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एजुकेशन माफियाओं से जरा बचके, बेहतर भविष्‍य का सपना दिखा बिहार के युवकों को फंसा रहे Panipat News

बीएड कराने की आड़ में बिहार के युवकों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया। एजुकेशन माफियाओं ने करीब सौ छात्रों से बीएड दाखिले के नाम पर रुपये ठग लिए।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 04:04 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jul 2019 04:04 PM (IST)
एजुकेशन माफियाओं से जरा बचके, बेहतर भविष्‍य का सपना दिखा बिहार के युवकों को फंसा रहे Panipat News

पानीपत/करनाल, जेएनएन। हरियाणा में बीएड कराने की आड़ में दूसरे प्रदेशों को ठगने वाला एजुकेशन माफिया गिरोह सक्रिय है। इसका पर्दाफाश उस वक्त हुआ जब बिहार के पूर्णिया और कटिहार जिले के 100 विद्यार्थी करनाल के दून कॉलेज में पहुंचे। यहां प्रबंधकों ने उन्हें प्रेक्टिकल में बैठाने से मना कर दिया। 

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ठगी के शिकार पीडि़त वसीम अखतर, अमित कुमार, इश्तिहाक आलम, सुमन कुमार और सईद ने बताया कि उन्हें पूर्णिया के ही महबूब आलम ने करनाल से बीएड कराने का भरोसा दिया था। उसने बताया था कि वह करनाल के दून वैली कॉलेज में दाखिला करा सकता है। दलाल ने उनसे 80 से 90 हजार रुपये वसूले। साथ ही यह भी बताया कि बस पेपर देने जाना है। कक्षाओं में नियमित उपस्थित होने की जरूरत नहीं। पीडि़तों ने बताया कि बिहार में बीएड करने के मौके कम है, इसलिए उसकी बातों में आ गए। उन्हें बताया गया कि अब उनका प्रैक्टिकल है। जैसे ही वे दून कॉलेज पहुंचे तो बताया गया कि उनकी फीस कॉलेज में जमा ही नहीं हुई। इसलिए उन्हें प्रैक्टिकल में बैठने ही नहीं दिया गया। 

नहीं एजेंट मिल रहा, प्रबंधन भी नहीं कर रहा सुनवाई
पीडि़तों ने बताया कि न तो आलम मिल रहा है, न कॉलेज प्रबंधन सुन रहा है। उन्होंने बताया कि यहां उनका अपना कोई नहीं है। चाहे जितने पैसे ले लो, प्रैक्टिकल लेकर हमारा साल बचा लो। कई पीडि़तों ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर फीस दी थी, वह परिजनों को कैसे बताएंगे कि उनके साथ ठगी हो गई।  

कोई नहीं कर रहा सुनवाई
वीरवार से ये विद्यार्थी अफसरों के यहां धक्के खा रहे हैं, लेकिन उनकी किसी भी स्तर पर सुनवाई नहीं हो रही। हर कोई उन्हें यहां से वहां भेज रहा है। उन्होंने बताया कि डीसी के कार्यालय में भी गए, वहां अंदर नहीं जाने दिया। इसलिए अब अपनी यह परेशानी किसे बताएं? 

प्रैक्टिकल में बैठा लेंगे
मामला उठा तो संचालक बोला, प्रैक्टिकल में बैठा लेंगे। हालांकि पहले कॉलेज प्रबंध निदेशक रोहित अग्रवाल इस बात पर अड़े रहे कि फीस जमा कराए बिना पीडि़तों को प्रैक्टिकल में नहीं बैठाएंगे। मगर जब मामला उछला तो वह प्रैक्टिकल लेने के लिए राजी हो गए। इससे स्टूडेंट््स को राहत मिली। हालांकि उनके मन में संशय है कि वह फाइनल पेपर दे पाएंगे या नहीं। 

सारे पैसे कॉलेज में जमा करा दिए : आलम
आरोपित आलम बोला, मैंने तो सारे पैसे कालेज में जमा करा दिए। आरोपित महबूब आलम ने दावा किया कि उसने तो 22 लाख रुपये के चेक सिक्योरिटी के तौर पर जमा कराए थे। इसके बाद पांच लाख रुपये कॉलेज के खाते में ट्रांसफर भी कर दिए हैं। कुछ युवकों ने पढ़ाई छोड़ दी, इस पैसे को लेकर कालेज के साथ कुछ विवाद है। उसने कॉलेज प्रबंधन व पीडि़तों के सारे आरोपों को गलत करार दिया है।


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