पैर टूटने के बाद भी नहीं हारा ये एथलीट खिलाड़ी, जिंदगी का संघर्ष जीत बने शूटर Panipat News
सोनीपत के राजेश गुलिया 42 किमी दौड़ के राष्ट्रीय स्तर के एथलीट रहे हैं। फुटबॉल खेलते पैर टूट गया था। 14 साल खेल से दूर रहे। इसके बाद शूटिंग चैंपियन बने।
पानीपत, [विजय गाहल्याण]। सोनीपत के सेक्टर-23 के 50 वर्षीय राजेश गुलिया 42 किमी दौड़ के राष्ट्रीय स्तर के एथलीट रहे हैं। वर्ष 2003 में फुटबॉल खेलते समय पैर में फ्रैक्चर हो गया। दौड़ छूट गई। इसी कारण 14 साल आराम किया। डॉक्टरों ने दौडऩे पर प्रतिबंध लगा दिया। हिम्मत नहीं हारी। दोस्त से 1.58 लाख रुपये की राइफल मंगवाई और शूटिंग रेंज में निशाना साधने लगे। राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर पांच पदक जीते। यहां के सेक्टर-24 स्थित द्रोणाचार्य शूटिंग स्पोर्ट्स एकेडमी में चल रही 9वीं श्री बहादुर मेमोरियल शूटिंग चैंपियनशिप में राजेश ने 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता है।
दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में राजेश गुलिया ने बताया कि पत्नी टोकती है कि शरीर कमजोर हो गया है। उम्र भी हो गई है। खेलते हुए पहले ही पैर तुड़वा चुके हो। अच्छा रहेगा ड्यूटी के बाद घर पर आराम करें। अब बेटा-बेटी के खेलने के दिन हैं। पत्नी की बातों को अनसुना कर वह हर रोज शूटिंग एकेडमी में 110 फायर करते हैं।
योग और फुटबॉल के दिए चैंपियन खिलाड़ी
योग के ट्रेनर राजेश गुलिया ने बताया कि ददलाना गांव के स्कूल में रहते हुए उनके शिष्य जोनी, एकता और मोनिका ने योग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते हैं। इसके बाद अपने गांव पुरखास में फुटबॉल की एकेडमी खोली। यहां से विकास गुलिया, दिनेश, सुरेंद्र और दीपक सहित 30 खिलाडिय़ों ने राष्ट्रीय स्तर फुटबॉल चैंपियनशिप में पदक जीते। बेटे भारत और भारती को धावक बनाना चाहते थे। वे दोनों बैडमिंटन में राज्य स्तरीय पर प्रतियोगिता में 15 पदक जीत चुके हैं।
मोबाइल से बनाई दूरी, खेल पर ध्यान
राजेश बताते हैं कि मोबाइल फोन रखने से ज्यादा समय बर्बाद होता है। इसी वजह से मोबाइल से किनारा कर लिया है। वे घर पर मोबाइल छोड़ जाते हैं। उसे 100 से ज्यादा परिजनों, रिश्तेदारों व दोस्तों के मोबाइल फोन नंबर याद हैं। किसी को परिचित को कॉल करनी होती है तो दूसरे को मोबाइल लेकर बात कर लेता हैं।