42 की उम्र में गजब का जोश, 25 घंटे गेंदबाजी करके बनाया ये वर्ल्ड रिकॉर्ड
फार्मासिस्ट बंकिम सूद ने लगातार 25 घंटे 2 मिनट 48 सेकंड स्पिन गेंदबाजी की। यह एक वल्र्ड रिकॉर्ड में शामिल होगा। इसका वीडियो बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भेज दिया गया।
पानीपत, जेएनएन। किला क्षेत्र निवासी फार्मासिस्ट बंकिम सूद (42) ने एनएफएल टाउनशिप स्थित पाइट संस्कृति स्कूल के मैदान में लगातार 25 घंटे 2 मिनट 48 सेकंड स्पिन गेंदबाजी की। इसके साथ ही बंकिम अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराएंगे।
इससे पहले दो टीमों ने बल्लेबाजी की। 14 पारियों का मैच खेला गया। बंकिम ने लक्ष्य 27 घंटे का रखा था, लेकिन ठंड और धुंध की वजह से दो घंटे ज्यादा बॉलिंग नहीं हो पाई। बंकिम ने शनिवार सुबह 10:30 बजे से कड़ाके की ठंड में दोनों हाथों से गेंदबाजी शुरू की थी। रविवार सुबह 11:32 बजे तक गेंदबाजी करते रहे। बंकिम दो दिन बाद बॉलिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के कार्यालय की साइट पर भेजेंगे।
वीडियो देखकर तय होगा रिकॉर्ड बना या नहीं
वीडियो के विश्लेषण के बाद ही तय हो पाएगा कि रिकॉर्ड बना है या नहीं। मुख्य अतिथि डीसी सुमेधा कटारिया और विशिष्ट अतिथि सुरेश तायल ने बंकिम को उपलब्धि के लिए बधाई दी। इस इस मौके पर बंकिम के पिता डॉ. सुधीर सूद, मां किरण सूद, पत्नी मैत्री सूद भी मौजूद रहे।
नारमेन लुइस की किताब से मिली प्रेरणा, 2001 से शुरू किया था अभ्यास
इंडिया टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के प्रशंसक अंडर-16 और 19 में प्रदेश की क्रिकेट टीम में खेल चुके बंकिम सूद ने बताया कि उसने नारमेन लुइस की एक किताब पढ़ी थी। इसमें दोनों हाथों से बराबरी के काम करने की बात कही थी। इसके बाद उसने 2001 में दोनों हाथों से गेंदबाजी का अभ्यास किया।
चार घंटे करता है अभ्यास
वह रोज चार घंटे अभ्यास और दस किलोमीटर दौड़ लगाता है। जिम के बजाय योग करता है। ठंड व थकावट से पैर लडख़ड़ाने लगे थे, लेकिन लक्ष्य साधना था इसलिए बॉलिंग करता रहा। माता-पिता और पत्नी के साथ बेटे सुश्रुत व दोस्त राकेश तायल ने साथ दिया तो रिकॉर्ड के लिए बॉलिंग करने में सफल रहा।
पति के खाने पर रखा ध्यान, बेटी पिता को मानती है हीरो
मैत्री सूद ने कहा कि वह पति बंकिम के खान-पान पर ध्यान देती है। तली हुई खाद्य सामग्री नहीं देती। इससे पति का आठ किलो वजन कम हुआ है। बेटी ईधा का कहना है कि एक बार उससे स्कूल में देश के पांच बेहतरीन क्रिकेटर के लिए फार्म भरवाया था। उसने सबसे पहले अपने पिता का नाम लिखा। क्योंकि उसके पिता दोनों हाथों से बॉलिंग करते हैं।