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कॉमन बॉयलर प्लांट के स्टीम से चलेंगे उद्योग, सीएम ने दी अनुमति

स्टीम सस्ती पड़ेगी या महंगी इसके लिए उद्यमियों ने बैठक करके मंथन किया। वहीं सीएम ने कॉमन बॉयलर प्लांट के स्टीम से उद्योग चलाने की अनुमति दे दी है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 09:51 AM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 09:56 AM (IST)
कॉमन बॉयलर प्लांट के स्टीम से चलेंगे उद्योग, सीएम ने दी अनुमति
कॉमन बॉयलर प्लांट के स्टीम से चलेंगे उद्योग, सीएम ने दी अनुमति

पानीपत, जेएनएन। सेक्टर 29 पार्ट-वन-टू और सेक्टर 25 पार्ट-वन-टू के उद्योग फसलों के अवशेष व कोयले को जलाकर बनने वाली स्टीम से चलेंगे। गुजरात की कंपनी गैपिल को कॉमन बॉयलर प्रोजेक्ट के लिए सीएम कार्यालय से अनुमति मिल गई है। कंपनी इस प्रोजेक्ट पर करीब 600 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसमें जमीन, पाइपलाइन व बॉयलर लगाने आदि का खर्च शामिल है।

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जीटी रोड स्थित एक होटल में शुक्रवार रात नौ बजे हुई उद्यमियों की बैठक में पानीपत डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम राणा ने यह जानकारी दी। बैठक में यह मंथन हुआ कि कोयले की तुलना में स्टीम कितनी महंगी पड़ेगी। उद्यमियों को फिलहाल कोयला पर लगभग सवा सात रुपए प्रति किलोग्राम खर्च करना पड़ रहा है। कंपनी स्टीम सप्लाई पौने आठ रुपये प्रति किग्रा. मांग रही है। प्रोजेक्ट शुरू होने से चारों सेक्टरों की करीब दो हजार यूनिटों को लाभ मिलेगा। नगर निगम, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और हशविप्रा की मनमानी पर भी चर्चा हुई। 

ओद्यौगिक सेक्टरों में एन्हांसमेंट प्रक्रिया शुरू नहीं होने पर सोमवार को हशविप्रा कार्यालय का घेराव करने पर सहमति बनी। बैठक में राजकुमार यादव, राजेश जैन, नितिन अरोड़ा, विनोद ग्रोवर, संदीप अग्रवाल, सुरेश गर्ग, मुकेश रेवड़ी, राजीव अग्रवाल और दीनानाथ गुप्ता आदि मौजूद रहे। 

डीसी की सख्ती का मुद्दा गूंजा  

सात फरवरी को लघु सचिवालय में हुई बैठक में डीसी हेमा शर्मा की सख्ती का मुद्दा भी गूंजा। एडीसी प्रीति, डीएसपी सतीश वत्स सहित आइओसीएल व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड आदि विभागों के अधिकारी मौजूद रहे थे। इस बैठक में उद्यमियों से पूछा गया था कि गैस क्यों नहीं इस्तेमाल कर रहे हो। अधिकारियों ने सख्त लहजे में कहा था कि इस दिशा में आगे बढ़ो, अधिक दिन नहीं चलेगा। 

नगर निगम कटघरे में 

इंडस्ट्रियल एरिया में साफ-सफाई रखना उद्यमियों की जिम्मेदारी है। इस विषय पर चर्चा शुरू हुई तो ओल्ड इंडस्ट्री एरिया के एक उद्यमी ने कहा कि हम तो डस्टबिन में रह रहे हैं। कूड़ा डालने की जगह नहीं है। फैक्ट्री के बाहर डालें तो नगर निगम के कर्मचारी उठाने नहीं आते। डपिंग प्वाइंट तक नहीं है जबकि नगर निगम साढ़े तीन रुपये वर्ग गज का हाउस टैक्स वसूल रहा है। सड़कों की मरम्मत नहीं कराने पर भी निगम को कटघरे में खड़ा किया गया।

डीसी को कल सौपेंगे ज्ञापन 

बैठक में हशविप्रा के अधिकारियों पर भी मनमानी करने का आरोप लगाया गया। राणा ने कहा कि पूरे प्रदेश में सेक्टरों की एनहांसमेंट की री-कैलकुलेशन हो चुकी है। सेक्टर-29 पार्ट वन और टू की नहीं हुई है। सोमवार को सभी औद्योगिक एसोसिएशन और सेक्टरवासी सड़क पर उतरेंगे। हशविप्रा कार्यालय का घेराव करने के बाद पैदल लघु सचिवालय पहुंच कर डीसी को ज्ञापन देंगे।


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