सुनो मुख्यमंत्री जी, अस्पताल को तीन माह से नहीं मिला बजट
दिल्ली चुनाव में मिली हार के बाद हरियाणा सरकार के आगामी बजट में स्वास्थ्य शिक्षा और सुरक्षा पर अधिक फोकस की उम्मीद है। मौजूदा हालात की बात करें तो 14 लाख की आबादी पर बना सिविल अस्पताल लगभग 90 लाख का कर्जदार है। एमएमआइवाइ (मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना) का तीन माह से बजट नहीं मिला है। दवाओं के अभाव में मरीज सिसक रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत
दिल्ली चुनाव में मिली हार के बाद हरियाणा सरकार के आगामी बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा पर अधिक फोकस की उम्मीद है। मौजूदा हालात की बात करें तो 14 लाख की आबादी पर बना सिविल अस्पताल लगभग 90 लाख का कर्जदार है। एमएमआइवाइ (मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना) का तीन माह से बजट नहीं मिला है। दवाओं के अभाव में मरीज सिसक रहे हैं।
सिविल अस्पताल की नई बिल्डिंग करीब 42 लाख से बनी है। अस्पताल 200 बेड का है। डॉक्टर्स की संख्या तो सौ बेड के मानक भी पूरा नहीं करती। एमएमआइवाइ का बजट नहीं मिलने से अस्पताल दवाओं के अभाव से जूझ रहा है।
मेडिसिन खरीद के लिए अस्पताल प्रशासन एसकेएस (स्वास्थ्य कल्याण समिति) से 55 लाख रुपये से अधिक उधार ले चुका है। एमएमआइवाइ से सिविल अस्पताल को विगत वित्तीय वर्षों में तीन माह का बजट लगभग 75-80 लाख रुपए मिलता रहा है। करीब तीन माह से बजट नहीं मिला है। हेल्थ मैप डायग्नोस्टिक सेंटर को जून 2019 से जनवरी 2020 तक का भुगतान(लगभग 30 लाख रुपये) नहीं किया जा सका है।
डायलिसिस सेंटर का भी लाखों रुपया बकाया है। फंड अभाव का नतीजा यह कि अस्पताल की डिस्पेंसरी में लगभग 30 प्रकार की आवश्यक दवाओं का अभाव बना हुआ है। हेल्थ मैप डायग्नोस्टिक कंपनी को भी सेंटर रनिग में दिक्कत आने लगी है। वर्जन :
हम सरकार को सिर्फ डिमांड कर सकते हैं, इससे अधिक कुछ नहीं। मौजूदा वित्तीय वर्ष में बाकी बचे महीनों के लिए दो करोड़ रुपये का बजट मांगा है। बजट मिलते ही व्यवस्थाओं में स्वत: सुधार दिखेगा।
डॉ. आलोक जैन, चिकित्सा अधीक्षक वर्जन :
मरीजों को बेहतर चिकित्सा-स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हों, यह प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है। पीपीपी मोड पर सीटी स्कैन और डायलिसिस सुविधाएं देना, आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं कारगर हैं। अस्पताल की बेड संख्या, मरीज वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सरकार को बजट बढ़ाना चाहिए।
डॉ. गौरव श्रीवास्तव, पूर्व प्रधान-आइएमए पानीपत वर्जन :
एमएमआइवाइ का तीन माह से बजट नहीं मिला है, इसकी जानकारी नहीं है। दो बार अस्पताल का निरीक्षण करने से लगा कि कुछ दिक्कतें हैं। बजट से पहले मुख्यमंत्री तक संदेश पहुंचाएंगे कि स्वास्थ्य का वार्षिक बजट बढ़ाया जाए ताकि दवाओं, जरूरी उपकरणों का अभाव न रहे।
प्रमोद विज, शहर विधायक