2 दिन से इंसाफ मांगने एसएसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी थी दुष्कर्म पीडि़ता, कार ने मारी टक्कर
एसएसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी महिला को कार ने मारी टक्कर। पुलिस की तैनाती के बावजूद कार ने मारी टक्कर। ससुरालीजनों पर दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर दो दिन से धरने पर बैठी है महिला
पानीपत/जींद, जेएनएन। ससुराल पक्ष के लोगों पर दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर दो दिन से एसएसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी महिला को शुक्रवार दोपहर को कार ने टक्कर मार दी। इसमें महिला को काफी चोट आई और उसे उपचार के लिए नागरिक अस्पताल में इलाज चल रहा है। महिला का आरोप है जब वह धरने पर बैठी हुई थी तो उस समय आसपास पुलिस कर्मी तैनात थे, बावजूद इसके कार चालक उसको टक्कर मार गया। पुलिस का कहना है कार चालक अधिवक्ता है। जब अधिवक्ता कोर्ट से वापस लौट रहा था तो अचानक ही एसएसपी कार्यालय के बाहर सड़क के बीच में बैठी महिला को टक्कर लग गई। अधिवक्ता की गाड़ी को कब्जे में ले लिया और जांच शुरू कर दी है।
अस्पताल में दाखिल महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस के उच्च अधिकारी मिलीभगत करके उसके आरोपित ससुरालीजनों को बचाने में लगे हुए हैं। उसके साथ दिल्ली में दुष्कर्म हुआ है। बावजूद इसके लिए पुलिस ने उसके ससुराल के लोगों को दहेज के मामले में गिरफ्तार करके जमानत पर छोड़ दिया, लेकिन वह दहेज की मांग की नहीं बल्कि दुष्कर्म करने वाले उसके चाचा ससुर, पति सहित नौ लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है। जबकि उसके ससुराल वाले लगातार उसको धमकी दे रहे हैं, लेकिन पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं कर रही है। ठंड में वीरवार पूरी रात को एसएसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी रही, बावजूद इसके उच्च अधिकारियों ने उससे बात तक नहीं की है। महिला का कहना है कि जब तक दुष्कर्म के मामले में पुलिस कार्रवाई नहीं करती है वह यहां से धरने से नहीं हटेगी। शुक्रवार दोपहर को भी वह धरने पर बैठी हुई थी और फोन पर अपनी बहन से बात कर रही थी। इसी दौरान पीछे से तेज रफ्तार कार आई और सीधी उसके टक्कर मार दी। इसमें उसको गंभीर चोटे आई है। टक्कर लगने के बाद वहां पर मौजूद लोगों ने उसे संभाल लिया, लेकिन पुलिस कर्मी दूर खड़े होकर देखते रहे।
डीआइजी बोले, दिल्ली में हुआ दुष्कर्म
डीआइजी ओपी नरवाल ने कहा कि महिला का परिवार व ससुराल वाले दिल्ली में रहते हैं, लेकिन उसका पैतृक गांव जिले में है। महिला ने 19 जून को दिल्ली के बवाना थाने में ससुराल के नौ लोगों पर मारपीट व छेड़छाड़ का मामला दर्ज करवाया हुआ है। जहां पर एक जून की रात को ससुरालीजनों पर मारपीट, छेड़छाड़ व धमकी देने का मामला दर्ज करवाया हुआ है। जहां पर मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान भी दर्ज हुए है, लेकिन वहां पर उसने दुष्कर्म के कोई आरोप नहीं लगाए। इसके बाद 24 सितंबर को जुलाना थाने में शिकायत दी और वहां पर ससुरालीजनों पर दहेज मांगने, मारपीट, धमकी व दुष्कर्म के आरोप लगाए। महिला ने बताया कि दुष्कर्म उसके साथ दिल्ली में हुआ है। इसलिए पुलिस ने महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया और उसके ससुराल पक्ष के लोगों को दहेज प्रताडऩा के मामले में गिरफ्तार किया है। महिला ने दुष्कर्म की वारदात को दिल्ली बताया है, इसलिए दिल्ली पुलिस को इसके बारे में लिखा है, लेकिन महिला इस बात पर अड़ी हुई है कि दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई की जाए, लेकिन दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई दिल्ली पुलिस करेगी। महिला की डीएसपी पुष्पा खत्री व महिला थाना पुलिस ने कई बार काउंसिलिंग कर ली, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं है।
कार्रवाई यहां पर ही करे, दिल्ली में जान का खतरा
अस्पताल में दाखिल महिला ने माना है कि उसके चाचा ससुर ने उसके पति के साथ मिलकर दुष्कर्म दिल्ली में किया है, लेकिन उसके ससुराल वाले लोग लगातार धमकी दे रहे हैं। अगर वहां पर कार्रवाई करवाएगी तो उसकी जान को खतरा है। इसलिए दिल्ली की बजाए जींद पुलिस इस मामले में कार्रवाई करे। इसके लिए गृहमंत्री अनिल विज, महिला आयोग, डीआइजी हरियाणा को पत्र लिखा है। अब यहां की पुलिस भी उसके ससुरालीजनों से मिलकर उनके खिलाफ कार्रवाई की बजाए उनको ही धमकी दे रही है। पिछले दिनों डीएसपी ने जांच के नाम पर बुलाकर उसको ही धमकाना शुरू कर दिया। इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।