भ्रष्ट व्यवस्था में लूट की छूट
विजय गाहल्याण, पानीपत : झाड़-फूंक के नाम पर तीन दिन तक जिले के लोगों की आस्था से खिलवा
विजय गाहल्याण, पानीपत :
झाड़-फूंक के नाम पर तीन दिन तक जिले के लोगों की आस्था से खिलवाड़ होता रहा और व्यवस्था मूक दर्शक बनी रही। पुलिस को इस ठगबाजी का पता था, इसके बावजूद बागपत का मुस्लिम परिवार यहां के मंदिर में तीन साल के बच्चे को आगे कर रोग निवारण की झूठी पुड़िया बेचता रहा। आखिर मामला जब नहीं दबा, तब जाकर आरोपियों को पकड़ा जा सका। लोगों ने बताया कि दैनिक जागरण में पूरा मामला पढ़कर ठगने से बच गए।
बागपत के गौरीपुर के अब्दुल सत्तार ने मेरठ में झाड़-फूंक का धंधा शुरू किया था। वहां से उसने सोनीपत में डेरा डाल दिया। यहां दाल नहीं गली तो पानीपत में केबल टीवी से प्रचार और गांवों में जाकर पंफलेट बांट कर दावा किया गया कि तीन साल के बच्चे के झाड़ा लगाने से शरीर का हर मर्ज ठीक हो जाता है। 15 मार्च को सेक्टर 13 से सटी रोड़ धर्मशाला में 13 हजार रुपये में दस दिन की बुकिंग कराई और 400 से ज्यादा लोगों को दस से बीस रुपये में राख की पुड़िया बनाकर बेच डाली। सूत्रों के अनुसार एक पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंचा। ठगी का धंधा चलने देने के लिए सेटिंग करके लौट गया। पुलिसकर्मी ने न तो उन्हें खदेड़ा और न ही स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी। यानी खुलेआम भ्रष्ट व्यवस्था में लूट की छूट दे दी गई। खुफिया विभाग और धर्मशाला प्रबंधन ने एतराज जताया तो पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद ही अब्दुल सत्तार सामान समेटकर धर्मशाला से फरार हो गया। सवाल ये है कि अगर पुलिस समय रहते रोड़ धर्मशाला में ही कड़ी कार्रवाई कर देती तो अब्दुल व उसके साथी सैकड़ों लोगों से उनकी आस्था से खिलाड़ी ठगी नहीं कर पाते।
बोरों में भरकर लाए थे ठगी का सामान : रोड़ धर्मशाला के मैनेजर जसमेर का कहना है कि सोनीपत के देवेंद्र ने अपनी आइडी दी थी कि वह धर्मशाला में कैंप लगवाकर लोगों का मुफ्त में इलाज कराएगा। बाद में भीड़ बढ़ी और पैसों को लेनदेन शुरू हुआ था। उसे शक हुआ। छह बोरों में राख की हजारों पुड़ियां भरी थी। पुलिसकर्मी भी आया और थोड़ी देर में लौट गया। जाहिर है कि अब्दुल व उसके साथी बोरों में लोगों के ठगने का सामना साथ लेकर आए थे।
ठेकेदार से बन गया ठग : थाना शहर प्रभारी सुरेश कुमार ने बताया कि सोनीपत का देवेंद्र पहले सड़क निर्माण का ठेका लेता था। इसमें घाटा हुआ तो ऑटो चलाने लगा। अब्दुल सत्तार ने उसे अपने झाड़-फूंक के धंधे में लगा लिया। पहली बार ही उसने ठगी की और पकड़ा गया। इंस्पेक्टर कुमार का कहना है कि उन्हें जानकारी नहीं है कि रोड़ धर्मशाला से कोई पुलिसकर्मी ठगी करने वालों से सांठ-गांठ कर गया है।
धर्मशाला में छोड़ दिया एजेंट :
