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आतंकवादी टुंडा से भी रहे हैं बीटीएफके प्रमुख रतनदीप सिंह के संबंध

भिंडरांवाला टाइगर फोर्स ऑफ खालिस्तान का प्रमुख रहा रतनदीप सिंह का संबंध आतंकी अब्दुल करीब उर्फ टुंडा का भी करीबी रहा है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 12:13 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 12:24 PM (IST)
आतंकवादी टुंडा से भी रहे हैं बीटीएफके प्रमुख रतनदीप सिंह के संबंध
आतंकवादी टुंडा से भी रहे हैं बीटीएफके प्रमुख रतनदीप सिंह के संबंध

जेएनएन, पानीपत। भिंडरांवाला टाइगर फोर्स ऑफ खालिस्तान (बीटीएफके) का प्रमुख रहा रतनदीप सिंह का संबंध आतंकी अब्दुल करीब उर्फ टुंडा का भी करीबी रहा है। पंजाब पुलिस ने एक केंद्रीय एजेंसी के साथ सितंबर 2014 में इसे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार किया था।

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बता दें कि टुंडा पर भी पानीपत बस स्टैंड के पास खड़ी प्राइवेट बस में बम रखने का आरोप था। सबूतों व साक्ष्य के अभाव में अदालत न उसे दिसंबर 2016 में बरी कर दिया था। नाभा जेल में बंद आतंकी रतनदीप सिंह को पंजाब पुलिस ने सोमवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विरेंद्र सिंह की अदालत में पेश किया। रतनदीप सिंह पर वर्ष 1999 में लाल बत्ती चौक पर टाइमर बम फेंकने का अभियोग है। केस की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी।

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मूल रूप से उत्तर प्रदेश, जिला गाजियाबाद के कस्बा पिलखुआ निवासी लश्कर-ए-तैय्यबा अब्दुल करीब उर्फ टुंडा की गिरफ्तारी वर्ष 2013 में हुई थी। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान उसने दिल्ली पुलिस को रतनदीप सिंह से हुई मुलाकात की बात स्वीकार की थी। उसने पुलिस को बताया था कि रतनदीप सिंह ही उसे हथियार व अन्य विस्फोटक पदार्थ सप्लाई करता था। गिरफ्तारी से पहले रतनदीप सिंह नेपाल में छिपकर रह रहा था। उसके पास से पुलिस ने पाकिस्तानी पासपोर्ट और हुसैन शेख जाहद पुत्र शेख नसीरुदीन के नाम के पाक आइडी कार्ड व करेंसी भी बरामद की थी।

आधा दर्जन से अधिक आतंकी वारदातों में शामिल रहे रतनदीप पर पंजाब पुलिस ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी से पहले रतनदीप सिंह ने एक प्रमुख हिंदू नेता की हत्या करने की प्लानिंग कर रहा था। एडवोकेट विनोद देशवाल ने बताया कि रतनदीप सिंह जिला जींद के गांव रोड (सफीदों) का मूल निवासी है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर वर्ष 1993 में पाकिस्तान चला गया था। पत्नी व बेटी के साथ वह कनाड़ा व जर्मनी भी रह चुका है।

इन मामलों में भी था वांछित

  • 1 फरवरी, 1997 को पानीपत बस स्टैंड पर बम ब्लास्ट किया।
  • 1998 में शाहाबाद मारकंडा पुल के नजदीक रेलवे लाइन पर बम रखा।
  • 1999 में चंडीगढ़ के सेक्टर-34 स्थित पासपोर्ट दफ्तर में बम धमाका।
  • जुलाई 1999 में पानीपत के लाल बत्ती चौक पर बम फेंकना।

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