रियल स्टेट प्रोजेक्ट के नाम से होती थी ठगी
जागरण संवाददाता, पानीपत लीजेंड ग्रुप ऑफ कंपनीज की शाखा लीजेंड इंफ्रोटेक इंडिया लिमिटे
जागरण संवाददाता, पानीपत
लीजेंड ग्रुप ऑफ कंपनीज की शाखा लीजेंड इंफ्रोटेक इंडिया लिमिटेड व लीजेंट इंफ्रा प्रॉडयूसर लिमिटेड के एजेंटों का नेटवर्क हरियाणा समेत कई राज्यों में फैला हुआ था। इन कंपनियों में चिट फंड और सावधि जमा के अतिरिक्त रियल स्टेट में निवेश के नाम पर भी ठगी की जाती थी। कंपनी ने ब्रोसर में उत्तराखंड और हिमाचल में भूखंड की साइट दिखाई गई। चौंकाने वाला पहलू यह कि कंपनी के नाम इन साइट्स पर कोई भूमि नहीं थी।
कंपनी की ठगी का शिकार बने गांव धनसौली के रविंद्र शास्त्री को एजेंटों ने नहीं बख्शा। रियल स्टेट में मोटा मुनाफा का लालच देकर निवेश के लिए उकसाया। कंपनी ने उत्तराखंड के हरिद्वार और हिमाचल के कालका में अपनी कंस्ट्रक्शन साइट भी बताई थी। ड्रा के जरिए प्लॉट मिलने थे। ड्रा निकलने पर छूट का दावा भी किया गया। ड्रा नहीं निकलने पर ब्याज सहित रकम वापसी की बात कही। निवेशकों की मानें तो वर्ष 2011 में 11-11 हजार के एफडी करवा कर प्लॉट बुक कराए। एजेंट ने ड्रॉ निकलने की बात कह कर 2 लाख रुपये और ऐंठ लिए। वर्ष 2015 तक ड्रा नहीं निकलने पर शास्त्री ने कंपनी ब्रोशर में दिखाई गई भूमि का संबंधित तहसीलों से रिकॉर्ड निकलवाया। एक इंच भी भूमि नहीं पाई।
इस खुलासे के बाद उसे ठगे जाने का अहसास हुआ। ठगी का शिकार दर्जनों निवेशक इस प्रकरण की शिकायत जिला उपायुक्त व एसपी से करेंगे। निवेशक विकास कौशिक को मुख्य ठग बता रहे हैं। सीएम विंडो पर दिए शिकायत में निवेशकों ने विकास कौशिक पर पैसा ऐंठ कर एमडी डॉ. विनोद रोहिल्ला को देने का आरोप लगाया है।
यह है मामला :
स्काईलार्क में बृहस्पतिवार को कंपनी में निवेश करने वाले लोगों की बैठक हुई थी। दो दर्जन से अधिक निवेशक शामिल हुए। आरोप था कि कंपनी पैरा बैंकिंग (एफडी व आरडी) में निवेश कराती थी। जमा रकम ब्याज सहित मांगने गए तो कंपनी के कार्यालय मार्च 2016 के बाद एक-एक कर बंद होते गए। सीएम विंडो पर दी गई शिकायत की कोई कार्रवाई नहीं हुई।