दादा नहीं कहा तो कुल्हाड़ी से काट डाला, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा Panipat News
जींद में दादा नहीं कहने पर युवक ने किसान की कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी थी। अब कोर्ट ने दोषी को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
पानीपत/जींद, जेएनएन। शराब पीने के बाद दादा नहीं कहने पर हुए झगड़े में करसोला गांव निवासी 40 वर्षीय कुलदीप की कुल्हाड़ी से हत्या करने के जुर्म में अदालत ने एक व्यक्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलजीत सिंह की अदालत ने सजा के अतिरिक्त एक लाख रुपये का जुर्माना भी किया है। जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
अदालत में चले अभियोग के अनुसार गांव करसोला निवासी जयदीप ने आठ अक्टूबर 2018 को जुलाना थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि सात अक्टूबर रात को उसका भाई कुलदीप खेत में पानी देने गया हुआ था। जिसके बाद वह गांव रामकली रोड पर पडऩे वाले शराब सब बैंड पर चला गया। शराब पीने के दौरान कुलदीप की गांव के ही जयपाल भी वहीं पर आ गया। जयपाल रिश्ते में दादा लगता है, लेकिन कुलदीप व जयपाल दोनों हम उम्र थी। वह शराब पीते वक्त कुलदीप से खुद को दादा कहलवाने की जिद्द कर रहा था, लेकिन कुलदीप ने दादा कहने से इंकार कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच में झगड़ा हो गया।
झगड़ा होने के बाद जयपाल साइकिल लेकर गांव की तरफ चला आया। कुछ समय के बाद उसका भाई कुलदीप भी बाइक पर सवार होकर गांव की तरफ आ रहा था। उसी दौरान घात लगाए जयपाल ने उसके भाई कुलदीप के सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया। जिस पर कुलदीप नीचे गिर गया, बाद में जयपाल ने गिरे हुए कुलदीप के सिर पर फिर से कुल्हाड़ी से वार किए। जिसमे कुलदीप की मौके पर ही मौत हो गई। जुलाना थाना पुलिस ने जयदीप की शिकायत पर जयपाल उर्फ सुंडू के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। तभी से मामला अदालत में विचाराधीन था। मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलजीत की अदालत ने जयपाल को उम्र कैद की सजा तथा एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
कुलदीप व जयपाल की पहले नहीं थी कोई रंजिश
हत्या के बाद मृतक के स्वजनों ने बताया कि कुलदीप व जयपाल की पहले अच्छी बोलचाल थी और अक्सर मिलते थे। जयपाल का कुलदीप से रिश्ते में नेक बड़ा था, लेकिन जयपाल मृतक कुलदीप से करीब एक साल छोटा था। दोनों हम उम्र होने के कारण दादा कहने की बजाए सीधे बोलते थे, लेकिन शराब का नशा होने के बाद जयपाल ने कुलदीप पर दादा कहने का दबाव डाला, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।