हैवानियत, बेटे ने किया दुष्कर्म तो मां ने बच्ची के प्राइवेट पार्ट को गर्म चिमटे से दागा Panipat News
एक नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसके प्राइवेट पार्ट को गर्म चिमटे से दाग दिया गया। कोर्ट ने आरोपित बेटे और उसकी मां को सजा सुनाई।
पानीपत, जेएनएन। पानीपत में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। आरोपित और उसकी मां ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी। बेटे ने नाबालिग से दुष्कर्म किया और आरोपित की मां ने करतूत छिपाने के लिए बच्ची के प्राइवेट पार्ट को गर्म चिमटे से दाग दिया। अपने ही घर में रह रही 10 साल की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले युवक और उसकी मां को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरबीर सिंह दहिया ने 10-10 साल कैद की सजा सुनाई है। मां ने बेटे की करतूत छिपाने के लिए बच्ची के प्राइवेट पार्ट को चिमटे से जला दिया था।
सहायक जिला अटार्नी विजय सहरावत ने बताया कि मध्यप्रदेश के ग्वालियर का दंपती अपनी 10 वर्षीय बेटी के साथ हनुमान कालोनी में एक महिला के मकान में किराये पर रहता था। दिसंबर 2016 में ग्वालियर की महिला ने दूसरी शादी कर ली। बाद में पुरुष भी दूसरी शादी कर कहीं चला गया और 10 वर्षीय बेटी को मकान मालकिन के पास छोड़ गया। मार्च 2017 में महिला के बेटे ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। महिला ने बेटे की करतूत छिपाने के लिए बच्ची को पीटा और हैवानियत की हद पार कर गरम चिमटे से प्राइवेट पार्ट जला दिया था। इसके बाद बच्ची घर से भाग निकली और समालखा में पुराना बस अड्डे में पुलिस को मिल गई थी। बाल कल्याण समिति ने उसका इलाज मेडिकल कॉलेज खानपुर में कराया था।
शुक्रवार को कोर्ट ने दोषी मां-बेटे को 10-10 साल कैद और 21 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने पीडि़ता को सात लाख रुपये क्षतिपूर्ति प्रदान करने के लिए फाइल जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण कार्यालय में भेजी है।
इन धाराओं में सजा
सुनील को छह पोक्सो एक्ट में 10 साल की सजा,10 हजार रूपये जुर्माना, न देने पर एक सप्ताह अतिरिक्त। 342 और 323 में छह-छह माह सजा, 500-500 जुर्माना, न देने पर एक-एक सप्ताह अतिरिक्त सजा। कमला को पोक्सो की धारा 6/17 में 10 साल सजा, 10 हजार जुर्माना,न देेने पर दो माह अतिरिक्त। सभी सजा एक साथ चलेंगी।
मां-बेटे को सजा का पहला मामला
बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पोक्सो) एक्ट-2012 की धारा 6 के तहत मां-बेटे को सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला माना जा रहा है। सरकार ने दिसंबर 2018 में पोक्सो एक्ट में संशोधन किया था। बता दें कि पोक्सो-6 से जुड़े अपराध को बढ़ावा देने वाले पर पोक्सो 6/17 की धारा लगायी जाती है।
माता-पिता नहीं आए थे सामने
बाल कल्याण समिति की सदस्य सरोज देवी ने बताया कि बच्ची के साथ हुए दर्दनाक हादसे के बाद भी उसके माता-पिता सामने नहीं आए थे। बच्ची प्रदेश के एक चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन में रहकर पढ़ाई कर रही है।