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यहां हर तीन फीट ऊंचाई पर है मौत का साया, न जाने अब किसकी बारी

एक ऐसा इलाका, जहां पर हर तीन फीट ऊंचाई पर मौत का साया है। लोग खौफ में हमेशा रहते हैं। न जाने कब उनकी बारी हो। जानने के लिए पढ़े ये रिपोर्ट।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 02:13 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 02:14 PM (IST)
यहां हर तीन फीट ऊंचाई पर है मौत का साया, न जाने अब किसकी बारी
यहां हर तीन फीट ऊंचाई पर है मौत का साया, न जाने अब किसकी बारी

जेएनएन, पानीपत: यहां हर वक्त मौत से लोग जूझते हैं। उनके सिर पर मौत के तार झूलते रहते हैं। न जाने कब उनकी बारी आ जाए, इस दहशत में लोग जिंदगी गुजार रहे हैं। आखिर क्या है वजह।

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 वार्ड 5 की दीनानाथ कॉलोनी में 22 परिवार मौत के साये में जीने को मजबूर हैं। यहां घरों की छतों से सिर्फ तीन फीट की ऊंचाई पर हाईटेंशन तार गुजर रहे हैं। अधिकारियों से सीएम विंडो तक शिकायत देने पर भी लाइन नहीं हटी।

अधिकारी भी नहीं सुनते
वीरेंद्र, संतोष, मांगेराम, महावीर, सुखदेव, गुरदीप कौर, कृष्ण, बिमलेश  आदि ने बताया कि नगर निगम की तरफ से गलियों का लेवल लगभग चार फीट ऊंचा किया गया है। इससे उन्हें अपने मकान भी ऊपर करने पड़े। इससे ऊपर से गुजर रहे तार के बीच में तीन फीट का गैप ही रह गया है। कॉलोनी में कई लोग करंट की चपेट में आ चुके हैं। उसके बावजूद अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे।

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घरों की छत के पास से गुजर रही हाईटेंशन लाइन।

आदेश के बाद भी निकाल रहे कमी
सतीश जांगड़ा ने बताया कि हाइटेंशन लाइन शिफ्ट कराने के लिए कालोनीवासियों ने सीएम विंडो पर शिकायत दी। वहां से विभाग को लाइन हटाने काआदेश जारी हुआ। नक्शा भी जारी कर दिया गया। लेकिन छाजपुर सब-डिविजन के एसडीओ, एक्सईएन ने उसमें कमी निकाल दी। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम की तरफ से कॉलोनीवासियों को लाइन शिफ्ट करने पर होने वाला खर्च जमा कराने के आदेश मिले हैं।

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चार साल पहले हुई थी मौत, अब दीवारों में करंट
बबिता ने बताया कि लगभग चार साल पहले छत पर कपड़े सुखाने गई मंजू हाईटेंशन  की चपेट में आ गई थी। उसकी मौत हो गई थी। परिवार घर छोड़कर चला गया। सर्दी के मौसम में दीवारों में करंट दौड़ता है। दो बेटों, बहुओं को भी करंट लग चुका है। राखी ने बताया कि कुछ दिन पहले उसके पति संजय को करंट लग गया था। गनीमत रही की जान बच गई।

जमा कराएं शिफ्टिंग खर्च, तो हटेंगे
छाजपुर सब डिविजन के एसडीओ अशोक कुमार ने बताया कि शिफ्टिंग खर्च जमा कराने पर ही लाइन शिफ्ट हो सकती हैं। कॉलोनीवासी खर्च भरने के लिए तैयार नहीं हैं। जिस कारण शिफ्टिंग एस्टीमेट भी नहीं बना है। खर्च जमा कराते ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


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