भाजपा की ट्रैक्टर रैली, कृषि विधेयक के समर्थन में धर्मनगरी में दिखाई एकजुटता
तीनों कृषि विधेयकों के समर्थन में भाजपा ने कुरुक्षेत्र में ट्रैक्टर रैली निकाली। हरियाणा सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके कर्णदेव कंबोज की अगुवाई में निकाली गई ट्रैक्टर रैली। लघु सचिवालय में डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। भाजपा तीनों कृषि विधेयकों को लेकर विपक्ष पर आक्रामक हो गई है। कुरुक्षेत्र में पूरी भाजपा इसके समर्थन में उतर आई और ट्रैक्टर रैली निकालकर लघु सचिवालय पर डीसी के मार्फत राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। डीसी शरणदीप कौर बराड़ ने ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजने का आश्वासन दिया।
ट्रैक्टर रैली की अगुवाई पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज और लाडवा से भाजपा के पूर्व विधायक डा. पवन सैनी ने की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना चाहते हैं। इसी सोच के साथ तीन कृषि विधेयक लाए गए हैं।विपक्ष अब मुद्दों को छोड़कर विधेयकों को लेकर किसानों, आढ़तियों और दूसरे वर्ग के लोगों को गुमराह करने पर लगा हुआ है। इसके विरोध में धरने प्रदर्शन कर विधेयकों को लेकर किसानों के मन में उल्टी सीधी बात बैठाई जा रही है।जबकि तीनों विधेयक जनहित में हैं।
यहां-यहां से होकर पहुंची ट्रैक्टर रैली
ट्रैक्टर रैली सुबह शाहाबाद से रवाना हुई। यहां से रैली बाबैन और लाडवा पहुंची। लाडवा से ट्रैक्टरों के काफिले के साथ पिपली से होते ही लघु सचिवालय पहुंची। यहां पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के समर्थन में नारे लगाए और डीसी शरणदीप कौर बराड़ को ज्ञापन सौंपा।
प्रधानमंत्री दे चुके हैं भरोसा
लाडवा के पूर्व विधायक डा. पवन सैनी ने कहा कि विपक्षी दल एमएसपी और मंडी व्यवस्था खत्म होने की कहकर लोगों को बरगला रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद एमएसपी और मंडी व्यवस्था बनाए रखने का भरोसा दे चुके हैं। प्रदेश का किसान, आढ़ती और मजदूर प्रधानमंत्री की बात समझ रहे हैं। सरकार ने पिछले दिनों की रबि की फसल का एमएसपी निर्धारित किया है। यह सब किसान व दूसरे वर्गों को देखकर किया गया है।
बर्खास्त पीटीआइ ने आगे आकर विरोध में की नारेबाजी
लघु सचिवालय पर बर्खास्त पीटीआइ का 102वां दिन रहा। वे सुबह ही क्रमिक अनशन पर बैठ गए थे। महिला और पुरुषों ने भाजपा नेताओं को देखते खड़े होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। एक महिला अध्यापिका तो गाड़ियों से आगे तक पहुंच गई। उसने जोरदार नारेबाजी की।