कोरोना आशंकित को एंबुलेंस से लाने वाले बलराज
कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए सामान्य अस्पताल के डॉक्टर नर्स और एंबुलेंस स्टाफ में ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) जुटे हुए हैं। इन्हीं में एक हैं राजाखेड़ी गांव के बलराज मलिक। उनकी ड्यूटी आठ घंटे से बढ़कर 12 घंटे हो गई हैं। सूचना मिलते ही वे तुरंत चालक को लेकर कोरोना संदिग्ध को लेने घर पहुंचते ह
जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए सामान्य अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और एंबुलेंस स्टाफ में ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) जुटे हुए हैं। इन्हीं में एक हैं राजाखेड़ी गांव के बलराज मलिक। उनकी ड्यूटी आठ घंटे से बढ़कर 12 घंटे हो गई हैं। सूचना मिलते ही वे तुरंत चालक को लेकर कोरोना संदिग्ध को लेने घर पहुंचते हैं। मरीज विरोध भी करते हैं तो वे समझाइश करके जांच के लिए सामान्य अस्पताल लाते हैं। ये सिलसिला 15 दिन से चल रहा है। वे खुद भी गंभीर बीमारी से जूझे हैं। बीमारी को हराकर वे अब मरीजों के सेवा में लगे हैं। बलराज ने बताया कि तीन साल पहले उसके मुंह, हाथ व पांव में बाई तरफ लकवा हो गया था। शरीर कमजोर हो गया था। उसने हिम्मत नहीं हारी। व्यायाम किया और फुटबाल खेली। वे अब स्वस्थ हैं, लेकिन भारी वजन नहीं उठा पाते हैं। घर में अलग कमरे में रहते हैं
बलराज ने बताया कि वे ड्यूटी खत्म करके घर जाते हैं। वहां पर उसके लिए अलग से कमरा है। वहीं पर वे नहाते हैं और खाना खाकर सो जाते हैं। पत्नी रेखा, बेटी भावना व बेटे सन्नी से दूरी बनाकर बात करते हैं। पहले बेटा साथ में फुटबॉल खेलने के लिए जिद करता था। अब बेटे को भी पता है कि पापा की जिम्मेदारी बढ़ गई है। अब बेटा फुटबॉल खेलने की फरमाइश भी नहीं करता है।