अंबाला में दहेज के लिए धोखा, पहली पत्नी से तलाक की झूठी बात कहकर कर ली दूसरी शादी
अंबाला में पहली पत्नी से तलाक की झूठी बात बोलकर दूसरी शादी का आरोप लगा है। इसके बाद दूसरी पत्नी से दहेज के लिए मारपीट करने लगे। जब पहली पत्नी से महिला ने बातचीत की तो मामले से पर्दा उठा।
अंबाला, जागरण संवाददाता। कोर्ट में नकली पत्नी खड़ी करके तलाक लेकर धोखे से दूसरी शादी करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। महिला थाना पुलिस ने अब इस मामले में यमुनानगर निवासी निशित दीक्षित, मां वदना, पिता राजकुमार दीक्षित और बहन आयुशी दीक्षित पर धोखा देकर शादी करवाने, मारपीट करने, दहेज प्रताड़ना व जान से मारने की धमकी देने का केस तफ्तीश शुरू कर दी है।
पुलिस को दी शिकायत में अंबाला शहर हलके के गांव नग्गल की रहने वाली निशा रानी ने बताया कि मेरी शादी 18 दिसंबर 2019 को यमुनानगर निवासी आरोपित निशित दीक्षित के साथ रघुनाथ मंदिर यमुनानगर में हुई थी। शादी से पहले निशित और उसके परिवार वालों ने यह भी बता दिया था कि उसके बेटे का पहले विवाह हो चुका है। लेकिन उन्होंने पत्नी से तलाक के मैनपुरी कोर्ट के आदेश भी दिखा दिए थे। शादी मामा रजिंद्र प्रसाद ने तय करवाई थी लेकिन शादी से करीब एक माह पहले उनकी मृत्यु हो गई थी।
शादी के कुछ समय बाद आरोपितों ने दहेज के लिए प्रताड़ित करते हुए मारपीट तक शुरू कर दी और बुलेट मोटरसाइकिल की डिमांड करने लगे। 30 मार्च 2021 को निशित दीक्षित ने प्रार्थी के साथ शराब पीकर काफी मारपीट की और बाल पकड़कर मारा और उसके कपडे़ फाड़ दिए। जब उसने शोर मचाया तो उसकी सास, ससुर व ननद आए जिन्होंने उसे बचाने की बजाए आरोपित निशित का साथ दिया। कहने लगे की तुम्हें अगर इस घर में रहना है तो यह सब कुछ सहना ही पड़ेगा।
2 मई 2021 को आरोपितों ने बुलेट मोटर साइकिल की मांग को लेकर फिर मारपीट की। 14 मई 2021 को उसे उसके भाई की शादी में भी जाने नहीं दिया। साथ ही रोज उसका पति शराब पीकर उसे पीटने लगा। 20 मई को 2021 को वह आरोपितों ने उसे मायके भेज दिया।
ऐसे उठा धोखाधड़ी से पर्दा
इसी बीच जब निशा ने निशित की पहली पत्नी जिजीविषा त्रिपाठी से बातचीत की। उसने बताया कि मेरा तलाक 2019 को निशित के साथ जयपुर न्यायालय में हुआ था। इस पर निशा ने कहा कि आपका तलाक तो परिवार न्यायालय मैनपुरी में हुआ था इसके कागज भी हमें दिखाए गए थे। तब उसे पता चला कि शादी के समय तलाक के जो कागजात दिखाए गए वह फर्जी थे।
मैनपुरी न्यायालय में जिस लड़की का नाम जय त्रिपाठी लिखवाया है वह जिजीविषा का निक नेम था। निशित दीक्षित ने मैनपुरी न्यायालय में कोई नकली/फर्जी लड़की को खड़ा करके व न्यायालय को गुमराह करके ही आदेश पारित करवा लिए हों। जब निशा ने आरोपित पति से इस बारे में बातचीत की तो आरोपितों ने इस बारे में किसी भी बताने पर जान से मारने की धमकी दी इसीलिए निशा कुछ समय डर के कारण चुप रही लेकिन अब उसने हिम्मत दिखाते हुए एसपी अंबाला को शिकायत दी। एसपी के आदशों के बाद पुलिस ने परिवार के चारों सदस्यों पर केस दर्ज किया है।