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चैंबर निर्माण को लेकर बार दोफाड़

बार प्रधान का आरोप है कि ऐसा चैंबर निर्माण में बरती गई लापरवाही को छिपाने के लिए किया जा रहा है। जबकि चैंबर निर्माण कमेटी प्रधान ने आरोप को नकारते हुए बैठक स्थगित करने का कारण बार में बढ़ते तनाव को बताया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 10:55 AM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 06:40 AM (IST)
चैंबर निर्माण को लेकर बार दोफाड़
चैंबर निर्माण को लेकर बार दोफाड़

जागरण संवाददाता, समालखा : कोर्ट परिसर के करीब चार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले वकीलों के चैंबर के निर्माण से पहले ही विवाद शुरू हो गया है। बार एसोसिएशन की तरफ से बुलाई गई बैठक चैंबर निर्माण कमेटी के प्रधान व अन्य के न आने पर स्थगित कर दी गई। बार प्रधान का आरोप है कि ऐसा चैंबर निर्माण में बरती गई लापरवाही को छिपाने के लिए किया जा रहा है। जबकि चैंबर निर्माण कमेटी प्रधान ने आरोप को नकारते हुए बैठक स्थगित करने का कारण बार में बढ़ते तनाव को बताया है। इस मौके पर जितेंद्र गाहल्याण, सुभाष डिडवाडी, संदीप त्यागी, संजय त्यागी, सुमनदीप सहरावत, नीरज शर्मा आदि मौजूद रहे। एसोसिएशन प्रधान ने लगाए ये आरोप

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बार एसोसिएशन समालखा के प्रधान प्रवीन गाहल्याण व सचिव अनिल शर्मा ने बताया कि कोर्ट परिसर के पीछे चैंबर निर्माण कमेटी की देखरेख में 120 चैंबर का निर्माण चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि चैंबर निर्माण में लापरवाही बरती जा रही है। इसको लेकर कुछ अधिवक्ताओं ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस पर हाईकोर्ट ने जिला उपायुक्त से मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी थी तो उपायुक्त ने एक्सईएन पीडब्लूडी को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी थी। पीडब्लूडी अधिकारियों ने जनवरी माह में निर्माण सामग्री को लेकर सैंपल लेते हुए कमेटी से प्रोजेक्ट से संबंधित कागजात दस्तावेज व सैंपल जांच को लेकर फीस जमा कराने के लिए कहा था, लेकिन कमेटी ने आज तक पैसे जमा नहीं कराए। इस कारण सैंपल जांच नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि उक्त मामले में ही बार की तरफ से 26 अप्रैल को बैठक कर चैंबर निर्माण कमेटी को 30 अप्रैल को बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन कमेटी ने अलग से नोटिस जारी कर 4 मई को बैठक बुलाई। आज हम उक्त बैठक को लेकर पहुंचे, परंतु चैंबर निर्माण कमेटी प्रधान व कोई सदस्य अन्य नहीं पहुंचा। निर्माण कमेटी के प्रधान का यह है तर्क

चैंबर निर्माण कमेटी प्रधान सचिन छौक्कर ने कहा कि चैंबर निर्माण में किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है। कुछ वकील साथी समय पर अपनी किस्त जमा नहीं करा रहे थे, वही हाईकोर्ट गए थे। जहां तक बात पीडब्लूडी अधिकारियों को दस्तावेज व सैंपल खर्च न देने की है तो दस्तावेज को लेकर अधिकारियों द्वारा हमें एक पत्र भेजा गया था। हमने तुरंत उन्हें संबंधित दस्तावेज मुहैया करा दिए थे। सैंपल खर्च की हमसे कोई डिमांड नहीं की गई। अगर वकीलों के हित के लिए कमेटी से खर्च मांगा जाता है तो हम देने को तैयार हैं। उन्होंने बैठक को लेकर कहा कि न तो हमें बुलाया गया था और न ही बैठक को लेकर कोई नोटिस मिला। हमने खुद ही 4 मई को बैठक रखी थी। लेकिन बार में तनाव की स्थिति को देखते हुए उसे स्थगित करना पड़ा। जिसके बारे में सुबह ही सभी को सूचित कर दिया गया है। कोर्ट में लंबित है मामला

छौक्कर ने बताया कि चैंबर निर्माण में प्रयोग सामग्री की देख रेख को लेकर न्यायाधीश जेएमआइसी अविनाश यादव की तरफ से एक छह सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। उक्त मामला उनकी कोर्ट में भी लंबित है। आगे जैसे निर्देश मिलेंगे कमेटी वकीलों के हित में वो उचित काम करेगी।


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