मधुमेह रोग को भगाएगा आहार, व्यवहार और व्यायाम का मंत्र
जागरण संवाददाता पानीपत हरियाणा में औसतन 10 फीसद लोग मधुमेह रोग से पीड़ित हैं। पानीपत क
जागरण संवाददाता, पानीपत : हरियाणा में औसतन 10 फीसद लोग मधुमेह रोग से पीड़ित हैं। पानीपत की बात करें तो शहरी क्षेत्र में 20 और ग्रामीण एरिया में 10 प्रतिशत को यह रोग है। महिलाओं की बात करें तो शहर की हर सौ में से 12 को मधुमेह रोग है। टाइप-टू शुगर से 90 और टाइप वन के 10 प्रतिशत शिकार हैं। इन्हें इंसुलिन देना पड़ता है। टाइप-टू शुगर के मरीज आहार पर नियंत्रण, व्यवहार में संयम रखें और नियमित व्यायाम करें तो बिना मेडिसिन के स्वस्थ रह सकते हैं। दैनिक जागरण के स्वास्थ्य विषय पर हेलो जागरण कार्यक्रम में मधुमेह रोग विशेषज्ञ डा. पावन वधावन (एमबीबीएस, एमडी) ने सुधी पाठकों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए ये कहा।
ये हैं तीन मंत्र
1- आहार : खानपान पर नियंत्रण करें। वसायुक्त खाना न खाएं। शाम को सात बजे तक ही डिनर कर लें। 2- व्यवहार : भरपूर नींद लें। तनाव में न रहें। धूप में टहलें। मुस्कुरा कर बात करें। अगर तनाव है तो चाय में एक चुटकी केसर डालें। इससे तनाव दूर होता है। 3- व्यायाम : सुबह और शाम, एक-एक घंटे तक सैर जरूर करें। जितना हो सके, पैदल चलें। शरीर से पसीना निकलने दें।
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प्रश्न : अंसल वासी मनीष और कृष्णापुरा वासी रिया ने बताया कि उनके साठ वर्षीय पिता की शुगर बढ़ी हुई है। तीन साल से दवा ले रहे हैं, बंद कर दें तो शुगर लेवल पुन: बढ़ जाता है। क्या करें।
उत्तर : दूध, इससे बनी खाद्य सामग्री, अंडा, मांस-मछली और आलिव आयल का सेवन बंद कर दें। डाइट चार्ट का पालन करें। नियमित व्यायाम करें और गुनगुनी धूप में जरूर टहलें। प्रश्न : सेक्टर-छह वासी जितेंद्र ने बताया कि मेरी आयु 44 साल, वजन 89 किग्रा. और लंबाई करीब छह फीट है। दवा का सेवन करने के बाद भी शुगर नियंत्रण में क्यों नहीं रहती।
उत्तर : सुबह आठ बजे और शाम को आठ बजे, दिन में दो ही बार घर का बना भोजन लें। भोजन से पहले 500 ग्राम मूली, चुकंदर, खीरा, पपीता का सलाद या फल खाएं। सब्जी में तेल की मात्रा बहुत कम रहे। प्रश्न : राजनगर निवासी किशोर ने बताया कि कुछ दिनों पहले पत्नी का शुगर लेवल 173, हिमोग्लोबिन आठ ग्राम था। उसके पैरों में दर्द और सिर भारी रहता है। क्या करना चाहिए।
उत्तर : आपकी पत्नी को शुगर के इलाज की नहीं, न्यूरो सर्जन से परामर्श लेने की जरूरत है। उनकी नसें कमजोर हो गई हैं। तनाव है तो ग्रीन टी में केसर डालकर पिएं। प्रश्न : सेक्टर-छह वासी रेखा और विकास नगर से मुकेश ने कहा कि सुबह सोकर उठते हैं तो ऐड़ियों में तेज दर्द होता है। यह मधुमेह रोग के लक्षण तो नहीं हैं।
उत्तर : एक बाल्टी में पानी डालकर नमक मिलाएं। दूसरी बाल्टी में बर्फ का पानी लें। 10-15 सेकेंड के लिए पहले गुनगुने, फिर ठंडे पानी में पैर डालें। सुबह उठकर उल्टी चाल चलने का प्रयास करें। दस दिन करें, आराम मिलेगा। प्रश्न : काबड़ी रोड वासी संजय ने बताया कि करीब दो साल से मधुमेह रोग है। शुगर लेवल बहुत बढ़ जाता है। उत्तमनगर वासी शुभम ने बताया कि सुबह के समय उसका शुगर लेवल 209 था, दवा कब तक खानी होगी।
