आयुर्वेदिक कॉलेज में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, रिसर्च के लिए लैब तक नहीं Panipat News
श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में विद्यार्थियों को आनलाइन रिसर्च करने के लिए वाई-फाई तक की व्यवस्था नहीं है। न लैब है।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, [विनीश गौड़]। श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में इसी माह से पीजी की कक्षाएं जरूर शुरू हो गईं, लेकिन आयुष विश्वविद्यालय अब तक पीजी के इन विद्यार्थियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर पाया है। न तो इनके लिए अलग से कोई कक्षा रूम तैयार कराए गए और न ही हॉस्टल। पीजी के जिन विद्यार्थियों का काम पूरा रिसर्च पर आधारित है उनके लिए रिसर्च लैब तक कॉलेज परिसर में अब तक नहीं बनाई गई। आनलाइन रिसर्च करने तक के लिए इन विद्यार्थियों के लिए वाई-फाई तक की व्यवस्था कॉलेज व अस्पताल में नहीं है।
पीजी के विद्यार्थियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रिसर्च और मरीजों की देखरेख के लिए उन्हें अस्पताल में काफी देर तक काम करना पड़ेगा, इसलिए अस्पताल व कॉलेज परिसर में ही हॉस्टल की व्यवस्था होनी चाहिए। खासकर लड़कियों के लिए देर रात को निजी रिहायशी क्षेत्र तक जाने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
इन विभागों में मिली एमडी
बाल रोग विभाग में तीन, शरीर क्रिया में छह, शरीर रचना में छह, पंचकर्म में तीन और शल्य में छह सीटें मिली हैं। इन सीटों में आल इंडिया रैंक के तीन विद्यार्थियों के दाखिले भी हुए हैं।
रिसर्च करने के लिए एमओयू करेगी आयुष विश्वविद्यालय : डॉ. अनिल शर्मा
कुलसचिव डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि पीजी के विद्यार्थियों के लिए क्लास रूम की जरूरत नहीं होती। तीन-तीन या छह-छह विद्यार्थी होते हैं, जिनका ज्यादातर काम क्लीनिकली होता है। इसलिए क्लास रूम की अभी जरूरत नहीं है। फिर भी एक रूम बनाया गया है। सेंट्रल काउंसिल रिसर्च आफ आयुर्वेदा से बात हो गई है, जहां से विशेषज्ञ आकर सप्ताह में दो दिन विद्यार्थियों की कक्षा लिया करेंगे। इसके अलावा पीजीआइ चंडीगढ़ और कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज से भी एमओयू साइन करने पर विचार चल रहा है। विद्यार्थी रिसर्च के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की फार्मेसी का प्रयोग करने के लिए एमओयू साइन करने पर भी चर्चा चल रही है। अभी पीजी मिली है। इनके विद्यार्थियों के लिए अभी हॉस्टल नहीं बने हैं। 10 से 15 दिन में पूरे कॉलेज व अस्पताल परिसर को वाई फाई कर दिया जाएगा।