आतंकवादियों को हाथ न लगे केमिकल वेपन, उद्यमियों को किया अलर्ट
इंडियन केमिकल काउंसिल और नेशनल अथॉरिटी केमिकल वेपन कन्वेंशन के संयुक्त तत्वावधान में जीटी रोड स्थित के एक होटल में जागरूकता कैंप लगाया गया।
जागरण संवाददाता, पानीपत : इंडियन केमिकल काउंसिल और नेशनल अथॉरिटी केमिकल वेपन कन्वेंशन के संयुक्त तत्वावधान में जीटी रोड स्थित के एक होटल में जागरूकता कैंप लगाया गया। इसमें रंगाई उद्यमियों के साथ केमिकल बनाने और प्रयोग करने वाले उद्यमियों को जागरूक किया गया है। इंडियन केमिकल काउंसिल के एक्सपर्ट राजेश कुमार ने बताया कि रसायन शस्त्रों के प्रयोग से अनेक देशों में तबाही हो चुकी है। इनके गलत हाथों जाने से रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर 192 देशों का समझौता है। जिसमें भारत भी शामिल है। समझौते के तहत अपने देश में केमिकल वैपन के उत्पादन और उसके प्रयोग की रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा करनी होती है। ताकि यह गलत हाथों (आंतकवादियों)में न जा सके। इसके लिए अब उद्यमियों को ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उद्यमी ऑनलाइन डेक्लेरेशन दे सकता है। यदि नियम की अवहेलना होती है तो केमिकल उत्पादक को जेल तक हो सकती है। यदि डेक्लेरशन उद्यमी करता और केमिकल वैपन निर्धारित सीमा से अधिक बनाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई तय है।
आगामी 31 जनवरी तक केमिकल वैपन की वेब के माध्यम से विवरण दिया जा सकता है। पिछले वर्ष के डाटा के साथ-साथ अगले वर्ष का अनुमानित डाटा देना होता है।
जागरूकता कैंप में प्रोजेक्टर के माध्यम से 1915 में जर्मनी में क्लोरिन गैस छोड़ने से हुई तबाही की वीडियो भी दिखाई गई। काउंसिल के डीजी आरके शर्मा ने बताया कि रसायन शस्त्र कितने खतरनाक हो सकते हैं। सभी जानते हैं। इससे बहुत संख्या लोग मर सकते हैं। जर्मनी में युद्ध के दौरान इसका प्रयोग किया गया। लाखों लोग मारे गए थे। 100 साल बीतने बाद भी जमीन में फसल हो सकी।
इस अवसर पर इंडियन केमिकल काउंसिल के एके सिन्हा, पीएस ¨सह ने विस्तार से उद्यमियों को जानकारी दी। कार्यक्रम में मुकेश रेवड़ी, नितिन अरोड़ा, नरोत्तम अग्रवाल, दीनानाथ गुप्ता सहित जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी मौजूद रहे।