अब्दुल सहयोगियों के साथ रोड़ धर्मशाला छोड़कर नूरवाला गया। वहां पर मंदिर नहीं था तो फिर कुटानी गांव गया और मंदिर न होने के कारण उसने भैंसवाल के मंदिर को ठिकाना बना लिया। लोगों को मंदिर तक का रास्ता बताने के लिए रोड़ धर्मशाला में एजेंट छोड़ दिया गया। उसी एजेंट के बताने पर ही लोग भैंसवाल के मंदिर पहुंचे थे।
मंदिर में पड़े थे चप्पल-जूते :
शुक्रवार को भैंसवाल के मंदिर में झाड़-फूंक कराने के लिए सैकड़ों लोगों की लाइन लगी थी। खूब चहल-पहल थी। शनिवार को मंदिर वीरान था। सिर्फ झाड़ा लगाने वाले बच्चे के होर्डिग लगे थे। एक महिला व दो पुरुष तख्त पर बैठे थे। परिसर में चप्पल व जूते बिखरे पड़े थे, जो कि झाड़ा लगवाने आए थे और भीड़ की वजह से यहीं पर छोड़ गए।
गोहाना और शहर से पहुंचे लोग :
भले ही लोगों को ठगने वाला अब्दुल सत्तार सलाखों के पीछे हैं लेकिन बीमारी से पीड़ित लोग अपना कष्ट दूर करवाने के लिए गोहाना व शहर के विभिन्न इलाकों से महिला व पुरुष रोड़ धर्मशाला और भैंसवाल गांव के मंदिर पहुंचे। वहां से उन्हें मायूस वापस लौटना पड़ा।
कैंसर का इलाज करवाने आया हूं : रोड़ धर्मशाला पहुंचे राज नगर के अशोक कुमार कहते हैं कि उसे सात महीने से कैंसर है। निजी अस्पताल से इलाज कराने के पैसे नहीं हैं तो झाड़ा लगवाने आया हूं, ताकि ठीक हो जाऊं। इसी तरह से पड़ोस की शिमला देवी के पैरों में दर्द है। वह भी साथ आई है। यहां कोई नहीं मिला।
हाथ का दर्द ठीक कराने आई हूं : सब्जी मंडी की सरोज बताती है कि उसने पड़ोस की महिलाओं ने बताया था कि रोड़ धर्मशाला में तीन साल का बच्चा है, जो झाड़ा लगाकर शरीर के हर कष्ट दूर कर देता है। मेरे हाथ में कई साल से दर्द है, उसे ठीक करवाने आई हूं। अब यहां आकर पता चला कि झाड़ा लगाकर लोगों को ठगा जा रहा था। इससे वह बच गई।
शरीर में जकड़न ठीक कराने आई हूं : भैंसवाल के मंदिर में बैठी गोहाना की साहबो देवी ने बताया कि गढ़सरनाई में रहने वाली बेटी ने बताया था कि बच्चा झाड़ा लगाकर हर बीमार को ठीक कर देता है। इसलिए यहां आई हूं। मंदिर में कोई नहीं है। वापस लौटना पड़ेगा।
कभी नहीं देखा ऐसा तमाशा : भैंसवाल के 70 वर्षीय लख्मी चंद बताते हैं कि शुक्रवार को जिस तरह से मंदिर में झाड़ा लगाकर लोगों के दुख दूर करने का खेल हुआ ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया। ऐसे लोगों पर रोक लगनी चाहिए।
ठगों की जानकारी होती तो मंदिर में घुसने नहीं देता : भैंसवाल के सरपंच बजिंद्र रावल का कहना है कि शुक्रवार को कुटानी गांव के तीन-चार लोग मंदिर के पास खड़े थे और उन्होंने बताया कि बच्चा झाड़ा लगाकर शरीर की हर बीमारी का इलाज कर देते है। भलाई का काम है, इसलिए मंदिर में बैठने की अनुमति दे। उन्हें नहीं पता था कि झाड़ा के नाम पर लोगों को ठगा जाएगा। ऐसी जानकारी होती तो ठगों को मंदिर में घुसने नहीं देता।