करनाल की उप तहसील में रजिस्ट्रियों व इंतकाल की आड़ में भ्रष्टाचार, एक पर केस दर्ज
हरियाणा के करनाल की उपतहसील बल्ला में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। सीएम विंडो के जरिए सीएम तक और ट्विटर से डीसी तक मामला पहुंचा। अब एसडीएम की शिकायत पर एक आरोपित पर केस दर्ज कर लिया गया।
करनाल, जेएनएन। उप तहसील बल्ला में रजिस्ट्री व इंतकाल की आड़ में कथित भ्रष्टाचार का खेल धड़ल्ले से खेला जा रहा है। अंदर की सेटिंग बाहर बैठे कुछ प्राइवेट व्यक्ति करते हैं। इससे न केवल आमजन पर बेवजह आर्थिक भार पड़ रहा है बल्कि रिश्वत न दिए जाने पर उन्हें बार-बार चक्कर काटने को भी मजबूर होना पड़ रहा है। यहां तक कि फाइल भी अटका दी जाती है। इससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है तो सरकार भी बदनाम हो रही है। य
ह भंडाफोड़ किया है वीरेंद्र कुमार वासी सेक्टर 7 करनाल ने, जिन्होंने सीएम विंडो के मार्फत मुख्यमंत्री तक व ट्विटर से डीसी निशांत यादव तक यह मामला पहुंचाया, जिसके बाद जांच कराई गई तो अब एसडीएम असंध की शिकायत पर एक आरोपित के खिलाफ मूनक थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने अपने स्तर पर भी जांच शुरू कर दी है।
शिकायतकर्ता वीरेंद्र का आरोप है कि कृषि योग्य भूमि की रजिस्ट्री करवाने की एवज में उससे तहसीलदार के नाम पर आरोपित सुरेश कुमार ने दो हजार रुपये रिश्वत मांगी थी। रिश्वत न देने पर उसके परिवार के इंतकाल नंबर 3073 ,3659 व 3539 तीन बार इंतकाल दर्ज किए व खारिज किए गए। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि तहसीलदार के पास इंतकाल संबंधित मामला एसडीएम या डीआरओ के पास भेजने का अधिकार है, लेकिन तहसीलदार की ओर उक्त अधिकारियों को भेेजे जाने की बजाए अपने पास ही रख लिया।
उन्होंने सीएम विंडो में दी शिकायत में यह भी बताया कि कोई भी प्राइवेट व्यक्ति बिना वेतन किसी भी तहसील में कार्य नहीं कर सकता। इसकी जानकारी सभी तहसीलदारों को छह माह के अंदर उच्च अधिकारियों को देनी होती है। लेकिन उप तहसील में कार्यरत नायब तहसीलदार शिवराज जागलान ने प्राइवेट व्यक्ति सरेश कुमार को अपने कार्यालय में बैठाकर नियमों व आदेशों की धज्जियां उड़ाई है। शिकायतकर्ता ने उच्च अधिकारियों से नायब तहसीलदार व सुरेश कुमार की कॉल डिटेल की जांच भी करवाए जाने की मांग की है।
उन्होंने सुरेश पर आरोप लगाया है कि वह रजिस्ट्री के निर्धारित दिन मंगलवार व वीरवार को तहसील कार्यालय में जबकि शेष कार्य दिवस पर पटवारखाने में पटवारियों के काम निपटा कर मोटे पैसे ऐंठने का काम कर रहा है। मामला डीसी तक पहुंचा तो सहायक अधीक्षक द्वारा जांच कराई गई, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट में भी उपतहसील में भ्रष्टाचार किए जाने की पुष्टि की है। इसके बाद एससडीएम असंध की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
तहसील परिसर बना भ्रष्टाचार का अड्डा : संदीप
भारतीय किसान यूनियन के हल्का प्रधान संदीप सिंगरोहा का कहना है कि तहसील परिसर भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। जहां पर बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता। हालांकि आलाधिकारियों को भी इस संबंध में जानकारी है, लेकिन जानबूझ कर इस ओर अंदेखी की जा रही है।
बिना फीस दिए फाइल आगे नहीं बढ़ती : सुरेश मान
छोटूराम जागृति मिशन के प्रधान सुरेश मान का कहना है कि तहसील कार्यालय में कुछ क्लर्क ने भी फीस फिक्स कर रखी है। बिना फीस लिए फाइल आगे नहीं बढ़ाई जाती। मामूली कार्यो के लिए भी 500 रुपये तक फीस वसूली जाती है। उनका कहना है कि विभाग के आला अधिकारी गुप्त तरीके से जांच करें भ्रष्टाचार का बड़ा खेल सामने आ सकता है। उन्होंने बताया कि यहां पर पहले भी दो नायब तहसीलदार वह एक पटवारी को रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथों पकड़ा जा चुका है।
मामला संज्ञान में नहीं है : नायब तहसीलदार
उपतहसील में कथित भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के संबंध में नायब तहसीलदार शिवराज जागलान का कहना है कि वे कोरोना पॉजिटिव है और इस समय क्वाॅरनटाइन है। यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है।
एसडीएम की शिकायत पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज : एसएचओ
मूनक थाना प्रभारी जगदीश का कहना है कि एसडीएम असंध साहिल गुप्ता की ओर से डाक द्वारा भेजी गई शिकायत के आधार पर आरोपित सुरेश कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में अभी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पुलिस अपने स्तर पर भी मामले की जांच कर रही है।