सीएम मनोहर लाल ने कहा, बाढ़ प्रबंधन के सभी कार्य हों 20 जून तक पूरे हों
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीसी के माध्यम से डीसी से बाढ़ प्रबंधन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरूवार को प्रदेश के उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग कर बाढ़ बचाव कार्यों व ड्रेनों की सफाई जैसे महत्वपूर्ण विषयों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि बाढ़ प्रबंधन की दिशा में जितने भी कार्य चल रहे हैं वे सभी 20 जून तक पूरे हो जाने चाहिए। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मानसून प्रदेश में समय से पहले दस्तक दे सकता है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जो भी कार्य शुरू हो चुके हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा करें। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में उन्हें प्राथमिकता दें। जिन क्षेत्रों में बाढ़ से आबादी के प्रभावित होने की सम्भावना हो, उन्हें पहले पूरे कर लें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नहरों के किनारे यदि कोई पेड़ अंदर की साइड है, उसका वन विभाग से कोई लेना-देना नहीं है। भारी जल प्रवाह से कई बार ऐसे पेड़ गिर जाते हैं और किनारों को ब्रीच कर देते हैं। ऐसे पेड़ों को काटा जा सकता है ताकि उनसे बचाव हो सके। उन्होंने बताया कि भूमिगत जल को रिचार्ज करने के लिए कृषि विभाग की खेतों में बोर करने की स्कीम है। कई क्षेत्रों में अत्याधिक बारिश से प्राकृतिक रूप से पानी बहकर खेतों को लबालब कर देता है, परिणाम स्वरूप फसलें नष्ट हो जाती हैं।
वीसी में डीसी सुजान सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस जिला में बाढ़ से बचाव के सभी कार्य सुचारू रूप से चल रहे हैं। गुहला में घग्घर नदी के नजदीक बाढ़ संभावित क्षेत्रों में स्टोन स्टड, स्टोन पिचिंग, अंडर पाइप लाइन आदि कार्य चल रहे हैं, जिन्हें समयबद्ध पूरा किया जाएगा। इसके साथ-साथ शहर में अतिरिक्त बरसाती पानी की निकासी के लिए पपिंग हाऊस बनाए जा रहे हैं, उन्हें भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। सभी डीजल पंप दुरुस्त करवा दिए गए हैं। इस मौके पर एसडीएम कमलप्रीत कौर, अधीक्षक अभियंता राकेश सूद, देवी लाल, बीएस रंगा, कार्यकारी अभियंता बनारसी दास, प्रशांत, कुलदीप, कर्णबीर , डीडीपीओ जसविंद्र सिंह, डीआरओ सुरेश कुमार, ईओ अशोक कुमार के अलावा अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।