कोरोनाकाल में पता चली आयुर्वेद की शक्ति, जानिये कैसे इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ कोरोना के फैलने से भी रोका
करनाल में कोरोनाकाल में घर-घर तक आयुर्वेद पहुंचा। आयुष विभाग ने 3.50 लाख इम्यूनिटी बूस्टर की डोज बांटीं। हर फ्रंटलाइन वर्कर्स तक आयुर्वेद की शक्ति पहुंचाई। कोरोना फैलने से रोकने में मददगार भी साबित हुई। इसके साथ ही योग प्राणायाम के शिविर भी लगाए गए।
करनाल, जेएनएन। लॉकडाउन में कोरोना किसी खौफ से कम नहीं था। लोग संक्रमित होते जा रहे थे। समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें? इससे कैसे बचा जाए। कुछ लोग इंटरनेट पर कोरोना का इलाज खोज रहे थे तो कुछ अपने फैमिली डॉक्टर के संपर्क में लगातार रहे।
महामारी के इस दौर में आयुर्वेद ने लोगों को जो ताकत दी यह उसी का नतीजा है कि हम लगभग कोरोना को फैलने से रोकने में कामयाब हो पाए। कोरोना काल में आयुष विभाग ने आयुर्वेद की शक्ति के रूप में जो इम्यूनिटी बूस्टर डोज दी, वह कोरोना फैलने से रोकने में मददगार भी साबित हुई। यही कारण है कि आज करनाल में कोरोना कंट्रोल में है। यह बात भी सही है कि हर वर्ग ने कोरोना के खिलाफ जंग लड़ी। तभी आज हम अच्छी स्थिति में हैं। स्वास्थ्य विभाग ने दिन-रात काम किया। लेकिन, आयुर्वेद ने जो शक्ति लोगों को बांटी, वह किसी चमत्कार से कम नहीं थी। विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, फार्मासिस्ट नरेश कुमार ने कोरोना काल में करीब 3.50 लाख इम्यूनिटी बूस्टर की डोज लोगों को वितरित कीं। विशेषकर फ्रंटलाइन वर्कर्स को यह डोज प्राथमिकता से उपलब्ध कराईं गईं। इससे इम्यूनिटी मजबूत हुई और कोरोना को फैलने से रोकने में हम कामयाब हो पाए।
संक्रमण की ज्यादा संभावना, वहां बांटा इम्यूनिटी बूस्टर
करनाल के जिला आयुष अधिकारी डॉ. सतीश खटकड़ के मुताबिक, कोरोना काल में उनकी टीम ने कोरोना योद्धाओं के रूप में अहम भूमिका अदा की है। हमने इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए जिला जेल में 2 हजार कैदियों को चार बार इम्यूनिटी बूस्टर की डोज उपलब्ध कराई। इसी प्रकार नारी निकेतन, एमडीडी बाल भवन व अन्य अनाथ आश्रम, वृद्धाश्रम व महिला आश्रमों में जाकर उन्हें कोरोना से लड़ने की ताकत दी। कोरोना महामारी से केवल इम्यूनिटी बूस्टर किट ही नहीं उनका हौसला भी काम आया। टीम की सक्रियता को देखकर लोगों में भी हौसले का संचार हुआ।
योग प्राणायम के लिए भी लगाए शिविर
आयुर्वेद की इम्यूनिटी बूस्टर डोज के साथ-साथ योग व प्राणायाम भी इम्यूनिटी को बूस्ट करने का सबसे कारगर तरीका था। कोरोना काल के दौरान आनलाइन शिविर लगाए गए, इसके अलावा जब स्थिति कुछ बदली तो योग शिविर लगाकर लोगों को नियमित रूप से योग करने के लिए प्रेरणा दी। लोगों को बताया कि नियमित रूप से योगासन करने से कोरोना को मात दी जा सकती है।
28 डिस्पेंसरियों में अब भी इम्यूनिटी बूस्टर डोज उपलब्ध
डा. सतीश खटकड़ ने बताया कि आयुष विभाग की जिले में 28 डिस्पेंसरियां उपलब्ध हैं। सभी जगहों पर इम्यूनिटी बूस्टर डोज उपलब्ध कराई गई है। कोई भी व्यक्ति यहां से इन किटों को ले सकता है। हमारी टीमें कोरोना काल में सक्रिय रही हैं। वह लोगों से अपील करते हैं कि नियमों का पालन अब भी करते रहें, क्योंकि कोरोना अभी बिल्कुल खत्म नहीं हुआ है। सावधानियां बरतें।
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