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ठेकेदार और भाई ने पांच दिन पहले डीएसपी से मांगी थी सुरक्षा

जागरण संवाददाता पानीपत गोली लगाने से गंभीर रूप से घायल शराब ठेकेदार अजीत सिंह उर्फ जीता

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 06:43 AM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 06:43 AM (IST)
ठेकेदार और भाई ने पांच दिन पहले डीएसपी से मांगी थी सुरक्षा

जागरण संवाददाता, पानीपत : गोली लगाने से गंभीर रूप से घायल शराब ठेकेदार अजीत सिंह उर्फ जीता एक निजी अस्पताल में वेंटीलेटर पर है। फेफड़ा फट चुका है। सांस लेने में दिक्कत है। डाक्टरों ने स्वजनों को कह दिया है कि दो दिन में होश नहीं आया तो घायल को दिल्ली के अस्पताल में ले जाना पड़ेगा।

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छोटे भाई सुरेंद्र ने दैनिक जागरण को बताया कि 14 दिसंबर को भाई अजीत सिंह और वह खेत से लौट रहे थे। इसी दौरान लंबू गैंग के बुआना लाखू गांव के राकेश उर्फ राकू ने सिवाह के अंचल और किवाना के विकास के साथ मिलकर भाई की छाती में गोली मार दी थी। तब जान बच गई थी। समालखा थाना पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करके अंचल को गिरफ्तार कर लिया था। एक साल बाद भी पुलिस ने फरार राकेश और विकास को गिरफ्तार नहीं किया और न ही इनाम घोषित किया। पांच दिन पहले वह और भाई अजीत सिंह डीएसपी मुख्यालय सतीश कुमार वत्स से मिले थे। दोनों ने आरोपितों से जान का खतरा बताया था। दोनों पर इनाम घोषित कर गिरफ्तारी की मांग की। डीएसपी ने सिर्फ आश्वासन दिया। अगर पुलिस आरोपितों को काबू कर लेती तो उनके भाई की जान खतरे में नहीं पड़ती।

अस्पताल में भाई की जान को खतरा, पुलिस गार्द लगाई जाए

सुरेंद्र ने बताया कि 20 दिसंबर, 2019 से भाई अजीत की सुरक्षा में पुलिस ने गनमैन दे रखा है। 4 दिसंबर 2020 से सिपाही दिलबाग भाई की सुरक्षा में और हवलदार मुकेश उसका गनर है। अस्पताल में दाखिल भाई की जान का अभी भी आरोपितों से खतरा है। वह आरोपितों की जल्द गिरफ्तारी, अस्पताल में गार्द लगाने और उनकी सुरक्षा में और पुलिसकर्मी लगाने की मांग को लेकर एसपी शशांक कुमार सावन से मिलेंगे। 8:15 बजे सुरेंद्र की अंतिम बार अजीत से हुई थी बात

शनिवार को 8:15 बजे सुरेंद्र ने अजीत को काल कर कहा था कि भाई शराब के ठेकों से कलेक्शन कर जल्द घर लौट आओ। इसके बाद भाई के साथ वारदात हो गई। अजीत के साथ फोन से भाई की ही अंतिम काल थी। शटर बंद करके बचाई जान ठेकेदार अजीत सिंह के नूरवाला स्थित ठेके के सेल्समैन बाबू ने बताया कि गोयला खेड़ा के मनीष उर्फ मुखिया ने अंग्रेजी शराब का अद्धा खरीदा। इधर-उधर देखा और अजीत पर गोलियां चला दी। एक गोली अंदर फ्रिजर पर लगी। उसने शटर बंद करके अंदर से ताला लगाकर जान बचाई। गोलियां शटर पर भी लगी हैं। पुलिस के आने के बाद ही उसने शटर खोला। सावन की हालत खतरे से बाहर, खौफजदा धर्मेंद्र बोला-ठेके पर नहीं जाऊंगा ठेकेदार अजीत के ड्राइवर सोनीपत के जुआ गांव के सावन के पेट से गोली पार निकल गई थी। निजी अस्पताल में उसका आपरेशन किया गया है। जान अब खतरे से बाहर है। वहीं गोली के छर्रे लगने से चंदौली गांव स्थित मुर्गी फार्म का कामगार धर्मेंद्र घायल हो गया था। खौफजदा धर्मेंद्र ने कहा कि वह भविष्य में शराब ठेके पर शराब लेने नहीं जाऊंगा। उद्योग और ठेकेदारों पर रंगदारी का साया समालखा नट बोल्ट और टोका उद्योग के लिए देश में विख्यात है। यहां के उद्यिमयों से गैंगस्टरों ने रंगदारी मांगी। रंगदारी न देने पर उद्यमी रामकरण, रामनिवास, सुरजाीत देशवाल, रमेश छौक्कर और पवन गर्ग को मौत के घाट उतार दिया गया। उद्योग बर्बाद हो गया। इसी तरह से बाबरपुर के व्यवसायी प्रतीप आहूजा की हत्या कर दी गई। सांसद संजय भाटिया पहले नगर परिषद के चेयरमैन रहे हैं। तब बदमाशों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। पूर्व विधायक भरत सिंह छौक्कर से भी रंगदारी मांगी जा चुकी है। इसी तरह से गैंगस्टर सिवाह के प्रसन्न उर्फ लंबू ने पड़ोसी गांव खलीला के शराब ठेकेदार अजीत सिंह से दो लाख रुपये प्रतिमाह की रंगदारी मांगी। अजीत ने मना किया तो उन पर पांच बार जानलेवा हमला कराया। बदमाशों के बढ़ते हौसले से शहर के उद्यमी भी खौफजदा हैं। जेल में बैठे गैंगस्टर चला रहे हैं गैंग जेलों में बंद गैंगस्टर गैंग चला रहे हैं। गैंगस्टर सिवाह का प्रसन्न उर्फ लंबू और राकेश उर्फ पंपू जेल में बंद हैं। मोबाइल फोन पर वीडियो बनाकर फेसबुक पर अपलोड करते हैं। फोन के जरिये गुर्गों को संदेश देकर जिले में वारदात करा रहे हैं। राकेश के पास से मोबाइल फोन बरामद हो चुके हैं। सेक्टर-29 थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर रखा है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाई है। बदमाशों की पहचान के लिए पुलिस खंगाली रही है सीसीटीवी कैमरे

सीआइए की चार और सेक्टर 13-17 थाने की एक टीम बदमाशों को ढूंढ रही हैं। वारदात स्थल के आसपास से सीसीटीवी कैमरें कों खंगाला जा रहा है, ताकि बदमाशों की पहचान हो सके। इसके अलावा मुखबिर का भी सहयोग लिया जा रहा है।


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