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सफाई करने आए थे, नाला तोड़कर चले गए, आठ महीने से टूटे नाला का नहीं हुआ समाधान

गंगापुरी रोड पर नाले के ऊपर रखे पत्थर का स्लैब हर माह टूट जाता है। निगम कर्मचारी बार-बार मरम्मत करके चले जाते है लेकिन आज तक भी समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है। जिस कारण अक्सर रात के अंधेरे में दुपहिया वाहन चालक चोटिल हो जाते है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 11:52 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 11:52 AM (IST)
नाले का स्‍थायी समाधान नहीं होने से चोटिल हो रहे वाहन चालक।

जेएनएन, पानीपत : हमारे शहर में एक सड़क ऐसी है, जहां पर कार जाएगी तो फंसेगी ही। ऐसा भी नहीं कि इस सड़क की चौड़ाई कम है। सड़क पर तो ट्रक भी जा सकता है लेकिन प्रवेश द्वार पर ही ऐसी दिक्‍कत है कि रोजाना लोग परेशान हो रहे हैं।
गंगापुरी रोड पर नाले के ऊपर रखे पत्थर का स्लैब हर माह टूट जाता है। निगम कर्मचारी बार-बार मरम्मत करके चले जाते है, लेकिन आज तक भी समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है। जिस कारण अक्सर रात के अंधेरे में दुपहिया वाहन चालक चोटिल हो जाते है।

सफाई के लिए तोड़े थे पत्‍थर
पानीपत सुधार समिति के प्रधान सुनील चावला ने बताया कि लगभग आठ माह पहले निगमकर्मियों ने नालों की सफाई करने के लिए पत्थर के स्लैब तुड़वाए थे। सफाई करने के बाद सफाईकर्मी टूटे स्लैब को ऐसे ही छोड़कर चले गए। उन्होंने अधिकारियों को शिकायत देकर धरने की चेतावनी दी तो स्लैब ठीक करा दी थी। कुछ दिनों बाद स्लैब दोबारा टूट गई। हालात ये है कि माहभर बाद ही स्लैब टूट जाता है और अधिकारी दोबारा मरम्मत करा देते है। मांग है कि स्लैब का पुनर्निर्माण किया जाए, ताकि समस्या का स्थाई समाधान हो सके।

विधायक, सांसद और मेयर तक को दे चुके शिकायत
दुकानदारों ने बताया कि वे नाले का स्लैब टूटने के बाद से काफी परेशान है। कई बार मामले की शिकायत विधायक प्रमोद विज, सांसद संजय भाटिया और मेयर अवनीत कौर को दे चुके है, लेकिन आज तक भी समस्या ज्यों की त्यों है। चर्चा है कि नेता वोट मांगने तो आ जाते है, लेकिन किसी समस्या का स्थाई समाधान कराने के लिए आमजन के कई चक्कर जरूर कटवाते है।

पुनर्निर्माण से ज्यादा खर्च कर चुका विभाग
दुकानदार भारत सतीजा ने बताया कि पिछले आठ माह से निगम कर्मचारी बार-बार टूटी स्लैब की मरम्मत करने में जुटे है। गंगापुरी रोड पर कुछ ट्रांसपोर्ट भी है, जिस कारण अक्सर यहां भारी वाहनों का आवागमन होता है। भारी वाहन गुजरने के कारण मरम्मत किया हिस्सा दोबारा टूट जाता है। अधिकारी पुनर्निर्माण के मुकाबले यहां मरम्मत कार्य में ज्यादा पैसा खराब कर चुके है।

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