दस साल में छूट सकता है रसायनिक खाद से पीछा
विश्व मृदा दिवस पर बृहस्पतिवार को केवीके ऊझा में किसानों को मृदा परीक्षण कार्ड वितरित किए गए। केवीके प्रभारी डॉ. राजबीर गर्ग ने कहा कि किसान धीरे-धीरे जैविक खाद का प्रयोग शुरु करें।
जागरण संवाददाता, पानीपत : विश्व मृदा दिवस पर बृहस्पतिवार को केवीके ऊझा में किसानों को मृदा परीक्षण कार्ड वितरित किए गए। केवीके प्रभारी डॉ. राजबीर गर्ग ने कहा कि किसान धीरे-धीरे जैविक खाद का प्रयोग शुरु करें। दस वर्षों में पूरी तरह रसायनिक खाद से पीछा छुड़ा सकते हैं। इससे किसानों की लागत कम होने के साथ मृदा और फसलों की गुणवत्ता में सुधार आएगा। मृदा वैज्ञानिक डॉ. देवराज ने बताया कि जिले से मिट्टी के कुल 150 सैंपल लिए गए थे। पानीपत की मिट्टी अभी तक गुणवत्तापरक बनी हुई है। मिट्टी की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए किसानों को जैविक खेती की ओर बढ़ना होगा। पानीपत की मिट्टी को रसायनिक खाद की जरूरत नहीं है, लेकिन किसान पैदावार का टारगेट लेकर चलता है। जिस कारण वह फसलों में अंधाधुंध रसायनिक खाद का प्रयोग करता है। यह मिट्टी और फसल दोनों की गुणवत्ता को खा रहा है। उन्होंने किसानों को मृदा परीक्षण कार्ड वितरित करके उसी के अनुसार खाद के प्रयोग की सलाह दी। इनके अलावा डॉ. कुशलराज, डॉ. संदीप और डॉ. सीमा ने किसानों को रसायनिक खाद के प्रयोग से बढ़ रही लागत और हो रहे नुकसान से अवगत कराकर जैविक खेती करने तथा जैविक खाद के प्रयोग के लिये प्रेरित किया।