भागवत ने दिया हिंदुत्व के अंतरराष्ट्रीय विस्तार का मंत्र
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने हिंदुत्व के वैश््िवक विस्तार का मंत्र दिया।
जागरण संवाददाता, समालखा (पानीपत) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने शनिवार को यहां हिंदुत्व के अंतरराष्ट्रीय विस्तार का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि अहंकार मुक्त सेवा कार्य से हिंदुत्व का वैश्रि्वक विस्तार होगा। स्वयंसेवक यह न सोचें कि संघ बड़ा हो। जब बड़ा कार्य करेंगे तो संघ स्वयं ही बड़ा हो जाएगा। संघ प्रमुख गांव पट्टीकल्याणा में माधव जन सेवा न्यास संस्था के सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र की आधारशिला रखने के बाद समागम को संबोधित कर रहे थे।
भागवत ने कहा कि वर्षो के चिंतन के बाद यह केंद्र खोला जा रहा है। यह समाज का समाज के लिए उद्यम है। सभी के सहयोग और विचार से जनहित में इसका निर्माण होगा। आपसी भाईचारा, आत्मीयता और सामाजिक समरसता को मजबूती देना और जरूरतमंद की सेवा करना संस्था का उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि भगवान ने हमें समाज सेवा के लिए शक्ति, सामर्थ्य और अवसर दिया है। हमें अहंकार को त्याग कर जनसेवा में सहयोग करना चाहिए। सेवा एक प्रक्रिया है, जिससे असमर्थ को समर्थ बनाया जा सकता है। यह पूर्व जन्म के पाप को धोने का तरीका भी है। उन्होंने गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि मेरा अपना कुछ नहीं है, जो है वह परमात्मा का है और यहीं के समाज और लोगों से लिया गया है। हम अगर समाज में रहकर अपने कर्तव्य और धर्म का ठीक से पालन करें तो हिमालय पर तपस्या करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े लोग देश हित में पौने दो लाख सेवा प्रकल्प संचालित कर रहे हैं।
इससे पूर्व प्रात संघचालक पवन जिंदल ने सेवा साधना केंद्र में चलने वाली गतिविधियों सहित प्रस्तावित सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। आयोजन के दौरान डॉ. भागवत संघ के पुराने स्वयंसेवकों से भी मिले। इस अवसर पर परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार, श्रम मंत्री नायब सिंह सैनी, उद्योग मंत्री विपुल गोयल, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन, स्वामी ज्ञानानंद और गुप्ति सागर महाराज सहित आरआरएस के पदाधिकारी, भाजपा के विधायक और भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।