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हरियाणा के सरकारी स्कूलों में भवन निर्माण समिति प्राथमिकता के आधार पर करा सकेगी 25 लाख तक के विकास कार्य

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में विकास प्राथमिकता के आधार पर कराए जाएंगे। विभाग ने स्कूलों में कराए जाने वाले कामों को लेकर समिति का गठन करने का फैसला लिया है। समिति स्कूलों में 25 लाख तक का निर्माण कार्य करा सकेगी।

By Ram kumarEdited By: Naveen DalalPublished: Fri, 23 Sep 2022 02:42 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 02:42 PM (IST)
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में भवन निर्माण समिति प्राथमिकता के आधार पर करा सकेगी 25 लाख तक के विकास कार्य
निदेशालय ने सभी डीईओ, डीईईओ, बीईओ व डीपीसी को पत्र लिख दिए निर्देश।

समालखा (पानीपत), जागरण संवाददाता। हरियाणा के समस्त राजकीय प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में प्राथमिकता के आधार पर कार्य कराए जाएंगे। विभाग ने स्कूलों में कराए जाने वाले कामों को लेकर समिति का गठन करने का फैसला लिया है। उक्त समिति स्कूलों में 25 लाख तक का निर्माण कार्य करा सकेगी। जिसे भवन निर्माण  समिति का नाम दिया गया है। जो विभाग के समग्र शिक्षा के जेई व एसडीओ के तकनीकी  मार्गदर्शन में  काम कराएगी। समिति का गठन स्कूल से जिला स्तर पर होगा। इस बारे स्कूल शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी डीईओ, डीईईओ, बीईओ व डीपीसी को पत्र लिख जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं। 

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कलस्टर स्तर पर मानिटरिंग कमेटी

निदेशालय के मुताबिक कलस्टर स्तर पर मानिटरिंग कमेटी में स्कूल मुखिया, कलस्टर स्थित स्कूलों के मुखिया या अध्यापक, नंबरदार, नेहरू युवा केंद्र के सदस्य, पीटीएम के सदस्य, पूर्व सरपंच व छात्रों के अभिभावक, दानदाता, सेवानिवृत सैन्य कर्मी शामिल होंगे। उक्त कमेटी हर 15 दिन बाद कार्य  निरीक्षण  कर रजिस्टर में इंद्राज करेगी। 

खंड व जिला स्तर पर कमेटी

खंड स्तरीय कमेटी में खंड शिक्षा अधिकारी, खंड का वरिष्ठ प्राचार्य, संबंधित मुख्याध्यापक, एसएमसी,  सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र अभिभावक, खंड के स्कूलों में कार्य कर रही एनजीओ शामिल होगी। वहीं जिला  स्तर की कमेटी में जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, यूथ कोर्डिनेटर नेहरू युवा क्लब, सचिव रेडक्रास सोसाइटी, जिला बाल कल्याण अधिकारी, सरपंच, एसएमसी व छात्र अभिभावक शामिल होंगे। 

एसएमसी की उप समिति होगी एसबीसीसी

निदेशालय के मुताबिक स्कूल में भवन से संबंधित आधारभूत सुविधाएं जैसे पीने के पानी, भवन की  मरम्मत, चारदीवारी का निर्माण, कक्षा कक्ष का निर्माण, स्कूल मुखिया कक्ष, शौचालय का निर्माण व अन्य दूसरे प्रकार के भवन से संंबंधित सभी कार्य करवाने के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) की एक उप समिति स्कूल भवन निर्माण समिति (एसबीसीसी) का गठन किया जाएगा। राज्य व किसी भी अन्य  कार्यक्रम के तहत भवन से संबंधित राशि, समुदाय या एसएमसी सदस्यों द्वारा स्कूल के भवन निर्माण या मरम्मत हेतु दी गई सहायता आदि सभी कार्यों की जिम्मेदारी एसबीसीसी की होगी। एसबीसीसी में प्रधान  सहित पांच सदस्य होंगे। एसएमसी का उप प्रधान एसबीसीसी के प्रधान के तौर पर काम करेगा। बाकी पदेन सदस्य को छोड़कर अन्य सदस्यों का निर्वाचन एसएमसी के सदस्य करेंगे। 

मानिटरिंग कमेटी द्वारा प्राथमिकता के साथ कराए जाने वाले 25 लाख तक का कार्य

कार्य -------------------------------------प्राथमिकता

नए कमरों का निर्माण ------------------पहली प्राथमिकता

शौचालय का निर्माण या मरम्मत------दूसरी प्राथमिकता

पेयजल सुविधा की व्यवस्था------------तीसरी प्राथमिकता

माइनर मरम्मत व रखरखाव------------चौथी प्राथमिकता

चारदीवारी--------------------------------पांचवीं प्राथमिकता

स्कूल पहुंच व मिट्टी भराई----------------छठी प्राथमिकता

यहां एसएमसी करा सकेंगी 25 लाख तक का कार्य

निदेशालय के पत्र के मुताबिक चयनित खंडों के अतिरिक्त राज्य के सभी राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ  माध्यमिक विद्यालय, राजकीय माडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय व आरोही विद्यालयों की प्रबंधन समितियां 25 लाख तक के निर्माण कार्य के लिए  स्वतंत्र रहेंगी। वहीं निदेशालय ने साइकिल स्टेंड, इंटर लोकिंग टाइल, प्रार्थना स्थल पक्का करने जैसे कार्यों को दो साल को पुन: निर्मित बंद करते हुए प्रस्ताव न भेजने के  निर्देश दिए हैं।


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