उत्तर : सुबह आठ बजे और शाम को आठ बजे, दिन में दो ही बार घर का बना भोजन लें। भोजन से पहले सलाद या फल खाएं। आधा चम्मच सेब का सिरका पानी के साथ दिन में दो बार पिएं। सब्जी का छौंक लगाते समय सरसों का आधा चम्मच तेल ही इस्तेमाल करें। प्रश्न : करनाल के गांव पूंडरी निवासी विरेंद्र ने बताया कि ढाई साल पहले शुगर का अटैक आया था। अब शुगर लेवल 500 के आसपास रहता है। दिन में 25 इंसुलिन दिन में दो बार ले रहा हूं।
उत्तर : सुबह आठ बजे और शाम को आठ बजे, दिन में दो ही बार घर का बना भोजन लें। भोजन से पहले 500 ग्राम मूली, चुकंदर, खीरा, पपीता का सलाद या फल खाएं। केसर युक्त ग्रीन टी का सेवन करें। प्रश्न : माडल टाउन वासी आनंद ने बताया कि उनके शरीर में सूजन है। कमर में दर्द रहता है। क्या करना चाहिए।
उत्तर : यह मधुमेह रोग का लक्षण नहीं है। अपना किडनी टेस्ट कराएं। प्रश्न : वार्ड-9 से नीलेश ने बताया कि उसकी आयु 40 साल है। भविष्य में शुगर और रक्तचाप न बढ़े, क्या उपाय करें।
उत्तर : नमक का सेवन बहुत कम करें, रक्तचाप नहीं बढ़ेगा। नारियल पानी पिएं, चुकंदर खाएं, व्यायाम करें, स्वस्थ रहेंगे। प्रश्न : घरौंडा निवासी संदीप ने बताया कि उनकी आयु 35 वर्ष है। टांगों में दर्द रहता है, कभी-कभी सुन्न हो जाती हैं।
उत्तर : खाली पेट शुगर लेवल चेक कराएं, 120 से अधिक है तो समझें की शुगर बढ़नी शुरू हो गई है। एक घंटा सैर करें, दर्द गायब हो गया तो भी शुगर के लक्षण हैं। प्रश्न : नई सब्जी मंडी निवासी टेकचंद आर्य ने बताया कि पांच साल से शुगर है। क्या पूरे जीवन दवा खानी पड़ेगी।
उत्तर : सुबह के समय एक घंटा सैर करें। भोजन से पहले मिक्स सलाद या फलों का सेवन करें। सुबह शाम आधा चम्मच सेब का सिरका पानी में मिलाकर पिएं। एक माह बाद रिपोर्ट दिखाएं।
शुगर कंट्रोल के लिए नवरात्र सबसे अच्छे
डा. पावन ने कहा कि किसी व्यक्ति को अपना शुगर लेवल कम करना है तो नवरात्र सबसे अच्छे हैं। व्रत रखने वाले लोग उबले आलू, ग्रीन टी, फलों और पानी पर निर्भर रहें, निश्चित रूप से उनकी शुगर नियंत्रण में आ जाएगी। वजन भी घटेगा। टाइप टू शुगर के रोगी अपने खानपान और दिनचर्या में बदलाव कर लें तो बिना मेडिसिन के पूर्णत: स्वस्थ हो सकते हैं।
यह है शुगर रोग
डायबिटीज मिलीटस एक मेटाबॉलिक डिसआर्डर है। सामान्य स्थिति में हम जो खाते हैं, वह ग्लूकोज में बदलकर खून के जरिए पूरे शरीर में फैल जाता है। इसके बाद इंसुलिन हार्मोन, ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलता है। डायबिटीज होने पर शरीर में पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन नहीं बनता या शरीर सही से इन्सुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता। इस वजह से शरीर शर्करा, स्टार्च व अन्य भोजन को ऊर्जा में बदल नहीं पाता। खून में ग्लूकोज एकत्र होना शुरू हो जाता है।
प्रकृति ने जैसा दिया वैसा खाएं
-खाद्य आयल का इस्तेमाल बहुत कम करना है।
-शराब, बीड़ी और सिगरेट का सेवन न करें।
-अंडा, मांस-मछली का सेवन बहुत कम करें।
-लस्सी, पनीर, देसी घी, दूध वाली चाय, मिठाई, आइसक्रीम और मक्खन कम खाएं।
-मैदा से बने बिस्कुट, रस, ब्रेड, चिप्स न खाएं।
-एक चुटकी केसर एक कप पानी में उबालकर सुबह-शाम पिएं।
-काहवा और ग्रीन डिलाइट टी का सेवन करें।