फैक्ट्री के नीचे दिखी छह इंच मोटी राख की परत, मिले कई सबूत
जागरण संवाददाता, पानीपत : भगवती एक्सपोर्ट फैक्ट्री में आगजनी की घटना हुए आठ दिन बीत चुके है। ध्वस्त
जागरण संवाददाता, पानीपत : भगवती एक्सपोर्ट फैक्ट्री में आगजनी की घटना हुए आठ दिन बीत चुके है। ध्वस्त इमारत का एक चौथाई मलबा हटाया जा चुका है। शनिवार दोपहर को इमारत के लेंटर का सरिया काटकर श्रमिक व पुलिसकर्मी अंदर गए। लेंटर के नीचे के हालात ही आगजनी को बयां कर रहे थे। अंदाजा लगाया जा रहा है कि राख की परत लगभग 6 इंच मोटी है।। हड्डीनुमा चीज मिलने पर घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
लापता श्रमिक रायपुर बदायूं निवासी सोनू व दूल्हाखेड़ी शामली निवासी नंदू के परिजन पिछले आठ दिनों से फैक्ट्री के आस-पास ही पैर जमाए हुए हैं। परिजनों को लापता श्रमिक सोनू व नंदू का शव या अस्थियां मिलने की आस है। मलबा हटाने व इमारत ढहाने का काम निजी ठेकेदार के हाथ में जाने से काम में थोड़ी तेजी आई है। आठवें दिन दोपहर लगभग दो बजे हड्ड़ीनुमा चीज मिलने पर परिजनों में चीख पुकार मच गई। कुछ देर बाद ही पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट कर कि घटनास्थल से बरामद चीज हड्डी नहीं है। चांदनी बाग थाना प्रभारी सुरेश सैनी, किशनपुरा चौकी इंचार्ज वीरेंद्र सिंह की देखरेख में देर शाम तक कार्य जारी रहा।
जो कुछ मिला समेट लिया, फिर जुटे काम में
आगजनी की घटना के बाद फैक्ट्री लगभग पूरी तरह से खत्म हो चुकी थी। शनिवार दोपहर के समय फैक्ट्री के मलबे में दबे कुछ कारपेट मिले तो फैक्ट्री मालिक के परिजनों ने उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखवा दिया। उसके बाद फिर से श्रमिकों ने लेंटर तोड़कर मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया।
नीचे घना अंधेरा, अंदाजा लगाना भी मुश्किल
लेंटर के नीचे घुसकर खोजबीन करके बाहर आए लापता श्रमिक सोनू के मौसा सुनील वशिष्ठ ने बताया कि वहां घना अंधेरा था। कुछ भी ढंग से दिखाई नहीं दे रहा था। हर तरफ राख ही राख थी। गैस बुझाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले तीन फायर सिलेंडर भी इधर-उधर पड़े हुए थे। शायद एक बड़ी मशीन के ऊपर ही लेंटर टिका हुआ था।
बेल्ट का हुक मिलने पर गहराया शक
सरिए कटते ही लेंटर के नीचे घुसने पर श्रमिकों को बेल्ट का एक हुक पड़ा दिखाई दिया। लोगों को शक हुआ कि शायद आस-पास ही शव पड़ा हो सकता है। बाद में हड्डीनुमा चीज मिलने पर परिजनों का शक और भी अधिक गहरा गया था। हुक को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।