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हनीट्रैप: ऐसे शिकार फंसाती थी ये हसीना, थानेदार से लेकर हवलदार भी इसके साथी

थानेदार से लेकर हवलदार और करीब 12 से ज्यादा लोग हनीट्रैप गिरोह में शामिल थे। इस गिरोह की महिमा चौधरी ने व्यापारी को जाल में फंसा ठगा। अब कोर्ट ने उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 06:51 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 10:55 AM (IST)
हनीट्रैप: ऐसे शिकार फंसाती थी ये हसीना, थानेदार से लेकर हवलदार भी इसके साथी
हनीट्रैप: ऐसे शिकार फंसाती थी ये हसीना, थानेदार से लेकर हवलदार भी इसके साथी

पानीपत, जेएनएन।  कोर्ट ने हनी ट्रैप में फंसाकर लोगों से उगाही करने वाले शातिर गिरोह के लोगों को सलाखों के पीछे भेज दिया है। चंडीगढ़ के कपड़ा व्यापारी पर दुष्कर्म का आरोप लगा चार करोड़ रुपये हड़पने वाले गिरोह के सात बदमाशों को कोर्ट ने सात साल कैद की सजा सुनाई है। तीन लाख 97 हजार रुपये जुर्माना भी किया है। 

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सजा पाने वालों में हरियाणा पुलिस का थानेदार, कांस्टेबल और एक महिला शामिल है। जुर्माना नहीं देने पर दोषियों को एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल माजिद की कोर्ट में करीब साढ़े छह साल चली मामले की सुनवाई चली। इस दौरान 44 लोगों की गवाही हुई। 

यह है मामला
सरकारी वकील संजीव कुमार ने बताया कि 12 मई 2012 को सिटी पुलिस में रोहतक के कायास्थला मुहल्ला की महिमा चौधरी ने चंडीगढ़ सेक्टर 11-डी के अजय कुमार के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। इसमें महिमा ने कहा कि वह भाई के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करती है। काम के सिलसिले में अक्सर चंडीगढ़ जाती रहती है। कला इंपोरियम प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अजय कुमार (कपड़े के शोरूम संचालक व स्कूल के मालिक) से उसकी जान पहचान हो गई। 26 अप्रैल 2012 को अजय के शोरूम पर गई, तो उसने यमुनानगर के बिलासपुर में जमीन दिलाने की बात कही। एक मई 2012 को हांसी में थी तो अजय ने फोन कर बताया कि वह भी हांसी में है। इसके बाद वे दोनों गाड़ी से अजय के घर चंडीगढ़ पहुंचे। वह अजय के परिजनों से मिली। दो मई को दोनों बिलासपुर पहुंचे। यमुनानगर के एक होटल में खाना खाया। अजय ने खाने में नशीला पदार्थ मिला दिया। वह बेहोश हो गई। तब उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में हांसी छोड़ दिया।

मोबाइल डिटेल से खुला राज
पुलिस ने जब महिमा चौधरी के मोबाइल की डिटेल और होटल के सीसीटीवी की फुटेज खंगाली तो मामला संदिग्ध नजर आया। डीएसपी यमुनानगर ने जांच की तो मामला ब्लैकमेलिंग का मिला। जांच के दौरान पता चला कि यमुनानगर के राजाराम गली निवासी सोनू बंसल, महिमा चौधरी और अन्य ने मिलकर साजिश रची। मोटी रकम ऐंठने के लिए महिला को अजय से संबंध बनाने के लिए पेश किया। इसके बाद उन्होंने अजय से चार करोड़ रुपये ऐंठ लिए। 24 मई 2012 को पुलिस ने अजय पर दर्ज केस रद कर दिया। साथ ही सोनू बंसल, नाहरपुर के वरुण गुप्ता और अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। 

गिरोह के इन बदमाशों को सुनाई गई सजा
सरकारी वकील संजीव कुमार ने बताया कि हनीट्रैप गिरोह में करीब 12 लोग शामिल थे। कोर्ट ने गांव नाहरपुर निवासी वरुण गुप्ता, रोहतक निवासी महिमा चौधरी, जींद के कर्मबीर, भिवानी के बापोसा के एएसआइ महेंद्र सिंह, जींद निवासी हवलदार महावीर, जींद निवासी रामनिवास, सहारनपुर निवासी सुनील को सात साल कैद की सजा सुनाई है। सभी पर 46 हजार रुपये जुर्माना किया है। कोर्ट ने महिमा चौधरी पर पांच हजार अतिरिक्त जुर्माना (कुल तीन लाख 97 हजार रुपये) लगाया है। मामले में उप्र का  सुनील कुमार, सोनू बंसल अभी भगोड़ा है। कमलेश को बरी कर दिया गया है।

सोनू और वरुण से बरामद किए थे 63 लाख और तीन गाडिय़ां
हनीट्रैप मामले में पुलिस ने सोनू और नाहरपुर के वरुण गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया था। रिमांड के दौरान सोनू ने स्वीकार किया था कि उसने वरुण गुप्ता, सेक्टर 17 के मनमोहन सिंह, फर्कपुर के सुनील कुमार, रोहतक की महिमा चौधरी, जींद के गांव मखंड के रामनिवास, उप्र सहारनपुर के मौरा गांव निवासी सुनील और राज मलिक, सुल्तान सिंह, राजेंद्र सिक्का, जोगेंद्र शर्मा के साथ मिलकर षडयंत्र रचा था। पुलिस ने 10 जून 2012 को रिमांड के दौरान सोनू बंसल व वरुण गुप्ता से 63 लाख रुपये, दो फाच्र्यूनर व एक टाटा सफारी गाड़ी बरामद की थी।

कई को शिकार बना चुकी है महिमा
पुलिस ने 26 जून 2012 को महिमा चौधरी को गिरफ्तार किया। 27 जून को चार दिन की रिमांड पर लिया। पुलिस ने उससे अलवर के अजय शर्मा (महिमा का किरायेदार) से हड़पे एक लाख रुपये, रोहतक से हड़पे दो लाख और पानीपत से हड़पे एक लाख रुपये बरामद किए। 22 अगस्त को गांव पोखरी खेड़ी जींद निवासी कर्मबीर को गिरफ्तार और उससे एक लाख रुपये बरामद किए। 20 नवंबर 2012 को पुलिस ने जींद निवासी हवलदार महावीर को काबू किया तथा उससे एक लाख रुपये बरामद किए। 

थाना प्रभारी को जज बनकर धमकाया था
मामले की जांच कर रहे थाना  प्रभारी संदीप को महिमा ने जज बनकर फोन पर धमकाया था। साथ ही पकड़े गए साथियों को छोडऩे के आदेश दिए थे। ये केस अभी कोर्ट में विचाराधीन है।


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