शराब पीने के बाद झगड़ा हुआ तो दोस्त को नहर में दिया धक्का, अब तीन को उम्र कैद
शराब पीने के दौरान झगड़ा होने पर नहर में एक युवक को धक्का दे दिया गया। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। अब कोर्ट ने तीन दोस्तों को इस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। शराब पीने के बाद हुए झगड़े में गांव खिल्लांवाला निवासी लक्की पाल की हत्या करने के केस में गांव भूडक़लां निवासी नसीम, अब्दुल रहमान व गांव कुटीपुर निवासी नूर मोहम्मद को कोर्ट ने सजा सुनाई। तीनों को उम्रकैद व 51 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है। जुर्माना न देने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायधीश दीपक अग्रवाल की कोर्ट ने सुनाया है।
पुलिस ने एक अगस्त 2019 को गांव खिल्लांवाला निवासी देशराज की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ लक्कीपाल के अपहरण का केस दर्ज किया था। जब उसका कहीं सुराग नहीं लगा, तो उसने 14 अगस्त को एसपी कार्यालय में शिकायत देकर प्रतापनगर निवासी नसीम पर शक जाहिर किया, क्योंकि लक्की पाल उसकी दुकान पर नाई का काम करता था। इसके बाद पुलिस ने तफ्तीश शुरू की। जिसमें पता लगा कि 25 जुलाई की शाम को गांव के ही अशोक कुमार ने हर्बल पार्क के पास नहर की झाल पर तीन युवकों के शराब पीने की बात कही। इसके आधार पर पुलिस ने लक्की पाल के मोबाइल की लोकेशन खंगाली। जो हर्बल पार्क के आसपास मिली। जिसके बाद पुलिस ने नसीम से शक के आधार पर पूछताछ की।
झगड़े के बाद नहर में दिया था धक्का
पुलिस को दिए ब्यान में नसीम ने कहा कि 25 जुलाई की शाम को वह अपने साथी प्रतापनगर निवासी अब्दुल रहमान व गांव कुटीपुर निवासी नूर मोहम्मद के साथ हर्बल पार्क के पास नहर की झाल पर शराब पीने के लिए गया था। जब वे तीनों शराब पी रहे थे, तो उसने फोन कर लक्की को मौके पर आने के लिए कहा। साथ ही खाने पीने का सामान साथ लाने के लिए कहा। कुछ देर बाद लक्की पाल वहां पहुंच गया। शराब पीते समय किसी बात को लेकर नूर मोहम्मद व लक्की के बीच झगड़ा हो गया। जिसके बाद नूर मोहम्मद ने गुस्से में आकर लक्की को नहर में धक्का दे दिया। नहर में पानी का बहाव तेज होने के कारण लक्की उसमें बह गया और देखते ही देखते डूब गया। इसके बाद वे तीनों वहां से अपने-अपने घर चले गए।
पुलिस ने दर्ज किया था अपहरण का केस
प्रतापनगर पुलिस ने गांव खिल्लांवाला निवासी देशराज की शिकायत पर एक अगस्त को अज्ञात के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज किया था। बाद में जब केस खुला, तो इसमें हत्या की धारा इजाद की गई। देशराज ने जब दुकान के संचालक नसीम से संपर्क किया, तो उसने बताया कि वह काम खत्म करने के बाद घर चला गया था। इसके बाद वह दुकान पर नहीं आया।