पानीपत में पुलिस के पहरे में आंबेडकर प्रतिमा, फोर्स देख कब्जा करने वाले खुद ही उठ गए
जीटी रोड पर रेस्ट हाउस के नजदीक जमीन का विवाद। कुछ लोगों ने आंबेडकर की मूर्ति रखकर वहां पर आंबेडकर भवन का बोर्ड लगा दिया। पुलिस ने एफआइआर दर्ज की। कार्रवाई की चेतावनी दी तो बोर्ड उठाया। अब मूर्ति को किसी भवन में रखा जाएगा।
पानीपत, जेएनएन - जीटी रोड पर रेस्ट हाउस के बीच जमीन पर कब्जे के मामले में एक पक्ष शांतिपूर्वक पीछे हट गया है। दरअसल, पुलिस की फोर्स देखकर, साथ ही चेतावनी की बात सुनकर पीछे हटाना ही उचित समझा। पुलिस ने साफ कह दिया था कि आप पर एफआइआर दर्ज हो चुकी है। अगर जगह को खाली नहीं किया तो कार्रवाई भी हो सकती है। इसके बाद लोगों ने बोर्ड और कुर्सी को आटो रिक्शा में डाला औरवहां से चले गए। हालांकि डा. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति वहीं की वहीं है। इसकी सुरक्षा के लिए तीन पुलिसकर्मी नियुक्त कर दिए गए हैं।
मामला जमीन पर कब्जे का है। माडल टाउन निवासी नलिन विज ने पुलिस को शिकायत देकर कहा था कि उनके दादा कुंदनलाल ने पचास साल पहले यहां पर जमीन खरीदी थी। जमीन पर उनके ही परिवार का कब्जा था। इस जमीन में उनके स्वजनों का भी हिस्सा है। चार दिन पहले सौ से ज्यादा लोगों ने इस जमीन पर आंबेडकर की प्रतिमा रख दी और कब्जा जमा लिया।
आंबेडकर भवन का बोर्ड लगाया
जमीन पर न केवल कब्जा किया, बल्कि आंबेडकर भवन का बोर्ड भी लगा लिया। पुलिस ने नलिन विज की शिकायत पर पांच लोगों के नाम से एफआइआर दर्ज करते हुए सौ लोगों को इसमें शामिल किया। आरोपितों ने जमीन के ऊपर कांटेदार तार भी लगा दिए। नलिन ने जब लोगों से कहा कि ये गलत कर रहे हो तो उनके साथ मारपीट भी की गई।
किसी भवन में रखेंगे मूर्ति
आंबेडकर की मूर्ति अब सुरक्षा घेरे में है। दरअसल, इसको नुकसान पहुंचाए जाने की आशंका है। अगर मूर्ति टूटती है तो राजनीतिक विवाद हो सकता है। इस वजह से तीन पुलिसकर्मी यहां नियुक्त किए गए हैं। इस मूर्ति को अब किसी भवन में रखा जाएगा।