Move to Jagran APP

CBSE 12वीं का रिजल्ट घोषित, जींद की बेटी इस तरह बनी देश की सेकेंड टॉपर

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। जींद की बेटी भव्या ने देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया गया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 02:13 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 12:48 PM (IST)
CBSE 12वीं का रिजल्ट घोषित, जींद की बेटी इस तरह बनी देश की सेकेंड टॉपर
CBSE 12वीं का रिजल्ट घोषित, जींद की बेटी इस तरह बनी देश की सेकेंड टॉपर

पानीपत, जेएनएन। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सीबीएसई) 12वीं का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया है। आर्ट में हरियाणा के जींद की भव्या ने देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया गया है। उसने 498 अंक हासिल किए। पानीपत के उरलाना गांव की बेटी की इस उपलब्धि से गांव भर में खुशी का माहौल है। वहीं स्कूल स्टाफ ने उससे संपर्क किया और स्कूल में सम्मानित करने के लिए परिजनों के साथ बुलाया।

loksabha election banner

भव्या जींद जिले के सफीदो स्थित बीआरएस के इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा है। विकास कुमार की बेटी के इस परिणाम की जानकारी मिलते ही बधाईयों का तांता लग गया। भव्या भाटिया ने बीआरएस के इंटरनेशनल स्कूल से एलकेजी के बाद से यहीं पढ़ाई की। हिंदी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, इतिहास और राजनीतिक विज्ञान विषय से सीबीएसई में दूसरा स्थान हासिल किया है। भव्या का कहना है कि ये तो यकीन था कि अच्छे नंबर आएंगे लेकिन ये विश्वास नहीं था कि दूसरा स्थान आ जाएगा। 

bhavya cbse

जानिए भव्या के बारे में
भव्या की मां जेबीटी, एमए अंग्रेजी हैं और गांव में ही प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती हैं।  दादी राधा भाटिया रिटायर्ड शिक्षिका हैं। भव्या के पिता गांव में ही बुक डिपो चलाते हैं। भव्या ने दसवीं में भी 10 सीजीपीए ग्रेड हासिल किया था। भव्या को गाने और डांसिंग का भी शौक है। स्कूल में होने वाली हर एक्टिविटी में हिस्सा लेती है। हिंदी में भाषण देने के अलावा अंग्रेजी में कविताएं पढ़ना व सुनाना भी पसंद है।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने गुरुवार को 12वीं परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया। इसमें हरियाणा की भव्या ने दूसरा स्थान हासिल किया है। भव्या के 500 में से 498 अंक आए हैं। वहीं 500 में से 499 अंक लाकर पहले स्थान पर दो लड़कियों ने जगह बनाई है। दोनों लड़कियां यूपी की रहने वाली हैं। वहीं तीन लड़कियों ने 498 अंक हासिल किए। इनमें से एक उत्तराखंड, एक उत्तर प्रदेश और भव्या हरियाणा की रहने वाली है। 

cbse jind

  • इन टिप्स से बनी टॉपर
  • सोशल मीडिया से पूरी तरह से दूरी बनाई।
  • ट्यूशन की जगह घर पर पढ़ाई को दिया महत्व।
  • स्कूल में हर रोज जो पढ़ाई होती, उसे घर पर दोहराती। इसमें कभी गैप नहीं छोड़ा।
  • दिमाग में एक लक्ष्‍य था कि पेपर अच्‍छा करना है।
  • कभी परिणाम के बारे में नहीं सोचा, हमेशा अपनी पढ़ाई को महत्व दिया।
  • कभी समय को बर्बाद नहीं किया।
  • अच्छी संगत से भी काफी कुछ सीखा।
  • cbse jind

बिना ट्यूशन देश में दूसरे नंबर पर रही भव्या, स्कूल में पहुंचते ही निकले खुशी के आंसू
प्रतिभा किसी क्षेत्र, जाति या धन दौलत की मोहताज नहीं होती। यह साबित किया है सफीदों से 12 किलोमीटर दूर गांव उरलाना कलां की छात्रा भव्या भाटिया ने। सफीदों के बीआरएसके इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा भव्या ने सीबीएसई 12वीं में 500 में से 498 अंक लेकर पूरे देश में आर्ट संकाय में दूसरा स्थान हासिल किया है। जब भव्या को पता चला कि वह देश में दूसरे नंबर पर रही है तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दोपहर करीब दो बजे माता-पिता के भव्या स्कूल पहुंची तो प्रिंसिपल को देखते ही रोने लग गई। खुशी के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। कई देर तक आवाज भी निकली। चेयरमैन सुरेश गुप्ता और प्रिंसिपल जया गुप्ता ने गले लगा भव्या को बधाई दी।

cbse jind

घरेलू कामों में भी बंटाती है हाथ
भव्या की मां रंजू भाटिया जेबीटी व एमए इंग्लिश पास है और उरलाना कलां के निजी स्कूल में इंग्लिश पढ़ाती हैं। पिता विकास भाटिया भी किताबों के डिस्ट्रीब्यूटर का काम करते हैं। भव्या की दादी राधा भाटिया सरकारी अध्यापिका रह चुकी हैं और दादा यशपाल किसान हैं। भव्या का छोटा भाई भी बीआरएसके स्कूल में पढ़ता है। मां रंजू भाटिया ने बताया कि भव्या बचपन से ही पढऩे में तेज रही है। भव्या घर में पढ़ाई के साथ घरेलू कार्यों में साथ देती है। उसमें शुरू से ही इतनी लगन थी कि जो काम उसे दे दिया जाए तो वो उसे पूरा करने के लिए दस घंटे तक लगा देती थी। पिता विकास भाटिया ने कहा कि भव्या ने कभी भी लगातार दो-तीन घंटे पढ़ाई नहीं की। एक घंटा पढऩे के बाद थोड़ी देर रेस्ट करके फिर पढऩा शुरू कर देती थी। 

संगीत व नृत्य में भी रुचि, आईएएस बनना लक्ष्य
भव्या को पढ़ाई के साथ संगीत व नृत्य में भी रुचि है। भव्या ने बताया कि दसवीं के बाद उसने आईएएस बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसलिए रियलिटी शो के साथ राज्यसभा टीवी चैनल देखना पसंद करती है। इंटरनेट का बहुत कम प्रयोग किया। कभी कोई टॉपिक सर्च करना होता, तभी मोबाइल की मदद लेती थी। भव्या की सहेली वृंदा ने भी 92 प्रतिशत अंक हासिल किये हैं। उसने बताया कि उन्हें अनुमान था कि भव्या कुछ बड़ा मुकाम हासिल करेगी। 

भव्या जैसी सीखने की ललक नहीं देखी: प्रिंसिपल
स्कूल की प्रिंसिपल जया गुप्ता ने बताया कि छात्रा भव्या यूकेजी से ही स्कूल में पढ़ रही है। वह शुरू से बुद्धिमान रही है। सीखने की ललक जैसी भव्या में देखी, वैसी किसी में नहीं देखी। हर छोटे से छोटे प्रश्न का अर्थ जानने के लिए अध्यापकों से पूछती रहती थी। दूसरे बच्चों की मदद भी करती थी। स्कूल की दूसरी गतिविधियों में भाग लेती थी। अंग्रेजी में कविता से लेकर हिंदी में भाषण देने में पूरी तरह निपुण है। उसे जो भी काम करने को दिया जाता था, वो पूरी लग्न के साथ उसे पूरा करती थी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.