दर्दनाक हादसा, बेटी का शव ले जा रही एंबुलेंस और ट्रैक्टर की टक्कर, मां-मौसी की मौत
हरियाणा के यमुनानगर में कोहरे की वजह से एंबुलेंस और ट्रैक्टर की टक्कर हो गई। इसमें दो महिलाओं की मौत हो गई। इनमे से एक महिला की बेटी की चंडीगढ़ में मौत हो गई थी और शव लेकर परिजन शामली जा रहे थे।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। नेशनल हाईवे पर गांव मंडौली के पास ट्रैक्टर ट्राली व एंबुलेंस की भिड़ंत हो गई। एंबुलेंस में चंडीगढ़ से 35 वर्षीय बेटी का शव लेकर आ रही उसकी मां 55 वर्षीय शकीला व मौसी 59 वर्षीय सलमा की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में चालक अंकित व महिला का भाई असलम भी घायल हुआ है। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि एंबुलेंस के परखच्चे उड़ गए। एक हिस्सा काटकर अंदर से लोगों को बाहर निकाला गया। हादसा घने कोहरे की वजह से हुआ। पुलिस ने टै्रक्टर ट्रॉली चालक पर केस दर्ज किया।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के गांव उमरपुर निवासी असलम ने बताया कि उनकी बहन 35 वर्षीय अफसाना की शादी इरशाद के साथ हुई थी। उसके तीन बच्चे हैं। काफी समय से अफसाना बीमार थी, जिसका इलाज चंडीगढ़ पीजीआइ में चल रहा था। शुक्रवार तड़के करीब तीन बजे अफसाना की मौत हो गई। शव लेकर उसके ससुराल उत्तर प्रदेश के शामली के गोगमा जलालपुर जा रहे थे। सुबह के समय घना कोहरा भी छाया हुआ था। जब मंडौली गांव के पास पहुंचे, तो विपरीत दिशा से ट्रैक्टर ट्रॉली आ रही थी। जिससे एंबुलेंस चालक की टक्कर हो गई। हादसे में एंबुलेंस के परखच्चे उड़ गए। अंदर वह, मां शकीला, मौसी सलमा, बहन का देवर दिलशाद, ससुर इसाक व 11 वर्षीय सालिम फंस गए। किसी तरह से राहगीरों ने एबुंलेस की खिड़कियों को काटकर उन्हें बाहर निकाला और अस्पताल में भिजवाया। यहां चिकित्सकों ने उसकी मां शकीला व मौसी सलमा को मृत बता दिया
100 की स्पीड पर एंबुलेंस चालक को समझाते रहे, मान जाता तो टल सकता था हादसा
नेशनल हाईवे चंडीगढ़ पंचकूला पर हुए हादसे में घने कोहरे के साथ-साथ एंबुलेंस चालक की भी गलती रही है। घना कोहरा होने के बावजूद वह 100 की स्पीड से चल रहा था। उसे बीच-बीच में असलम ने समझाया भी, लेकिन वह नहीं माना और तेजगति से ही गाड़ी चलाता रहा। जिसका नतीजा यह हुआ कि हादसे ने दो ङ्क्षजदगियां लील ली। सगी बहनें शकीला व सलमा की मौके पर ही मौत हो गई। एंबुलेंस के उड़े परखच्चे इस हादसे की गवाही दे रहे हैं कि दोनों वाहनों की गति कितनी अधिक होगी। एंबुलेंस के बिखरे पड़े टुकड़ों को देखकर हर कोई यही कह रहा था कि इस हादसे में कोई भी नहीं बचा होगा।
रास्ते में बेटी की मौत पर कर रहे थे विलाप
असलम ने बताया कि जब अफसाना का शव एंबुलेंस से लेकर चले, तो मां व मौसी की आंखों में आंसू थे। रास्ते में वह अफसाना की मौत पर विलाप करती रही। क्या पता था कि रास्ते में यह हादसा हो जाएगा। एंबुलेंस चालक अंकित को भी कई बार समझाया कि घना कोहरा है। आराम से चलो, लेकिन वह गति से चलता रहा। जिस वजह से वह गलत दिशा से आ रही ट्रैक्टर ट्रॉली से टकराया। यदि वह गति कम रखता, तो शायद यह हादसा नहीं होता। अब जिस बहन का शव गांव में ले जा रहे थे, उसके साथ ही अब मां व मौसी को भी सुपुर्दे खाक किया जाएगा। अब तो सब कुछ खत्म हो गया। उसकी गोद में दिलशाद की तीन साल की बच्ची भी थी। जब हादसा हुआ, तो वह उछलकर दूसरी साइड में गिरी। जिससे वह बच गई।
