सीएम की घोषणा के चार माह बाद मिली डीसी को एनओसी पावर
संजीव गुप्ता, पानीपत मुख्यमंत्री की घोषणा के चार महीने बाद अंतत: छोटी औद्योगिक इकाई लगान
संजीव गुप्ता, पानीपत
मुख्यमंत्री की घोषणा के चार महीने बाद अंतत: छोटी औद्योगिक इकाई लगाने का रास्ता सरल हो गया है। अब उद्यमियों को चंडीगढ़ के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अगर सभी नियम कायदे पूरे किए जा रहे होंगे तो जिला स्तर पर ही एनओसी मिल जाएंगी। आवेदन भी ऑनलाइन ही हो जाएगा, कहीं जाने की जरूरत नहीं। डीसी को पावर के आदेश जारी हो गए हैं।
गौरतलब है कि छोटी या बड़ी कैसी भी औद्योगिक इकाई लगाने के लिए अभी तक सभी आवेदन चंडीगढ़ भेजे जाते थे। इन्हें स्वीकृति देने की पावर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के निदेशक के पास होती थी। स्वीकृति मिलने में समय भी काफी लग जाता था और आवेदक को कई बार विभाग के चक्कर भी लगाने पड़ जाते थे। चूंकि औद्योगिक इकाई लगाने में बिजली निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, फायर, जन स्वास्थ्य विभाग इत्यादि की भी एनओसी चाहिए होती है, इसलिए परेशानी भी काफी होती थी। कुछ को भ्रष्टाचार का सामना भी करना पड़ता था तो बहुत से उद्यमी हतोत्साहित होकर औद्योगिक इकाई लगाने का इरादा ही त्याग देते थें।
इन्हीं सब दिक्कतों का निदान खोजने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 7-8 मार्च को गुड़गांव में आयोजित हैपनिंग हरियाणा कार्यक्रम के दौरान इस दिशा में डीसी को ही पावर देने की घोषणा की थी। तब की घोषणा पर अब जाकर अमल किया गया है। नई व्यवस्था के तहत अब उद्यमियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। उन्हें एक ही छत के नीचे सिंगल विंडो से सारी क्लीयरेंस मिल जाएगी, वो भी समयबद्धता के साथ (लगभग एक माह में)। इसके लिए जिले में जहां जिला उपायुक्त को शक्तियां दे दी गई हैं। राज्य स्तर पर इम्पावर्ड एग्जीक्यूटिव कमेटी (ईईसी) बना दी गई है। जो औद्योगिक इकाई एक एकड़ एरिया में लगनी है और जिसका बजट एक करोड़ तक का है, उसकी क्लीयरेंस जिला स्तर पर डीसी से ही मिलेगी। एक एकड़ से अधिक एरिया और 10 करोड़ से अधिक के बजट वाली औद्योगिक इकाइयों की फाइल ईईसी के पास भेजी जाएगी।
जागरण से बातचीत में जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) अरविंद्र ढुल ने बताया कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट, चंडीगढ़ के सचिव अरूण कुमार गुप्ता की ओर से इस आशय के आदेश आ गए हैं। नए आदेशों के तहत औद्योगिक इकाइयों के लिए आवेदन भी अब ऑनलाइन ही हो जाएगा। बशर्ते जहां औद्योगिक इकाई लगाई जा रही है वह औद्योगिक क्षेत्र होना चाहिए। और तो और बिल्डिंग प्लान और कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी जिले से ही मिल जाएगा।