भाजपा को यहां मिली पटकनी, योजना कमेटी में इस तरह कमल मुरझा गया
जिला योजना कमेटी का चुनाव ढाई साल बाद कराया गया। भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद थी कि उनके समर्थक जयादा से ज्यादा सीटें जीत सकेंगे पर विपक्ष ऐसा एकजुट हुआ कि कमल मुरझा गया।
जागरण संवाददाता, पानीपत : हाई कोर्ट द्वारा जवाब मांगे जाने के बाद आखिरकार प्रशासन ने जिला योजना कमेटी का तय समय से ढाई साल बाद चुनाव कराया। कमेटी में जिला परिषद के 11 में से नौ सदस्य विपक्ष ने बनाकर सत्ता पक्ष को पटखनी दी। भाजपा के समर्थक दो पार्षद ही सदस्य बन पाए। समालखा नगरपालिका से स्थानीय विधायक का नजदीकी पार्षद इसमें सदस्य बन पाया। वहीं नगर निगम का कार्यकाल खत्म होने पर कोई भी सदस्य नहीं बनाया जा सका।
लघु सचिवालय में जिला योजना कमेटी के सदस्यों का विधिवत चुनाव कराया गया। पीठासीन अधिकारी डीसी सुमेधा कटारिया रही। बैठक निर्धारित समय 10:30 बजे शुरू हो गई। जिला परिषद से वार्ड-10 की पार्षद सुनीता और वार्ड-11 की पार्षद निधि रावल समय पर नहीं पहुंच पाई। डीसी ने निर्धारित समय पर ही चुनाव प्रक्रिया शुरू करा दी। विपक्षी पार्षदों ने देरी से पहुंची दोनों पार्षदों को चुनाव प्रक्रिया में शामिल करने की मांग की, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं की। इस मौके पर जिला परिषद की चेयरपर्सन आशु शेरा, एडीसी सुजान सिंह और जिला परिषद की सीइओ सुमन भांखड़ मुख्य रूप से मौजूद रही।
25 में 12 सदस्यों का चुनाव कराया जा सका
डीसी एवं पीठासीन अधिकारी सुमेधा कटारिया ने बताया कि जिला की जनसंख्या 10 लाख से अधिक है। ऐसे में जिला योजना कमेटी में 25 सदस्य बनाएं जाते हैं। इनमें 5 सदस्य सरकार द्वारा नोमिनेट किए जाते हैं। बाकी 20 सदस्यों का चुनाव कराया जाता है। चुनाव आयोग के निर्देशों पर समिति के 12 सदस्यों का चुनाव कराया। इनमें परिषद के 11 और समालखा नगर पालिका का एक सदस्य रहा। जबकि नगर निगम पानीपत का कार्यकाल समाप्त होने के चलते सदस्य नहीं बनाए जा सके। जिला के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों का तेजी से विकास करवाने के लिए समिति के माध्यम से योजना तैयार की जाती है। इन प्रस्तावों को मंजूर कर हरियाणा योजना समिति को भेजा जाता है।
इन पार्षदों को सदस्य बनाया
जिला परिषद में वार्ड-2 पार्षद विनय गुप्ता, वार्ड-3 पार्षद दयानंद उरलाना, वार्ड-4 पार्षद आशा पांचाल, वार्ड-5 पार्षद सत्यनारायण आर्य, वार्ड-6 पार्षद कृष्ण मलिक, वार्ड-7 पार्षद काजल गोस्वामी, वार्ड-13 पार्षद श्याम चंद, वार्ड-14 के पार्षद देवेंद्र उर्फ देव मलिक, वार्ड-15 पार्षद ज्योति रानी, वार्ड-16 पार्षद लख्मी चंद और वार्ड-17 के पार्षद मनजीत कुमार को जिला योजना कमेटी में सदस्य पद के लिए चुना गया। जबकि नगरपालिका समालखा के वार्ड-9 के पार्षद जयपाल सिंह को सदस्य पद के लिए चुना गया है। दोनों ग्रांट मंजूर कराने के बाद कमेटी गठित की। डी-प्लान के अंतर्गत 19 करोड़ की ग्रांट एक साल में दो किश्तों में मिलती है। दो किश्तों का पैसा मिल गया है। 17 विभागों के माध्यम होने वाले विकास कार्य की रूपरेखा कमेटी तैयार करती है। प्रशासन ने दूसरी किश्त में मिले 9.5 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को गत सप्ताह ही मंजूर कर दिया है। अब कमेटी के पास अगले वित्त सत्र तक मंजूरी के लिए खास मुद्दा नहीं रहेगा। कमेटी की बैठक हर तीन महीने में होती है। खास बात यह है कि कमेटी का कार्यकाल पूरे 5 वर्ष का होता है, लेकिन ढाई साल बीत गए हैं।
हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
जिला परिषद का गठन 18 मार्च 2016 को किया था। जिला योजना कमेटी के चुनाव की पहली बैठक 27 सितंबर 2016 को बुलाई, लेकिन इसमें चुनाव नहीं कराया जा सका। दूसरी बैठक 20 अप्रैल 2018 को बुलाई। प्रशासन ने इसको स्थगित कर दिया। तीसरी बार बैठक 1 अगस्त 2018 को बुलाई, लेकिन इसको भी स्थगित कर दिया। विपक्ष के 11 पार्षद इसके लिए 10 अगस्त को हाई कोर्ट में चले गए। हाई कोर्ट ने 30 अगस्त को मामले में सुनवाई करते हुए सरकार के प्रमुख सचिव और डीसी पानीपत से 15 नवंबर को जवाब मांगा है।
विपक्ष का बहुमत है - विनय गुप्ता
विपक्ष के वार्ड-2 पार्षद विनय गुप्ता ने बताया कि जिला योजना कमेटी में भी विपक्ष का बहुमत है। जिप चेयरपर्सन आशु शेरा के पास यहां पर भी बहुमत नहीं है और न ही जिप की बैठक में बहुमत है। कमेटी के चुनाव में उनके समर्थक दो पार्षदों को शामिल नहीं होने दिया। जबकि वे दो मिनट ही देरी से पहुंचे थे। यह सब सरकार के दबाव में किया गया है। अधिकारियों ने उनका नाम तक गलत लिखने का प्रयास किया। बहुमत बिना कुर्सी पर बैठा रहना लोकतंत्र की हत्या है।
आठ पद खाली रह गए - सुमेधा
डीसी सुमेधा कटारिया ने बताया कि जिला योजना कमेटी के 12 सदस्यों को चुनाव विधिपूर्वक संपन्न करा दिया गया है। नगर निगम का कार्यकाल समाप्त होने के चलते इसके आठ सदस्यों के पद खाली रह गए हैं।