जमीन के साल में दो बार कलेक्टर रेट होंगे तय, बाढ़ से निपटने के प्रबंध करने होंगे पुख्ता
जमीन के हर साल में दो बार अप्रैल और अक्टूबर में कलेक्टर रेट तय किए जाएंगे। रजिस्ट्री के वक्त उसी गांव का नंबरदार होना जरूरी होगा।
जागरण संवाददाता, पानीपत : जमीन के हर साल में दो बार अप्रैल और अक्टूबर में कलेक्टर रेट तय किए जाएंगे। रजिस्ट्री के वक्त उसी गांव का नंबरदार होना जरूरी होगा। इसके अलावा जिले में जमाबंदी जल्द ही पूरी करनी होगी। डीसी ने इस कार्य को 30 सितंबर तक पूरा करने का भरोसा दिया।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने रविवार को डीसी कार्यालय के कांफ्रेंस हाल में पानीपत और करनाल के राजस्व अधिकारियों की मी¨टग ली। डेढ घंटे चली बैठक में दोनों जिलों के राजस्व और बाढ़ प्रबंधन की रिपोर्ट ली। इसमें करनाल मंडलायुक्त पंकज यादव, करनाल के डीसी डॉ. आदित्य दहिया और पानीपत डीसी सुमेधा कटारिया मुख्य रूप से मौजूद रहीं। केशनी आनंद अरोड़ा ने दोनों जिलों में बाढ़ से निपटने, खासकर पानीपत में यमुना नदी पर बेहतर प्रबंध करने के निर्देश दिए। पानीपत नगर को बरसाती पानी निकासी के पुख्ता प्रबंध कर दो दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए।
राजस्व के पें¨डग कार्य को अतिरिक्त समय देकर पूरा करें : राजस्व विभाग के सभी अधिकारी कार्यालय समय 5 बजे के बाद अतिरिक्त समय लगाकर राजस्व विभाग के पें¨डग कार्य को पूरा करें। वे इन कार्यों का निपटान करते वक्त पूरी पारदर्शिता और कर्तव्यनिष्ठा का पालन करें। ऑनलाइन प्रणाली शुरू होने के बाद सरकारी कार्यालयों में आने वाली भीड़ कहीं भी नजर नहीं आती।
अधिकारी जनता के साथ वाट्सएप ग्रुप बनाकर करें काम : एसीएस ने कहा कि बारिश के दिनों में बाढ़ आने का खतरा बना रहता है। कई बार इसके प्रबंध न होने पर नुकसान बढ़ जाता है। सभी अधिकारी मानसून के दौरान बाढ़ से निपटने के सभी साधन तैयार रखें। अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, खाद्य एवं पूर्ति विभाग, पटवारियों, पंचायती राज संस्थाओं के सभी सदस्यों, सरपंचों, ग्राम सचिवों, नंबरदारों और चौकीदारों के साथ वाट्सएप ग्रुपों में अपडेट रखें।
पानी के पंप निकालने वाले पंपों को रखें फिट : अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि आने वाले दिनों में कभी भी तेज या भारी बारिश हो सकती है। पानीपत और करनाल जिला के पास जितने भी डीजल के पानी निकालने के पंप हैं, वे भी पूरी तरह फिट होने चाहिए और डीजल बोट (नाव) यमुना नदी के किनारे वाले संवेदनशील गांव में तैनात रखें। यमुना नदी के नजदीक खंड सनौली खुर्द, बापौली और समालखा के लगभग 12 गांव में बाढ़ से प्रभावित होने का खतरा बना रहता है। इन गांवों की प्रतिदिन की रिपोर्ट सभी पटवारी, ग्राम सचिव और नंबरदार जिला प्रशासन को देते रहें। एसडीएम महीने में एक बार डीसी तीन महीने में एक बार नंबरदारों की बैठक बुलाकर क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी लें। उनको सरकार की नई नीतियों के बारे में प्रशिक्षण दें। अधिकारी फसल बीमा योजना और किसान भावांतर भरपाई योजना के बारे में किसानों को और अधिक जागरूक करें।
गोताखोर भर्ती कराने की मांग रखी : डीसी सुमेधा कटारिया और समालखा एसडीएम गौरव कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश की तरह हरियाणा में भी राजस्व विभाग में गोताखोरों को सेवादार के पद पर लगाने की व्यवस्था की जाएं ताकि जरूरत पड़ने पर इन गोताखोर सेवादारों से जलभराव के समय इनकी सेवाओं का लाभ लिया जा सकें। उन्होंने कहा कि वे यह मामला सरकार के समक्ष रखेंगी।
सरल केंद्र में सुविधाओं की सराहना की : एसीएस केशनी आनंद अरोड़ा ने इससे पहले लघु सचिवालय के भू-तल पर नवनिर्मित सरल सेवा केंद्र का निरीक्षण किया और इसको एक सराहनीय कदम बताया। अधिकारियों ने बताया कि सरल केंद्र पर 28 काउंटर बनाए गए हैं। फिलहाल 12 पर काम शुरू होगा। यहां पर कंप्यूटर और ¨प्रटर समेत सारा सामान नया लगाया गया है। दो कंप्यूटर टोकन देने के लिए लगाए हैं, जबकि एक-एक कंप्यूटर हर समय और सीएम ¨वडो के लिए लगाया है। फुली एसी केंद्र में 5 एलसीडी लगाई गई हैं। तीन एलसीडी पर टोकन के नंबर दिखाए जाएंगे, जबकि दो एलसीडी पर सरकार की योजनाओं को दिखाया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि सरल केंद्र पर सोमवार को काम शुरू कर दिया जाएगा।