संजीव की मां को किराये पर कमरा देने वाले पिता-दो पुत्रों पर केस
यमुनानगर : पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया सहित परिवार के आठ लोगों की हत्या के दोषी संजीव की मां के लिए किराये पर कमरा देने वाले पिता-पुत्रों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया सहित परिवार के आठ लोगों की हत्या में शामिल संजीव के फरार होने के मामले में पुलिस ने गांव चंगनौली के पूर्व सरपंच बलदेव ¨सह और उसके दो बेटों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पूर्व सरपंच बलदेव ने ही संजीव की मां को अपने यहां कमरा किराये पर दिया था। बलदेव ¨सह का बड़ा बेटा कुलबीर यमुनानगर स्थित एक फैक्ट्री में काम करता है, जबकि छोटा बेटा ¨प्रस बिलासपुर के एक निजी स्कूल में बस चलाता है। संजीव के फरार होने के बाद गिरफ्तारी के डर से तीनों बुधवार दोपहर से फरार हैं। पुलिस ने बलदेव ¨सह की तलाश में कई जगह छापे मारे लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा।
उधर, शुक्रवार को पूर्व सरपंच बलदेव सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान पुलिस ने कोर्ट को बताया कि संजीव पैरोल मिलने के बाद फरार हुआ है। उसने बलदेव ¨सह के घर के पते पर पैरोल ली थी। संजीव के फरार होने में बलदेव ¨सह भी शामिल हो सकता है, इसलिए उसे जमानत न दी जाए। इस पर कोर्ट ने फैसला लंबित रख लिया। इस पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है।
बता दें कि पूर्व सरपंच बलदेव सिंह का बेटा कुलबीर जब दुष्कर्म केस में जेल में बंद था तो उसकी मुलाकात संजीव से मुलाकात हुई थी। तब संजीव ने उसे बताया था कि उसकी मां जेल में उससे बहुत दूर से मिलने आती है। अगर वह गांव में कमरा दिला दे तो मां को राहत होगी। कुलबीर के कहने पर पिता बलदेव ने संजीव की मां को कमरा दे दिया था। यहीं का पता देकर संजीव ने पैरोल हासिल की और फिर फरार हो गया।
थाना बिलासपुर प्रभारी गुरमेल ¨सह ने बताया कि पूर्व सरपंच बलदेव ¨सह सहित उसके दोनों बेटों कुलबीर व ¨प्रस पर धारा 120बी के तहत केस दर्ज किया है। जांच में अगर परिवार के अन्य सदस्यों के शामिल होने का अंदेशा पाया गया तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। बॉक्स
नंबरदार भी शक के दायरे में
पुलिस ने गांव चंगनौली के पटवारी प्रवीन को भी पूछताछ के लिए थाने में बुलाया। पुलिस ने उससे पूछा कि आखिर किस आधार पर रिपोर्ट बनाकर भेजी कि संजीव व उसकी मां राजबीरी कौर चंगनौली गांव में ही किराये पर रहती है। पटवारी ने पुलिस को बताया कि पैरोल रिपोर्ट जब उनके पास आई थी, तो वे गांव में गए थे। उनके साथ गांव के नंबरदार मान ¨सह व जोरा ¨सह समेत कई ग्रामीण भी थे। नंबरदारों के तस्दीक करने के बाद ही उन्होंने अपनी रिपोर्ट बनाकर भेजी थी। पटवारी के इस बयान के बाद दोनों नंबरदारों की परेशानी बढ़ सकती है। वे भी पुलिस के शक के दायरे में आ गए हैं। बॉक्स
सभी जिलों में भेजी सूचना
फरार होने के बाद संजीव किसी और वारदात को अंजाम न दे दे, इसलिए प्रदेश के सभी जिलों के एसपी को सूचना भेजी गई है। सभी एसपी को संजीव की फोटो भी भेजी गई है, ताकि उसकी पहचान की जा सके। सूत्रों के मुताबिक संजीव के नेपाल भाग जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।