दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

कुछ यूं हुई थी अंकित की गिरफ्तारी

पुलिस को उस पर संदेह न हो इसके चलते उसने लाश तलाशने में पुलिस की मदद की। अपने ट्रैक्टर में शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल लाया था। हत्या के बाद उसे बुरे सपने आने लगे। इससे परेशान होकर बैंक मैनेजर मित्र से पूरा घटनाक्रम बताकर पुलिस के समक्ष पेशी में मदद मांगी। 14 अक्टूबर 2016 को मित्र ने उसे थाने में पेश किया। पुलिस पूछताछ में उसने जुर्म कबूल कर लिया था।


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