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कुराड़ अग्निकांड से सीएम नाराज, फैक्ट्री मालिकों पर होगी सख्ती

जागरण संवाददाता, पानीपत : पानीपत के कुराड़ स्थित फैक्ट्री की भीषण आग में आठ लोगों की

By Edited By: Published: Sun, 27 Nov 2016 02:34 AM (IST)Updated: Sun, 27 Nov 2016 02:34 AM (IST)

जागरण संवाददाता, पानीपत :

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पानीपत के कुराड़ स्थित फैक्ट्री की भीषण आग में आठ लोगों की मौत को सीएम मनोहर लाल ने गंभीरता से लेते हुए इस दिशा में जिला प्रशासन के रोल पर नाराजगी जताई है। उन्होंने सख्त से सख्त एक्शन लेने और भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भी हर संभव उपाय करने के निर्देश दिए हैं।

शुक्रवार रात भी मुख्यमंत्री मनोहर जिला उपायुक्त डा. चंद्रशेखर खरे से सारा अपडेट लेते रहे थे। उनके निर्देश पर ही रात साढ़े 11 बजे अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन की अगुवाई श्रम विभाग के अधिकारियों की टीम घटना स्थल का दौरा करने पहुंची। इस टीम ने करीब सवा घंटे तक तमाम खामियां नोट की। इसके बाद स्काईलार्क में जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल के साथ घंटे भर तक बैठक भी की। बाद में इस टीम ने भी सारी स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

बताया जाता है कि फैक्ट्री मालिकों द्वारा बरती जा रही लापरवाही और उनमें नकेल कसने में बरती जा रही प्रशासनिक ढिलाई पर ही मुख्यमंत्री का पारा गर्म हुआ है। इसी के चलते उन्होंने उपायुक्त को फोन पर सख्त एक्शन लेने के आदेश दिए हैं।

जागरण से बातचीत में डा. खरे ने बताया कि जिला प्रशासन की एक टीम शहर में भी शहर से बाहर भी सभी फैक्ट्रियों का गंभीरता से सर्वे करेगी। इस सर्वे में सभी जरूरी सुरक्षा मानकों की जांच की जाएगी। जहां जहां खामियां पाई जाएंगी, वहां फैक्ट्री मालिकों को एक तय समय सीमा में उन्हें दुरूस्त करने के लिए कहा जाएगा। इसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

बॉक्स-1

चंडीगढ से आई टीम को मिली ढेरों खामियां :-

1. फैक्ट्री में आग से बचाव का कहीं कोई इंतजाम न था। कहने को दो अग्निशमन यंत्र रखे थे लेकिन दोनों के सिलेंडर एक्सपायर थे।

2. आग लगने की स्थिति में बाहर निकलने के लिए नहीं था कोई गेट। एक ही गेट आने के लिए था, एक ही जाने के लिए।

3. कर्मचारियों का कोई रिकार्ड नहीं मिला।

4. आग लगने की स्थिति से निपटने के लिए रेत की बाल्टियां तो थीं ही नहीं, पानी की व्यवस्था भी सिर्फ 300 लीटर तक थी।

5. फैक्ट्री कर्मियों के लिए फ‌र्स्ट एड, इएसआइ इत्यादि की कोई व्यवस्था ना थी।


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