ऑटोमेटिक स्ट्रीट लाइटों की थी तैयारी, टेंडर रद
नगर निगम ने पहली बार शहर में ऑटोमेटिक स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना बनाई। निगम के अधिकारियों ने 1160 लाइटों का 49.90 लाख की कीमत का टेंडर भी लगाया लेकिन टेक्नीकल प्रोसेस में ही टेंडर रद हो गया।
जगमहेंद्र सरोहा, पानीपत : नगर निगम ने पहली बार शहर में ऑटोमेटिक स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना बनाई। निगम के अधिकारियों ने 1160 लाइटों का 49.90 लाख की कीमत का टेंडर भी लगाया लेकिन टेक्नीकल प्रोसेस में ही टेंडर रद हो गया। सेक्टरों के बाद निगम क्षेत्र का टेंडर कैंसल होने पर शहरवासियों की उजाले की उम्मीद अंधेरे में डूब गई है।
नगर निगम के सदन ने विभिन्न वार्डों में स्ट्रीट लाइट लगवाने का प्रस्ताव पास किया था। गत सप्ताह शहर की स्ट्रीट लाइटों का टेंडर खोला। रॉयल ट्रेड और शंभु इलेक्ट्रोनिक्स कंपनी सबसे ऊपर रही। निगम अधिकारियों ने दो दिन पहले टेंडरों की टेक्नीकल शर्तों की जांच की। दोनों कंपनी शर्तों को पूरा नहीं कर पाई। सेक्टरों का मामला डीसी के दरबार तक पहुंचा : सेक्टर-29 पार्ट-वन और टू में स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत के टेंडर नगर निगम ने नौ महीने पहले लगाए थे। यह मामला उद्यमियों ने डीसी के दरबार में उठाया था। नगर निगम ने गत महीने बैठक में डीसी के सामने मेंटेनेंस का टेंडर कैंसिल होने की कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया था। नगर निगम ने इसके बाद कोई भी टेंडर नहीं लगाया। वार्ड-15 के निवर्तमान पार्षद सुरेंद्र गर्ग ने कहा कि वार्ड की अधिकतर स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। नई लाइटों को भी नहीं लगाया जा रहा। अधिकारी शहर में टेंडर लगाने और कैंसल करने का खेल खेल रहे हैं। वार्ड-24 के निवर्तमान पार्षद दुष्यंत भट्ट ने कहा कि शहर में स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हैं। सड़कों पर रात होते ही अंधेरा छा जाता है। निगम के अधिकारियों का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। वे अधिकारियों के सामने भी स्ट्रीट लाइटों की बात उठा चुके हैं। वार्ड-3 के निवर्तमान पार्षद हरीश शर्मा ने कहा कि शहर की 70 प्रतिशत स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं। निगम तीन बार टेंडर कैंसिल कर चुका है। इसमें अधिकारियों का बड़ा खेल नजर आ रहा है। शहर में स्ट्रीट लाइटों का टेंडर टेक्नीकल प्रोसेस के दौरान रद कर दिया गया है। अब नए सिरे से टेंडर लगाया जाएगा। निगम क्षेत्र में जल्द ही स्ट्रीट लाइट लगवा दी जाएंगी।
अंकित चौहान, एक्सईएन, नगर निगम।