सांसद जी! ई लॉकडाउन में हमनी के परेशान बानी, बस केहु तरहे घरे जाए के इंतजाम करवा दीं
पानीपत से गया के लिए ट्रेन चलने में देरी होने पर मजदूरों ने ये गुहार औरंगाबाद जिले के सांसद सुशील सिंह से बीते सोमवार को फोन पर लगाई। मजदूर परिवार का प्रयास सफल रहा।
अरविन्द झा, पानीपत
सांसद जी! ई लॉकडाउन में हमनी के परेशान बानी.पानीपत में न खाए के ठिकाना बाटे न रहे के। 15 दिन हो गईल ट्रेनवां में जाए खातिर ऑनलाइन फार्म भरले रहनि। श्रमिक स्पेशल ट्रेन में हमार नबंरवा नहिखे आवत। रउआ चाहेब तअ पानीपत से गया (बिहार) के ट्रेन चलवा देअब। वोट दे के जितवले वानी.कोरोना से बचे के लेल ई विनती सुन लीं हमार। बस केहु तरहे घरे जाए के इंतजाम करवा दीं। पानीपत से गया के लिए ट्रेन चलने में देरी होने पर मजदूरों ने ये गुहार औरंगाबाद जिले के सांसद सुशील सिंह से बीते सोमवार को फोन पर लगाई। मजदूर परिवार का प्रयास सफल रहा। प्रशासन से शुक्रवार को दोपहर फोन आने पर औरंगाबाद के सैकड़ों मजदूर शनिवार को गया (बिहार) जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार होकर खुशी-खुशी घर रवाना हो गए।
पानीपत में बिहार के औरंगाबाद, अररिया, बेतिया, मोतिहारी, बरौनी, किशनगंज व पूर्णिया सहित अन्य कई जिलों के लाखों लोग रहते हैं। मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। औरंगाबाद जिले का देवन भी उनमें से एक है। आजादनगर में रहने वाले देवन की पत्नी गर्भवती है। फैक्ट्री में काम बंद होने से उसे लेकर घर जाना चाह रहा था। रिश्तेदार सहित गांव के 30-35 लोग उसके साथ रहते हैं। कुछ लोग पिछले सप्ताह ट्रक में सवार होकर चले गए। लॉकडाउन में सरकार की तरफ से घोषणा होने के बाद ट्रेन में सफर के लिए बीते दो मई को पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया। ट्रेन में जाने की कब बारी आएगी इसके लिए बार-बार लघु सचिवालय में पता करने जाता रहा। उसे जब कुछ पता नहीं चला तो नोडल अधिकारी से कई बार मिलने का प्रयास किया। परेशान होकर घर लौट आया। पत्नी बिदु के कहने पर औरंगाबाद के सांसद सुशील सिंह को फोन कर ट्रेन चलवाने की गुहार लगाई।
रेलवे स्टेशन परिसर में शनिवार को गया (बिहार) जाने वाली ट्रेन में सवार होने आए देवन ने दैनिक जागरण को बताया कि सांसद ने गुहार सुन ली। सेक्टर 25 स्थित श्याम बाग से बस में बिठा कर मजदूरों को पानीपत स्टेशन लाया गया। शाम 4:30 बजे ट्रेन चल पड़ी। डीसी हेमा शर्मा का धन्यवाद जिन्होंने मजदूरों के लिए इतना इंतजाम करवाया। गया से औरंगाबाद 100 किलोमीटर का सफर है। सरकारी वाहन का वहां इंतजाम नहीं होने पर किराये की गाड़ी कर सिमड़ी गांव पहुंच जाएंगे।