Chhath puja: घाटों पर सजावट, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य आज Panipat News
छठ महापर्व का निर्जला व्रत शुरू हो चुका है। घाटों पर सजावट पूरी हो चुकी है। आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
पानीपत, जेएनएन। लोक आस्था का छठ पर्व शुरू हो गया है। खरना के साथ ही शुक्रवार देर शाम से 36 घंटे का उपवास शुरू हो गया। व्रती शनिवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। बिहार और उत्तर प्रदेश के हजारों परिवार यहां छठ मनाते हैं। नहाय खाय से ही चार दिन का यह पर्व शुरू हो जाता है। व्रती बाजार में अघ्र्य का सामान खरीदने में व्यस्त रहे। तीसरे पहर बाद घर लौटे।
शाम में स्नान करने के बाद मिट्टी के चूल्हे पर गुड़, दूध और चावल से खीर का प्रसाद तैयार किया। छठी मैया को अर्पित करने के बाद आसपड़ोस में लोगों को प्रसाद बांटा। स्वयं भी प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद से 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया। रविवार को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती अपना उपवास खोलेंगे। श्रीराम राज्य संस्था के अध्यक्ष रमेश चौधरी व प्रधान राजेंद्र यादव ने बताया कि खरना के दिन व्रती महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं।
घाटों पर सजावट
थर्मल रजवाहा, गोहाना रोड, बाबरपुर ड्रेन पर सजावट की गई। सबसे अधिक व्रती थर्मल रजबाहा, गोहाना रोड पर आते हैं। यमुना घाट पर भी छठ पूजा की जाती है। नगर निगम ने जेसीबी से आयोजन स्थलों की सफाई करवाई है। देर शाम तक आयोजन स्थल पर सजावट का काम चल रहा था।
स्टेशन और फाटकों पर जीआरपी और आरपीएफ की नजर
चार साल पूर्व छठ पर्व हुए दर्दनाक हादसे के मद्देनजर जीआरपी और आरपीएफ के जवान संवेदनशील प्वाइंटों पर विशेष नजर रखेंगे। जीआरपी और आरपीएफ थाना प्रभारियों ने शनिवार को दो-दो जवानों की नहरी और संवेदनशील प्वाइंटों पर ड्यूटी लगाई। बता दें कि चार साल पहले 2015 में विकास नगर से एनएफएल रजवाहे की तरफ सूर्योपासना करने जा रहे तीन लोग ट्रेन की चपेट में आ गए थे।
19 साल से यहां मनाया जा रहा है छठ पर्व
रिफाइनरी टाउनशिप में अखंड बिहार सांस्कृतिक मंच भी छठ पर्व की तैयारी में जुटा है। बिहार से बुलाए कारीगर ठेकुआ-टिकरी और चावल के लड्डू का प्रसाद तैयार कर रहे हैं। सांस्कृतिक मंच के वरिष्ठ सदस्य राकेश ने बताया कि वर्ष 2000 में बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वी उत्तर प्रदेश के परिवारों ने यहां छठ पूजा की शुरुआत की थी। रिफाइनरी कैंपस में रह रहे अन्य राज्यों के परिवार भी पर्व में शिरकत करते रहे हैं। रिफाइनरी के अधिकारी सपरिवार हिस्सा लेते हैं। उगते सूर्य का अघ्र्य देने के बाद ठेकुआ-टिकरी, चावल के लड्डू सहित मौसमी फल बांटे जाते हैं। छठ पर्व के आयोजन में 700-800 लोग हिस्सा लेते हैं। भोजपुरी-मैथिली भाषा में लोकगीत और छठ मैया के गीत गाए जाते हैं। इस बार भी पर्व को यादगार बनाने के लिए तैयारी पूरी कर ली है।