Move to Jagran APP

मोर्चरी में 18 दिन कोविड पॉजिटिव शव रहने का कमेटी करेगी जांच

जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। कमेटी को तीन दिन में रिपोर्ट प्रिसिपल मेडिकल आफिसर (पीएमओ) कार्यालय में सौंपनी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 06:26 AM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 06:26 AM (IST)
मोर्चरी में 18 दिन कोविड पॉजिटिव शव रहने का कमेटी करेगी जांच
मोर्चरी में 18 दिन कोविड पॉजिटिव शव रहने का कमेटी करेगी जांच

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना पॉजिटिव का शव 18 दिनों तक किस कारण से मोर्चरी में सड़ता रहा? इसकी जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। कमेटी को तीन दिन में रिपोर्ट प्रिसिपल मेडिकल आफिसर (पीएमओ) कार्यालय में सौंपनी है। उधर, एक और लावारिस शव का 10 दिन बाद मंगलवार को अंतिम संस्कार कराया है।

loksabha election banner

इस केस पर भी सवाल उठ गए हैं। पीएमओ डा. संजीव ग्रोवर ने बताया कि कमेटी में डा. आलोक जैन और डा. राघवेंद्र को शामिल किया है। जांच होगी कि हीरालाल कब भर्ती हुआ, कब रिपोर्ट पॉजिटिव आई, कब मौत हुई, शव को किसने लीक प्रूफ बैग में सील कराया, मोर्चरी में किसने शव को रिसीव किया, मृतक के पत्नी प्रमिला को किसने कहा कि शव का अंतिम संस्कार कर दिया है, जैसे तमाम बिदूओं पर जांच करेगी। शव को पैक करने से पहले किसने जामा तलाशी ली, मोर्चरी के मेडिकल आफिसर ने 18 दिन तक शव की सुध क्यों नहीं ली, इन बिदुओं पर भी जांच होगी।

आइसोलेशन में हीरालाल की मौत होने की सूचना पीएमओ, सिविल सर्जन और मोर्चरी के मेडिकल आफिसर को भी नहीं दी गई थी। डा. ग्रोवर ने कहा कि इस मामले में किसी कर्मचारी की चूक मिली तो उसके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी। मोर्चरी के मेडिकल आफिसर ने रखा अपना पक्ष : मोर्चरी के मेडिकल आफिसर डा. नारायण डबास ने मंगलवार को पीएमओ डा. संजीव ग्रोवर और एसएमओ डा. आलोक जैन से मिलकर, अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि कोरोना पॉजिटिव होने के चलते वे होम आइसोलेट थे। यह प्रकरण उस समय का है। हीरालाल के शव पर कोई टैग नहीं लगा था। शव कहां से आया, इसकी जानकारी नहीं मिली थी। मृतक की रिपोर्ट पॉजिटिव है, यह भी नहीं बताया गया था। आइसोलेशन वार्ड के इंचार्ज और स्टाफ की ओर से भी कोई जानकारी नहीं दी गई थी। मोर्चरी के स्टाफ को मृतक की जेब से मोबाइल फोन मिला, तब उसके स्वजनों की सूचना दी गई। यह है दूसरा मामला

बस अड्डा, पानीपत के पास, फ्लाईओवर के नीचे आठ मई को लावारिश शव मिला था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए इमरजेंसी में पहुंचाया। पुलिसकर्मी ने इमरजेंसी के रजिस्टर में अपना नाम, मोबाइल फोन नंबर, थाना-चौकी का नाम नहीं लिखवाया। सिर्फ बेल्ट नंबर लिखकर चला गया। नतीजा, शव की शिनाख्त नहीं हो सकी। हीरालाल के शव का मामला उठा तो मोर्चरी के स्टाफ को दूसरा शव भी याद आ गया। इस लावारिस शव का मंगलवार को अंतिम संस्कार कराया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.