टेंडर शर्त में 24 घंटे में स्ट्रीट लाइट ठीक न करने पर कटेगा ठेकेदार का भुगतान
पानीपत में स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस ठेकेदार निगम की शर्तों को ठेंगा दिखा रहा है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस ठेकेदार निगम की शर्तों को ठेंगा दिखा रहे हैं। बंद स्ट्रीट लाइट को 24 घंटे में ठीक करने की बजाए 24 दिन लगा रहे हैं। इकरारनामे में 24 घंटे में बंद स्ट्रीट चालू न करने पर उस प्वाइंट की पेमेंट रोक दी जाएगी। अधिकारी और ठेकेदार में सांठगांठ से नगर निगम को चूना लगाया जा रहा है। आरटीआइ में मांगी गई जानकारी में टेंडर की शर्तें दी गई है।
वार्ड नंबर 14 से 24 के स्ट्रीट लाइट मेंटेनेंस का टेंडर 7 दिसंबर 2017 को नीलोखेड़ी के चंद्रमोहन गोगिया को एक वर्ष के लिए दिया गया। काम कोई और देख रहा है। वार्डों में बंद स्ट्रीट लाइट की शिकायत कोई व्यक्ति करता है तो उसका 24 घंटे में ठीक करना होगा। ठेकेदार बंद स्ट्रीट लाइटों की शिकायत कार्यालय के कंप्लेंट रजिस्टर और सीएफसी से प्राप्त करेगा। अगले दिन इसकी रिपोर्ट कार्यालय में देनी होगी। मॉडल टाउन एरिया में कई दिनों से बंद पड़ी लाइटों की शिकायत करने के बाद भी उसे ठीक नहीं किया जा रहा है। तीन दिन में मेंटेनेंस न करने पर उस प्वाइंट के लिए भुगतान की जाने वाली राशि का दोगुना ठेकेदार के बिल में से काट लेने की शर्त है। टेंडर में दिए रेट के मुताबिक लगभग चाल लाख रुपये प्रतिमाह का टेंडर है। लाइट बंद होने का खामियाजा जनता भुगत रही है। टेंडर में निर्धारित रेट (प्रति माह)
टयूब लाइट प्वाइंट
40 वाट 1683 23 रुपये प्रति लाइट
सोडियम लाइट
150-400 वाट 984 80 रुपये प्रति लाइट
सीएफएल
45 से 65 वाट 255 45 रुपये प्रति सीएफएल
2 गुणे 36 वाट 4185 42 रुपये प्रति सीएफएल
हाई मास्ट लाइट
9 मीटर प्वाइंट 144 320 रुपये प्रति लाइट
12 मीटर प्वाइंट 150 320 रुपये प्रति लाइट पार्क की लाइटों का रख रखाव भी करेंगे
पार्कों में लगी स्ट्रीट लाइटों के मेंटेनेंस का ठेका भी उसी ठेकेदार के पास होगा। किसी तरह की लापरवाही करने पर निगम से जुर्माना लगाया जाएगा। मेन स्वीच रात्रि टाइम के अनुसार लगाएगा। सुबह में समय से बंद करने की जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी।
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ब्रांडेड कंपनी का उपकरण
इकरारनामा के मुताबिक ठेकेदार स्ट्रीट लाइट में प्रयोग होने वाला समान बजाज, सूर्या, क्रॉम्पटन और फिलिप्स कंपनी का लगाएगा। ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए उसी ब्रांड का डुप्लीकेट सामान लगा रहे हैं। सोशल मीडिया पर उपभोक्ता उन तक शिकायत भी पहुंचा रहे लेकिन उसका कोई असर नहीं हो रहा है।