हरियाणा के दो वरिष्ठ IPS अफसरों में विवाद, DSP ने SP को सौंपी DGP पर लगे आरोपों की जांच रिपोर्ट
हरियाणा में डीजीपी मनोज यादव पर अंबाला रेंज के आइजी रहे वाई पूर्ण कुमार ने आरोप लगाए थी। इसकी जांच डीएसपी ने की। डीएसपी ने अपनी जांच रिपोर्ट SP को सीलबंद लिफाफे में सौंप दी है। संभवतः यह पहली बार है कि मौजूदा डीजीपी की जांच डीएसपी ने की हो।
अंबाला [दीपक बहल]। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) मनोज यादव और अंबाला रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) रहे वाई पूर्ण कुमार के बीच उभरे विवाद पर DSP रामकुमार ने जांच कर रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में SP हामिद अख्तर को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में DGP मनोज यादव को क्लीन चिट देने की बात सामने आ रही है। यहीं कारण है कि इस रिपोर्ट के मुताबिक DGP के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होगा।
पिछले दस दिनों से यह मामला काफी सुर्खियों में चला आ रहा है। जांच पूरी होने के बावजूद पुलिस अधिकारी अब भी कुछ भी बताने से कतरा रहे हैं। इस प्रकरण में अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग पर भी निगाहें टिक गई है। क्योंकि IPS अधिकारी वाई पूर्ण कुमार ने शेड्यूल कास्ट्स एंड शेड्यूल ट्राइब्स (प्रीवेंशन आफ एट्रोसिटीज़) एक्ट 1989 का हवाला अपनी शिकायत मेंं दिया है।
इस एक्ट के तहत जांच करने का कोई प्रावधान नहीं है, पहले एफआइआर दर्ज होनी चाहिए, जबकि SP हामिद अख्तर ने डिस्ट्रिक्ट अटार्नी से कानूनी राय मिलने के बाद जांच DSP रामकुमार को सौंपी थी। हालांकि, अधिकारी नाम न छापने पर शर्त पर तर्क दे रहे हैं कि यदि तीन माह बाद शिकायत आती है तो जांच करवाने का भी प्रावधान है। हरियाणा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब मौजूदा DGP पर लगे आरोपों की जांच DSP ने की।
DGP ने ई मेल पर पक्ष रख बताया बेकसूर
जांच अधिकारी यानि DSP ने DGP और IGP होमगार्ड वाई पूर्ण कुमार को ई-मेल कर पक्ष पूछा था। सूत्रों का कहना है कि DGP की ओर से DSP को अपना जवाब भेज दिया था। इस जवाब में अधिकारी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है, जबकि वाई पूर्ण कुमार ने जांच किस एक्ट के तहत कर रहे हो और इसे किसे किस अधिकारी ने मार्क किया, इस बारे पूछा था। DSP ने अपनी रिपोर्ट SP को भेजकर DGP को क्लीन चिट दी। बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले का जिक्र भी किया गया है।
इस तरह शुरु हुआ था विवाद
अंबाला के शहजादपुर ट्रैफिक थाना में IG वाई पूर्ण कुमार भूमि पूजन करने गए थे, जिसको लेकर DGP ने जवाब तलब किया था। मामला इतना बढ़ गया कि DGP ने पांच रिमांडर देकर IG से जवाब तलब किया। 171 दिन के बाद मिले जवाब से DGP नाखुश थे। IG का तर्क था कि मंदिर 2011 से बना है, लेकिन उनको प्रताड़ित करने के लिए रिमांडर दिए गए। SP अंबाला रहे अभिषेक जोरवाल भी भूमि पूजन पर गए थे, लेकिन उनसे कोई जवाब तलब नहीं किया गया। इस मामले में 19 मई को वाई पूर्ण कुमार ने SP को शिकायत दी थी जिसके बाद रोजनामचे पर डेली डायरी रिपोर्ट (डीडीआर) दर्ज कर ली थी।