नेशनल हाईवे पर गांव मंडौली के पास ट्रैक्टर ट्राली व एंबुलेंस की भिड़ंत हो गई। एंबुलेंस में चंडीगढ़ से 35 वर्षीय बेटी का शव लेकर आ रही उसकी मां 55 वर्षीय शकीला व मौसी 59 वर्षीय सलमा की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में चालक अंकित व महिला का भाई असलम भी घायल हुआ है। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि एंबुलेंस के परखच्चे उड़ गए। एक हिस्सा काटकर अंदर से लोगों को बाहर निकाला गया। हादसा घने कोहरे की वजह से हुआ। पुलिस ने टै्रक्टर ट्रॉली चालक पर केस दर्ज किया।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के गांव उमरपुर निवासी असलम ने बताया कि उनकी बहन 35 वर्षीय अफसाना की शादी इरशाद के साथ हुई थी। उसके तीन बच्चे हैं। काफी समय से अफसाना बीमार थी, जिसका इलाज चंडीगढ़ पीजीआइ में चल रहा था। शुक्रवार तड़के करीब तीन बजे अफसाना की मौत हो गई। शव लेकर उसके ससुराल उत्तर प्रदेश के शामली के गोगमा जलालपुर जा रहे थे। सुबह के समय घना कोहरा भी छाया हुआ था। जब मंडौली गांव के पास पहुंचे, तो विपरीत दिशा से ट्रैक्टर ट्रॉली आ रही थी। जिससे एंबुलेंस चालक की टक्कर हो गई। हादसे में एंबुलेंस के परखच्चे उड़ गए। अंदर वह, मां शकीला, मौसी सलमा, बहन का देवर दिलशाद, ससुर इसाक व 11 वर्षीय सालिम फंस गए। किसी तरह से राहगीरों ने एबुंलेस की खिड़कियों को काटकर उन्हें बाहर निकाला और अस्पताल में भिजवाया। यहां चिकित्सकों ने उसकी मां शकीला व मौसी सलमा को मृत बता दिया
100 की स्पीड पर एंबुलेंस चालक को समझाते रहे, मान जाता तो टल सकता था हादसा
नेशनल हाईवे चंडीगढ़ पंचकूला पर हुए हादसे में घने कोहरे के साथ-साथ एंबुलेंस चालक की भी गलती रही है। घना कोहरा होने के बावजूद वह 100 की स्पीड से चल रहा था। उसे बीच-बीच में असलम ने समझाया भी, लेकिन वह नहीं माना और तेजगति से ही गाड़ी चलाता रहा। जिसका नतीजा यह हुआ कि हादसे ने दो ङ्क्षजदगियां लील ली। सगी बहनें शकीला व सलमा की मौके पर ही मौत हो गई। एंबुलेंस के उड़े परखच्चे इस हादसे की गवाही दे रहे हैं कि दोनों वाहनों की गति कितनी अधिक होगी। एंबुलेंस के बिखरे पड़े टुकड़ों को देखकर हर कोई यही कह रहा था कि इस हादसे में कोई भी नहीं बचा होगा।
रास्ते में बेटी की मौत पर कर रहे थे विलाप
असलम ने बताया कि जब अफसाना का शव एंबुलेंस से लेकर चले, तो मां व मौसी की आंखों में आंसू थे। रास्ते में वह अफसाना की मौत पर विलाप करती रही। क्या पता था कि रास्ते में यह हादसा हो जाएगा। एंबुलेंस चालक अंकित को भी कई बार समझाया कि घना कोहरा है। आराम से चलो, लेकिन वह गति से चलता रहा। जिस वजह से वह गलत दिशा से आ रही ट्रैक्टर ट्रॉली से टकराया। यदि वह गति कम रखता, तो शायद यह हादसा नहीं होता। अब जिस बहन का शव गांव में ले जा रहे थे, उसके साथ ही अब मां व मौसी को भी सुपुर्दे खाक किया जाएगा। अब तो सब कुछ खत्म हो गया। उसकी गोद में दिलशाद की तीन साल की बच्ची भी थी। जब हादसा हुआ, तो वह उछलकर दूसरी साइड में गिरी। जिससे वह बच गई।
गति अधिक नहीं थी, ट्रॉली चालक की गलती है
इस हादसे में एंबुलेंस चालक अंकित व असलम भी घायल हुए हैं। उनकी टांगें टूट गई है। अंकित का कहना है कि उसकी गति अधिक नहीं थी। यह हादसा ट्रैक्टर ट्रॉली चालक की वजह से हुआ है। वह गलत दिशा से आया। जिस कारण चालक की साइड से टक्कर लगी। वहीं सदर थाना प्रभारी मनोज कुमार का कहना हैकि ट्रैक्टर ट्राली चालक पर केस दर्ज कर लिया गया है।
इस हादसे में एंबुलेंस चालक अंकित व असलम भी घायल हुए हैं। उनकी टांगें टूट गई है। अंकित का कहना है कि उसकी गति अधिक नहीं थी। यह हादसा ट्रैक्टर ट्रॉली चालक की वजह से हुआ है। वह गलत दिशा से आया। जिस कारण चालक की साइड से टक्कर लगी। वहीं सदर थाना प्रभारी मनोज कुमार का कहना हैकि ट्रैक्टर ट्राली चालक पर केस दर्ज कर लिया गया है।
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