ये खबर पढ़ लें, कहीं आप भी प्रधानमंत्री आवास योजना में न ठगे जाएं
पीएमएवाई में 35 लोगों से 11 लाख ठगे। एडीसी ऑफिस की महिला कर्मी पर आरोप। सहारनपुर के थाना बेहट एसपी पानीपत और सीएम विंडो पर दी गई शिकायत। दबाव बनाया तो दुष्कर्म केस में फंसाया।
पानीपत, जेएनएन। प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर एक बार फिर जरूरतमंद लोगों के साथ ठगी कर ली गई। इस बार एडीसी कार्यालय की महिला कर्मी ने और अपने पति के साथ योजना के नाम पर उत्तरप्रदेश के जिला सहारनुपर के 35 लोगों से करीब 11 लाख रुपये ठग लिए। पीडि़तों ने रकम वापस करने का दबाव बनाया तो एजेंट महिला को तीन और चार लाख रुपये के दो चेक दिए गए लेकिन वे दोनों चेक बाउंस हो गए। जब दबाव और बढ़ा तो महिला ने अपने पति समेत तीन लोगों को दुष्कर्म के केस में फंसवा दिया। पीडि़तों ने इस संबंध में उप्र. के थाना बेहट, एसपी कार्यालय पानीपत और सीएम विंडो पर शिकायत दी है।
सहारनपुर के गांव रतनपुरा निवासी बबली देवी ने एसपी को दी शिकायत में कहा कि उसका पति सुभाष, मिरकपुर वासी रामकुमार की चाय की दुकान पर शाकुम्भरी में काम करते थे। एडीसी कार्यालय की महिला कर्मी शाकुम्भरी देवी के दर्शन करने आती थी। उसने उनके साथ पहले निकटता बढ़ाई और घर आकर भी ठहरने लगी। उसने बताया कि वह कोर्ट में सरकारी पद पर कार्यरत है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है। किसी को लाभ चाहिए तो वह दिला सकती है। इसके लिए बस कुछ रकम खर्च करनी होगी। वह तीन लोगों को अपने साथ लेकर आई और बताया कि उनको वह लाभ दिला चुकी है। महिला कर्मी के झांसे में फंसे सुभाष और रामकुमार ने उसके बताए समय अनुसार 35 लोगों को एकत्र कर लिया।
एजेंट बनाकर ठगा
आरोप है कि कर्मी और उसका पति उनके गांव पहुंचे और उसे अपना एजेंट बना लिया। करीब 35 लोगों से आठ लाख रुपये लेकर लौट गई। उसने अपना खाता संख्या भी ग्रामीणों को दिया। उसमें भी लोगों से दो लाख रुपये डलवाए गए। बबली से 25 हजार रुपये फरवरी 2019 में ही मंगवाए। आवास योजना का लाभ मिल गया है, यह बात कहते हुए कई लोगों को 3 लाख से 34 लाख रुपये तक के फर्जी चेक दे दिए। ये चेक बैंक में बाउंस हो गए।
दुष्कर्म का आरोप लगा पति को जेल भिजवाया
बबली का आरोप है कि जब रकम वापस करने का दबाव बनया गया तो कर्मी ने उसके पति सुभाष और रामकुमार को तहसील कैंप पानीपत स्थित अपने घर बुला लिया। किसी नाबालिग लड़की को अपने घर बुलाकर उसकी ओर से दोनों पर दुष्कर्म का आरोप लगवा दिए। इस केस में कर्मी ने साजिश के तहत दोनों के अलावा अपने पति को भी जेल भिजवा दिया।
झांसे में लिया
बबली ने बताया, एडीसी कार्यालय की कर्मी ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर झांसे में लिया। इसके बाद मुझे एजेंट बना दिया। मेरी मदद से उसने तमाम लोगों से 11 लाख रुपये ठग लिए हैं। साजिश के तहत उसने सुभाष और रामकुमार के साथ अपने पति को भी दुष्कर्म के आरोप में जेल भिजवाया है ताकि उस पर कोई शक न करें।
पछता रहे
सहारनपुर के महेंद्र ने बताया, सरकारी अधिकारी बताकर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने का झांसा दिया गया। यह भी बताया गया कि यह केंद्र की योजना है और इसके लिए करोड़ों रुपये आया हुआ है। उसके झांसे में आकर मैंने भी 25 हजार रुपये दे दिए, अब पछता रहा हूं।
34 लाख का चेक भी दिया
आरोपित दंपति ने 26 अगस्त 2018 को सुभाष के नाम बैंक ऑफ बडौ़दा, पानीपत का भी एक चेक जारी किया। अंकों वाले कॉलम में 34 लाख 900 रुपये लिखे गए थे, जबकि शब्दों वाले कॉलम में 24 लाख 900 रुपये लिखे गए। तारीख में भी हल्की कटिंग की गई थी। ऐसे में यह चेक भी बाउंस हो गया।
आरोपित महिला कर्मी की सफाई, मेरे पति की करतूत
एडीसी कार्यालय में कार्यरत आरोपित कर्मी ने बताया कि मेरे पति की मित्रता सुभाष व रामकुमार आदि से हो गई थी। उसी के साथ कई बार शाकुम्भरी गई। डेढ़ साल में बबली के घर 4 बार गई। योजना का लाभ दिलाने के नाम पर पति ने रकम ली होगी, मैंने किसी से एक पैसा नहीं लिया। मार्च के पहले सप्ताह में रामकुमार और सुभाष को लेकर उसका पति घर पहुंचा। मॉडल टाउन निवासी किसी भगत के जरिए रामकुमार और सुभाष ने नाबालिग लड़की घर बुलाई और उसके साथ गलत काम किया। ड्यूटी से घर पहुंची तब भी वह लड़की घर में थी। मैंने उसे घर से निकाला। लड़की की शिकायत पर पुलिस ने मेरे पति सहित तीनों के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया और जेल भेज दिया। मेरा पति को इस केस में गलत फंस गया है।
जागरण सरोकार, इस तरह बचें
योजना का लाभ लेने के लिए हरियाणा में नगर निगम, नगर पालिका या एडीसी कार्यालय से फॉर्म लेना होता है। कोई भी व्यक्ति फॉर्म भरकर, उसके साथ अपना और पत्नी के आधार कार्ड की छायाप्रति, बैंक की पास बुक की छायाप्रति, पासपोर्ट साइज फोटो और प्लॉट या जिस जमीन में घर बनाना है उसके कागजों की छायाप्रति लगाकर जमा करा सकते हैं। जमीन के कागजों में रजिस्ट्री, नगर निगम की टैक्स रसीद, परिवार की नकल और 1995 से पहले की जमीन की सादी रजिस्ट्री भी मान्य है। इसके अलावा कोई व्यक्ति योजना का लाभ दिलाने का सब्जबाग दिखाता है तो उसकी शिकायत पुलिस-प्रशासन से करें।