छह साल पहले लापता हो गया था नेपाल का किशोर, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने तलाशा
यमुनानगर में छह साल से लापता नेपाल का किशोर मिल गया। ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने किशोर की तलाश की। वह 2015 से लापता था। उस दौरान उसकी उम्र 11 वर्ष थी और अब उसे छिछरौली स्थित बालकुंज में भेजा गया है।
यमुनानगर, जेएनएन। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल पंचकूला के एएसआइ राजेश कुमार ने छह साल से लापता किशोर को उसके परिवार से मिलवाया। नेपाल के तुलसीपुर निवासी किशोर वर्ष 2015 में लापता हो गया था। वह पुलिस को मिला और यहां छछरौली बालकुंज में भिजवाया गया। उस समय किशोर की उम्र 11 वर्ष थी। इसके बाद से ही छछरौली बालकुंज में रह रहा था। यही पर दसवीं कक्षा में पढ़ रहा है।
एएसआइ राजेश कुमार ने बताया कि किशोर की गुमशुदगी वर्ष 2015 में नेपाल में दर्ज हुई थी। जीआरपी को जगाधरी स्टेशन पर यह किशोर लावारिस मिला था। वह अपने बारे में कुछ सही नहीं बता पा रहा था। जिस पर उसे बालकुंज में छोड़ा गया था। छछरौली बालकुंज से इस बारे में सूचना मिली। जिस पर पहले किशोर की काउंसलिंग की गई। उसने अपने पिता का नाम लक्ष्मण गांव तुलसीपुर नेपाल बताया। इससे अधिक वह नहीं बता सका। जिस पर उसकी वीडियो व फोटो को किन एनजीओ नेपाल व दिल्ली रेस्क्यू ऑफिसर को भिजवाया।
न्यूज चैनलों पर चलाई फोटो
एनजीओ ने नेपाल के न्यूज चैनलों पर उसकी फोटो चलवाई। जिस गांव का वह नाम बता रहा था। वहां भी उसकी उस समय की फोटो भिजवाया। कई दिनों बाद परिवार तक यह सूचना पहुंच गई। किशोर के जीजा ने उसका फोटो देखा, तो वह पहचान नहीं सका। जिस पर उसने अपनी पत्नी को दिखाया। उसने पहचान कर ली। फिर एएसआइ के नंबर पर संपर्क किया। वीडियो कॉलिंग के जरिए किशोर की उसके पिता से बात कराई गई। उन्होंने बच्चे को पहचान लिया। बच्चे ने भी अपने पिता को पहचान लिया। अब वह बच्चे को यहां लेने पहुंचे। यहां पहुंचे बच्चे के पिता लक्ष्मण ने बताया कि वर्ष 2015 में हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कोटखाई यह लापता हो गया था। पिता यहीं पर कार्य करते हैं और इस समय यही पर रह रहे हैं।
बेटे ने कहा, दसवीं पास करने के बाद आऊंगा
वीडियो कॉलिंग से जब किशोर की उसके पिता से बात कराई, तो उसने कहा कि वह यहां पर पूरी तरह से ठीक है। अब दसवीं कक्षा में है। इसलिए दसवीं कक्षा पास करने के बाद ही वापस आऊंगा। हालांकि किशोर के मिलने की सूचना मिलने पर पिता यहां बालकुंज में पहुंचे।